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मणिपुर में भीषण गोलीबारी के बाद '13' शव मिले: रिपोर्ट

मणिपुर के तेंगनोउपल जिले के एक गांव में '13' लोगों के शव मिले हैं. जानकारी के मुताबिक यहां 4 दिसंबर को दो गुटों के बीच भीषण गोलीबारी हुई थी.

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At least 13 killed in Manipur village gunfight
मणिपुर में गश्त करते भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवान (फाइल फोटो: AFP)
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सुरभि गुप्ता
4 दिसंबर 2023 (Updated: 4 दिसंबर 2023, 06:25 PM IST)
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मणिपुर (Manipur) में एक बार फिर बड़े स्तर पर हिंसा हुई है. सोमवार, 4 दिसंबर को यहां दो समूहों के बीच हुई भीषण गोलीबारी के बाद ‘13’ शवों के मिलने की जानकारी दी गई है. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मणिपुर पुलिस के एक अधिकारी के हवाले से ये खबर दी है.

रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया,

“उनके शव तेंगनोउपल जिले के एक गांव में मिले हैं. उन पर गोलियों के जख्म थे.”

अधिकारी ने बताया है कि दोनों गुटों के बीच भारी गोलीबारी हुई थी. लेकिन ये कौन से गुट थे, ये फिलहाल साफ नहीं है.

ये भी पढ़ें- मणिपुर के सबसे बड़े उग्रवादी गुट UNLF का केंद्र सरकार से शांति समझौता, अमित शाह ने क्या बताया?

इंडिया टुडे की बेबी शिरीन की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि तेंगनोउपल के लेतीथू गांव के पास दो गुटों के बीच फायरिंग हुई. फायरिंग की सूचना मिलने पर सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे, जहां से ‘13’ शव बरामद किए गए हैं. पुलिस को उन शवों के पास से कोई हथियार नहीं मिले हैं.  

रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मृतक गांव के स्थानीय निवासी नहीं लग रहे. ऐसा लग रहा है कि ये लोग कहीं और से आए थे और फायरिंग में शामिल थे. अभी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है. 3 दिसंबर को ही तेंगनोउपल जिले में कुकी-जो जनजातीय समूहों ने भारत सरकार और UNLF के बीच हुए 'शांति समझौते' का स्वागत किया था. 

मणिपुर में बीते कई महीनों से मैतई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा जारी है. इसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. हालांकि बीते कुछ दिनों से हालात थोड़े सामान्य दिखने लगे थे. इसके चलते सरकार ने राज्य में 3 दिसंबर को इंटरनेट पर लगे बैन को भी हटा लिया (कुछ क्षेत्रों को छोड़ कर) था. ये राहत 18 दिसंबर तक के लिए थी. लेकिन उससे पहले ही गोलीबारी की इस घटना ने मणिपुर के अंदरूनी हालात की हकीकत सामने रख दी है.

(खबर अपडेट हो रही है…)

वीडियो: मणिपुर में एक्टिविस्ट लोइटोंगबाम के घर तोड़फोड़ के मामले में UN ह्यूमन राइट्स ने सरकार से क्या कहा?

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