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देश की पहली 'पॉड कार' आ रही, किराए से लेकर रूट तक सारी बातें जान लीजिए

दुनिया का सबसे लंबा कॉरिडोर बनेगा, कितने करोड़ खर्च होंगे?

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योगी सरकार ने पॉड टैक्सी के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है (फोटो सोर्स- आज तक)

देश की पहली ‘पॉड टैक्सी’ नोएडा में चलेगी. प्रोजेक्ट को उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिल गई है. लोकेशन होगी जेवर एयरपोर्ट से प्रस्तावित नई फिल्म सिटी के बीच. 14 किलोमीटर से ज्यादा के इस कॉरिडोर की लागत करीब 641 करोड़ रुपए आंकी गई है. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने इस प्रोजेक्ट के लिए रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है. चलिए इस पूरे प्रोजेक्ट की ख़ास बातें जानते हैं.

पॉड टैक्सी क्या है?

पॉड टैक्सी या पॉड कार को औपचारिक रूप से पर्सनल रैपिड ट्रांजिट कहा जाता है. ये पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक तरीका है. दुनिया के बहुत कम देशों में इस तरीके का ट्रांसपोर्ट सिस्टम मौजूद है. इसके तहत छोटी कार जैसे वाहन होते हैं. ये कारें ऑटोमेटेड या गाइडेड ट्रैक पर चलती हैं. माने इनमें ड्राइवर नहीं होता. इसके ट्रैक, रेलवे के ट्रैक या फिर केबल नेटवर्क की तरह के होते हैं.

दुनिया में कहां-कहां?

दुनिया में अब तक की सबसे लंबी पर्सनल रैपिड ट्रांजिट सर्विस यानी PRT सर्विस, अमेरिका के वर्जीनिया प्रांत में है. इसका ट्रैक 13.2 किलोमीटर लंबा है. और ये साल 1975 से सेवा में है. जबकि इस वक्त दुनिया में दूसरा सबसे लंबा पीआरटी कॉरिडोर चीन में है. ये 9.7 किलोमीटर लंबा है. इसके अलावा साउथ कोरिया में 4.6 किलोमीटर, लंदन में 3.9 किलोमीटर और UAE में 1.4 किलोमीटर लंबा PRT कॉरिडोर है.

भारत में PRT सर्विस

नोएडा का ये प्रोजेक्ट भारत में PRT सर्विस का पहला प्रोजेक्ट होगा. हालांकि देश में इससे पहले भी PRT सर्विस लाने का सोचा जा चुका है. साल 2010 में हरियाणा सरकार ने पॉड टैक्सी कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन उस पर काम नहीं हो पाया. फिर साल 2016 में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने गुड़गांव और दिल्ली को जोड़ने के लिए पॉड कार नेटवर्क के लिए टेंडर जारी किया. कंपनियों की तरफ से आवेदन भी आए. लेकिन प्लान आगे नहीं बढ़ पाया. और अब उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है.

नोएडा PRT प्रोजेक्ट

आज तक से जुड़े तनसीम हैदर की एक खबर के मुताबिक, यीडा के CEO अरुण वीर सिंह ने कहा है कि कॉरिडोर के लिए जमीन तय कर ली गई है. और दुनिया में सिर्फ 5, 6 कंपनियां ही हैं, जिनके पास पॉड टैक्सी सिस्टम डेवेलप करने की विशेषज्ञता है. और अब तक इन सभी कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई है.

रूट, स्पीड और किराया

प्रोजेक्ट की डिटेल्ड रिपोर्ट (DPR) के मुताबिक, जेवर एयरपोर्ट से नई प्रस्तावित फिल्म सिटी के बीच कुल लंबाई 5.5 किलोमीटर है. अरुण वीर सिंह ने कहा है कि पॉड टैक्सी की उपयोगिता बढ़ाने के लिए यीडा के सेक्टरों में भी इसका ट्रैक ले जाने का सुझाव रिपोर्ट में रखा गया है. पॉड टैक्सी, यीडा के सेक्टर 21,28,29,32 और 33 होते हुए कुल 14.6 किलोमीटर के कॉरिडोर में चलेगी.

DPR के मुताबिक कॉरिडोर में ये पॉड टैक्सी, रेल ट्रैक पर चलेंगी. पहले चरण में 01 पॉड टैक्सी चलाने की योजना है. 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ये पॉड टैक्सी, एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक की दूरी 20 मिनट में तय करेगी. इसमें एक बार में 4 से 6 लोग बैठकर ट्रैवल कर सकते हैं. इसका किराया 10 रुपए प्रति किलोमीटर रखा जाएगा. शुरुआती अनुमान के मुताबिक रोजाना 37 हजार मुसाफिर इसमें सफर करेंगे.