The Lallantop

चर्चित IPS आनंद मिश्र ने पुलिस की नौकरी छोड़ी, बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा

आनंद मिश्र सोशल मीडिया पर काफी मशहूर हैं. आनंद मिश्र बिहार के ही रहने वाले हैं. उनका पैतृक गांव बक्सर से बिल्कुल सटा हुआ है.

Advertisement
post-main-image
IPS आनंद मिश्र. (फोटो सोर्स- इंडिया टुडे)

असम के सीनियर पुलिस ऑफिसर आनंद मिश्र (IPS Anand Mishra) ने पुलिस की नौकरी छोड़ दी है. इस्तीफ़ा दे दिया है. आनंद मिश्र असम-मेघालय कैडर के IPS ऑफिसर हैं. वो मणिपुर में मई महीने से जारी जातीय हिंसा (Manipur Violence) के दौरान बनाई गई SIT का भी हिस्सा रहे. आनंद मिश्रा सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हैं. उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा है कि वो ‘आजादी की जिंदगी’ जीना चाहते हैं. लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि आनंद मिश्र लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. चर्चा है कि आजकल में ही उनकी RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाक़ात हो सकती है.

Advertisement

मणिपुर भेजे जाने से पहले आनंद मिश्र असम के लखीमपुर जिले में कप्तान (SP) थे. असम सरकार के मुख्य सचिव को भेजे लेटर में आनंद ने अपने 'सामाजिक और व्यक्तिगत लक्ष्यों' की बात कही है. उन्होंने कहा है,

"ये पत्र, मेरे बिना शर्त IPS की नौकरी से इस्तीफ़े का है. मैं कई तरह की सामाजिक सेवा और दूसरे जरियों से अपनी आज़ाद जिंदगी जीना चाहता हूं. ये काम IPS के मैंडेट (नियम और आदेश) से परे हैं."

Advertisement

आनंद मिश्र ने असम सरकार से गुजारिश की है कि उनका इस्तीफ़ा 16 जनवरी, 2024 तक स्वीकार कर लिया जाए.

इंडिया टुडे नॉर्थ ईस्ट की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने ये संकेत दिया है कि आनंद मिश्र अपने गृह राज्य बिहार में BJP जॉइन कर सकते हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. ये भी संभावना जताई जा रही है कि आज या फिर कल उनकी संघ प्रमुख मोहन भागवत से एक जरूरी मुलाक़ात हो सकती है. ये मीटिंग असम के माजुली में होगी. मोहन भागवत भी माजुली की दो दिन की यात्रा के लिए डिब्रूगढ़ पहुंचे हुए हैं.

Advertisement
बिहार के रहने वाले हैं आनंद

आनंद मिश्र बिहार के भोजपुर जिले में पड़सौरा गांव के रहने वाले हैं. लेकिन परवरिश और पढ़ाई कोलकाता में हुई. उनके पिता कोलकाता में हिंदुस्तान मोटर्स में इंजीनियर थे. उनकी पैदाइश साल 1989 की है. एक इंटरव्यू  में आनंद बताते हैं कि उन्होंने बहुत कम उम्र में ही तय कर लिया था कि पुलिस सर्विसेज में जाना है. कोलकाता के जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी की. और साल 2011 में असम-मेघालय कैडर के IPS बने. असम के नगांव जिले में तैनाती के दौरान ड्रग माफिया पर सख्त कार्रवाई को लेकर आनंद मिश्र खूब चर्चा में रहे थे. गिटार, म्यूजिक और एडवेंचरस स्पोर्ट्स का शौक रखने वाले आनंद मिश्र को राष्ट्रपति से पराक्रम पदक और कई विशिष्ट सेवा मेडल मिले हैं.

आनंद मिश्र ने जब नगांव छोड़ा तो, स्थानीय लोग रो रहे थे. वो लोग आनंद के तबादले से निराश थे. एक इंटरव्यू में आनंद बताते हैं कि

“इस इलाके में साक्षरता की कमी है. अपराध का पुराना इतिहास है. इसलिए हमें पता था कि यहां जो भी कार्रवाई करनी है लगातार करनी होगी. हमने कुछ भी किसी को बताने के लिए नहीं किया, वो किया जो जरूरी था. हमारा मानना था कि जो आम लोग हमें उम्मीद की नजर से देखते हैं कि कुछ अच्छा होगा, उन्हें निराश नहीं करना है. हमारी पूरी टीम ने जो काम शुरू किया उसे एक मिशन की तरह एक अंजाम तक पहुंचाया. मुझे लगता है कि मैं तो बस चेहरा बन गया, इलाके से अपराध ख़त्म करना एक पूरी टीम का काम था.”

आनंद, पैतृक गांव पड़सौरा बिहार के बक्सर जिले से बिल्कुल सटा हुआ है. शायद इसीलिए मीडिया रिपोर्ट्स में ये कयास लगाया जा रहा है कि आनंद मिश्र बक्सर लोकसभा सीट से BJP के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. इस सीट पर ब्राह्मण वोटर्स अच्छी तादाद में हैं. फिलहाल BJP के अश्विनी चौबे यहां से सांसद हैं.

वीडियो: मिर्जापुर के बबलू पंडित और IPS मनोज शर्मा UPSC, इश्क, स्ट्रगल पर क्या बोले?

Advertisement