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इन छ: किताबों में से एक को मिलेगा पचास लाख का इनाम!

2025 के अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता की घोषणा 20 मई को लंदन में की जाएगी. इस साल के लिए 154 किताबों में से 6 किताबों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. इनमें से एक लेखक भारतीय भी हैं.

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बुकर की शॉर्टलिस्टेड किताबें

छोटी बहन की मौत से उपजा दुख या दक्षिण भारत की मुस्लिम लड़कियों की ज़िंदगी. कारखाने में बनते बच्चे या सोशल मीडिया पर परफेक्ट दिखता खोखला होता कपल. एक कॉल के बाद दर्जनों की मौत की जिम्मेदार मानी गई औरत या वो औरत जो साल भर से एक ही दिन जी रही है. किसकी कहानी को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार?

तो बात कुछ ऐसी है कि किताबों की दुनिया का बहुत बड़ा इनाम होता है. “अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार” (International Booker Prize). इनाम सिर्फ फिक्शन यानी काल्पनिक कहानी या उपन्यास लिखने वालों को दिया जाता है. लेकिन पेच ये है कि किताब का अंग्रेजी में होना अनिवार्य है, भले ही वो मूल रूप से किसी भी भाषा में लिखी गयी हो. ये काम आसान बनाते हैं अनुवादक. इसीलिए ‘टूंब ऑफ सैंड’ के साथ गीतांजलि श्री के नाम के बाद डेज़ी रॉकवेल का नाम आता ही आता है.  अनुवादक इतने ज़रूरी कि इस अवॉर्ड की 50000 पाउंड्स माने लगभग 56 लाख रूपये की अवॉर्ड मनी को अनुवादक और लेखक के बीच में बराबर रूप से बांटा जाता है.

2025 के अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता की घोषणा 20 मई को लंदन में की जाएगी. इस साल के लिए 154 किताबों में से 6 किताबों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. शॉर्टलिस्ट माने फाइनलिस्ट, बुकर मिलेगा तो इन्हीं में से किसी को मिलेगा. आपकी दिलचस्पी के लिए बता दें, एक भारतीय नाम भी है. अब अगर आपकी दिलचस्पी बढ़ी है कि इन छ: किताबों में आखिर ऐसा है क्या कि 50 लाख से ऊपर की प्राइज मनी दांव पर है. तो हम बताते हैं हर किताब की और उसे लिखने वाले की कहानी.  

सबसे पहले शॉर्टलिस्ट हुई उन छ: किताबों और उनके लेखकों के नाम जान लीजिए.

  1. ऑन द कैलकुलेशन ऑफ वॉल्यूम . (लेखक: सोल्वेज बैले)
  2. स्मॉल बोट (लेखक: विंसेंट डेलेक्रोइक्स)
  3. अंडर द आई ऑफ द बिग बर्ड (लेखक: हिरोमी कावाकामी)
  4. परफेक्शन (लेखक: विंसेन्ज़ो लैट्रोनिको)
  5. हार्ट लैंप (लेखक: बानू मुश्ताक)
  6. ए लेपर्ड-स्किन हैट (लेखक: ऐनी सेरे)
     

आइए, अब एक-एक कर हर किताब पर बात करते हैं-

1.) ऑन द कैलकुलेशन ऑफ वॉल्यूम
लेखक: सोल्वेज बैले
अनुवादक: बारबरा जे. हैवेलैंड
मूल भाषा: डेनिश
 

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सोर्स- बुकर प्राइज वेबसाइट 

सोल्वेज बैले की सात भागों वाली एक बड़ी कहानी का यह पहला पार्ट है. यह तारा सेल्टर के बारे में है, जो एक ऐसे समय में फंस गई है जहां वो हर दिन 18 नवंबर को ही जीती है. वो हर सुबह पेरिस के एक होटल में उठती है और उसे सब कुछ वैसा ही लगता है जैसा पहले दिन था: हल्की सुबह की रोशनी, एक काली चिड़िया का गाना, और उसके पति का हैरान होना कि वह फिर से आ गई. तारा को तो वह दिन अच्छे से याद है, लेकिन उसके आसपास के लोग उसे सिर्फ एक ही दिन मानते हैं और उसकी बातों पर विश्वास नहीं करते. जब वो उस दिन को 365वीं बार जीने वाली होती है, तो तारा को लगता है कि शायद इस दोहराव से निकलने का कोई रास्ता है. क्या रास्ता है, ये जानना है तो आपको इस ब्लैक स्क्रीन से बहार जाकर किताब के ब्लैक वर्ड्स पकड़ने होंगे. सात भागों में से पांच भाग डेनिश में पहले ही छप चुके हैं और 20 से ज़्यादा भाषाओं में इसका अनुवाद हो रहा है.

लिखने वाले कौन हैं?

इसे लिखा है सोल्वेज बैले ने जो डेनमार्क की एक लेखिका, प्रकाशक, अनुवादक और कवयित्री हैं. उन्होंने 1986 में पहली बार कहानी लिखी थी. उन्हें उनकी किताब "अकॉर्डिंग टू द लॉ: फोर अकाउंट्स ऑफ मैनकाइंड" के लिए जाना जाता है.

2.) स्मॉल बोट
लेखक: विंसेंट डेलेक्रोइक्स
अनुवादक: हेलेन स्टीवेंसन
मूल भाषा: फ्रेंच
 

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सोर्स- बुकर प्राइज वेबसाइट 

ये कहानी नवंबर 2021 में घटी शोक भरी एक सच्ची घटना पर आधारित है. कुछ लोग एक छोटी सी रबर की नाव में फ्रांस से इंग्लैंड जा रहे थे और उनकी नाव डूब गई, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई. ये कहानी उस औरत के बारे में है, जिसे उन लोगों के मुसीबत में होने का फोन आया था. अब लोग उसे हादसे के लिए दोषी मान रहे हैं. फ्रांसीसी अधिकारियों ने गलती से उन लोगों को ब्रिटिश अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा था, क्योंकि उन्हें लगा कि वे ब्रिटेन के पानी में हैं, जिससे बचाव में देरी हुई. कहानी कहने वाली औरत सोचती है कि उसे उन बड़ी ताकतों से ज़्यादा क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए. जैसे कि युद्ध, मुसीबतें, या खुद समुद्र  जिनकी वजह से ये पूरा हादसा हुआ. "स्मॉल बोट" एक दुख भरी नैतिक कहानी है जो समाज की सबसे बड़ी असफलताओं का सामना करने के लिए कहानियों का इस्तेमाल करती है.

लेखक-परिचय

विंसेंट डेलेक्रोइक्स का जन्म पेरिस में हुआ था. वो एक फ्रांसीसी दार्शनिक और लेखक हैं. उन्हें 2007 में अपनी किताब "Ce qui est perdu" के लिए Prix Valery Larbaud पुरस्कार मिला था.

3.) अंडर द आई ऑफ द बिग बर्ड
लेखक: हिरोमी कावाकामी
अनुवादक: असा योनेदा
मूल भाषा: जापानी
 

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सोर्स- बुकर प्राइज वेबसाईट 

ये एक ऐसी कहानी है जो भविष्य की कल्पना करती है, जहां इंसान खत्म होने के कगार पर हैं और छोटे-छोटे समूहों में बिखरे हुए हैं. उन पर रहस्यमयी "मां" जैसी कोई चीज़ नज़र रखती है. कुछ बच्चों को कारखानों में जानवरों की कोशिकाओं से बनाया जाता है, जबकि कुछ पौधों की तरह जीते हैं, सिर्फ रोशनी और पानी से. इंसानों को बचाने के लिए उन्हें एलियन जैसे जीवों के साथ बच्चे पैदा करने पड़ते हैं, लेकिन यह पक्का नहीं है कि उनके बीच प्यार और बच्चे पैदा करने का सिलसिला आगे भी चलेगा या नहीं. ये कहानी बहुत लंबे समय तक चलती है और यह दिखाती है कि इंसान कैसे होते हैं उनमें कमज़ोरियां भी होती हैं और अच्छी बातें भी.

लेखक के बारे में- 
हिरोमी कावाकामी का जन्म 1958 में टोक्यो में हुआ था. वो जापान की एक मशहूर उपन्यासकार हैं, जिन्हें उनकी दुनिया भर में बिकने वाली किताब "स्ट्रेंज वेदर इन टोक्यो" (2001) के लिए सबसे ज़्यादा जाना जाता है.

4.) परफेक्शन
लेखक: विंसेन्ज़ो लैट्रोनिको
अनुवादक: सोफी ह्यूजेस
मूल भाषा: इतालवी
 

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सोर्स-  बुकर प्राइज वेबसाइट 

यह एक ऐसी कहानी है जो समाज को गहराई से देखती है. यह बर्लिन में रहने वाले अन्ना और टॉम नाम के एक कपल के बारे में है, जो बाहर से देखने पर लगता है कि बहुत अच्छी ज़िंदगी जी रहे हैं, सस्ता घर, रचनात्मक काम और दोस्तों का एक बढ़िया ग्रुप. उनकी ज़िंदगी सोशल मीडिया पर बहुत अच्छी दिखती है. जिसमें वे धीरे-धीरे खाना बनाते हैं, डेनिश डिज़ाइन की चीज़ें इस्तेमाल करते हैं और खुले विचारों वाले हैं. लेकिन अंदर ही अंदर वे बढ़ते हुए असंतोष से जूझ रहे हैं. उनके दोस्त आगे बढ़ रहे हैं, उनका काम बोरिंग हो गया है, और उनके छोटे-छोटे राजनीतिक काम, जैसे ऊबर का इस्तेमाल न करना या ज़्यादा टिप देना उन्हें बेकार लगते हैं. असली खुशी और मतलब की तलाश में अन्ना और टॉम कुछ अजीब कदम उठाते हैं, लेकिन उन्हें वह सुकून नहीं मिलता जो वे चाहते हैं.

किसकी कलम से उतरी है ये कहानी?

विंसेन्ज़ो लैट्रोनिको का जन्म रोम में हुआ था. वो एक इतालवी उपन्यासकार, अनुवादक और कला समीक्षक हैं जिन्होंने जॉर्ज ऑरवेल और एफ. स्कॉट फिट्जगेराल्ड जैसे लेखकों की किताबों का इतालवी में अनुवाद किया है.

5.) हार्ट लैंप
लेखक: बानू मुश्ताक
अनुवादक: दीपा भस्ती
मूल भाषा: कन्नड़
 

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सोर्स- बुकर प्राइज वेबसाइट 

यह 12 कहानियों का एक संग्रह है जो दक्षिण भारत के मुस्लिम समुदाय में रहने वाली महिलाओं और लड़कियों की ज़िंदगी के बारे में है. बानू मुश्ताक अपनी बुद्धि और प्यार भरे हास्य के साथ परिवार के अंदर की बातें, समाज के दबाव और लोगों के अपने संघर्षों को दिखाती हैं. उनकी कहानियां बहुत ही जीवंत हैं और उनमें ऐसे किरदार हैं, प्यारे बच्चे, हिम्मत वाली दादी, कमज़ोर आदमी और मज़बूत मांएं जिनकी भावनाएं हमें गहराई से छू जाती हैं. बानू मुश्ताक एक लेखिका होने के साथ-साथ महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली और जाति और धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली भी हैं, और उनकी कहानियों में यह सब दिखता है.

कौन हैं लेखक?

बानू मुश्ताक भारत के कर्नाटक में रहती हैं. वो पेशे से एक लेखिका, कार्यकर्ता और वकील हैं. 1970 के दशक से वह प्रगतिशील साहित्यिक मंचों पर सक्रिय हैं और उन्होंने छह कहानी संग्रह, एक उपन्यास, निबंध और कविताएं लिखी हैं.

6.) ए लेपर्ड-स्किन हैट
लेखक: ऐनी सेरे
अनुवादक: मार्क हचिंसन
मूल भाषा: फ्रेंच

 

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फोटो- बुकर प्राइज वेबसाईट

ये उपन्यास कहानी कहने वाले और उसकी बचपन की दोस्त फैनी के बीच गहरे, बिना किसी शारीरिक आकर्षण वाले रिश्ते की पड़ताल करता है. फैनी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर परेशानियां हैं. कहानी कहने वाला अपनी टूटी-फूटी यादों से, जो समय के साथ बदलती रहती हैं, उस मुश्किल और पेचीदा फैनी को समझने की कोशिश करता है, जिसकी असली पहचान हमेशा थोड़ी दूर ही लगती है. ऐनी सेरे ने यह बहुत ही भावुक किताब अपनी छोटी बहन की मौत के बाद लिखी थी, और यह उनकी दोस्ती के प्यार और दर्द को दिखाता है.

लेखक-परिचय:

ऐनी सेरे का जन्म 1960 में बोर्डो में हुआ था. उन्होंने 17 उपन्यास, कई छोटी कहानियां और निबंध लिखे हैं. उनके पहले उपन्यास, "लेस गवर्नांटेस" को बहुत सराहा गया था, और उन्होंने इससे पहले एक मशहूर महिलाओं की पत्रिका में एक छद्म नाम से पुस्तक संपादक के तौर पर भी काम किया था.

अब देखते हैं किस किताब के हिस्से में आता है बुकर. पर आप अपनी बुक को बुक करने के लिए बुकर का वेट मत कीजिए. ऊपर की शॉर्टलिस्ट में से जितनी किताबें आपको पसंद आई हो. तुरंत मंगाकर पढ़ डालिए. Happy Reading!

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