कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को बारूद के ढेर पर ला खड़ा किया है. एलओसी से लेकर इंटरनेशनल बॉर्डर तक हर रोज़ गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दे रही है. पाकिस्तानी सेना सीजफायर का रोज़ उल्लंघन कर रही है और भारतीय जवान पलटवार में दो कदम आगे निकल रहे हैं. जल, थल और नभ-तीनों मोर्चों पर सेनाएं युद्धाभ्यास कर रही हैं.
पाकिस्तान की फौज, चीन के हथियार, भारत से जंग हुई तो दोनों की पोल खुल जाएगी
Chinese Arms in Pakistan Army: पाकिस्तान की सेना के ज़्यादातर हथियार चीन से आए हैं. फाइटर जेट्स हों या मिसाइल, ड्रोन हों या फिर सबमरीन, पाकिस्तान की तीनों सेनाएं हथियार के मामले में चीन के भरोसे हैं. लेकिन क्या चीनी हथियार युद्ध में भरोसेमंद हैं? पहलगाम हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत-पाक तनाव (Indo-Pak Border Tension) के बीच दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञ ये अहम सवाल उठा रहे हैं.

पाकिस्तान अब पुराने राग पर लौट आया है-कभी परमाणु हमले की धमकी देता है, तो कभी दुनिया से रो-रोकर कहता है कि भारत हमला करने वाला है,"प्लीज उसे रोको". लेकिन इस बार सिर्फ जंग की बात नहीं हो रही, इस बार चर्चा में हैं पाकिस्तान के वो हथियार जो चीन की फैक्ट्रियों में बनते हैं.
दरअसल पाकिस्तान की फौज का बड़ा हिस्सा चीनी हथियारों पर टिका है. लड़ाकू विमान से लेकर टैंक, ड्रोन, मिसाइल और पनडुब्बी तक-सब कुछ या तो चीन से आया है या वहीं बना है. अब दुनिया सवाल पूछ रही है कि अगर भारत-पाक के बीच सच में जंग छिड़ गई तो ये चीनी हथियार कितने दमदार साबित होंगे? क्योंकि कागज़ पर तो ये शेर हैं, लेकिन ज़मीन पर इम्तिहान कभी दिया ही नहीं. वॉर-टेस्टेड नहीं हैं.
तो आइए, जानते हैं वो कौन-कौन से चीनी हथियार हैं जिन पर पाकिस्तान ने अपनी फौजी ताकत की इमारत खड़ी की है, और जिनकी असलियत अब सवालों के घेरे में है-

JF-17 एक हल्का और मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है जिसे चीन और पाकिस्तान ने मिलकर तैयार किया है. पाकिस्तान इसे अपनी वायुसेना की रीढ़ मानता है.
क्या-क्या कर सकता है: ये फाइटर जेट हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर वार कर सकता है. इसमें PL-15 जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें लग सकती हैं.
पाकिस्तान का दावा: पाकिस्तान की प्रमुख डिफेंस वेबसाइट Pakistan Defence (https://defence.pk/forums/jf-17-thunder.108/) का दावा है कि ये फाइटर भारत के मिराज और पुराने F-16 की जगह ले चुका है. 2019 में बालाकोट स्ट्राइक के बाद हुए एयर डॉगफाइट में पाक ने दावा किया था कि इसी विमान से भारतीय मिग-21 को मार गिराया गया.
दिक्कत क्या है: इस विमान का कोई बड़ा युद्ध अनुभव नहीं है. इसकी एवियोनिक्स, इंजन और रडार पर सवाल उठते हैं. इसका इंजन रूस का RD-93 है, और अब रूस खुद इसके एक्सपोर्ट पर आपत्ति जता चुका है.

एयरक्राफ्ट और फाइटर जेट्स की खबर रखने वाली प्रमुख वेबसाइट The Aviationist (https://theaviationist.com/) चीन का एडवांस मल्टीरोल फाइटर जिसे पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी वायुसेना में शामिल किया है. इसे 'Rafale Killer' तक कहा जा चुका है.
क्या-क्या कर सकता है: इसमें AESA रडार है, लंबी दूरी तक मार करने वाली PL-15 मिसाइल है और स्टील्थ जैसी टेक्नोलॉजी भी है.
पाकिस्तान का दावा: इसे राफेल फाइटर का तोड़ बताया जा रहा है. पाकिस्तानी मीडिया इसे 'गेम चेंजर' कह रही है.
दिक्कत क्या है: इस विमान ने अभी तक कोई असली जंग नहीं देखी. इसकी परफॉर्मेंस सिर्फ एक्सरसाइज़ या परेड में ही दिखी है. विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी तौर पर ये Rafale से पीछे है-चाहे बात रेंज की हो, स्टील्थ की हो या मल्टी-टारगेटिंग की.
ड्रोन और UAV सिस्टम: आसमान के जासूस या तकनीकी खिलौने?
Wing Loong II: ग्लोबल सिक्योरिटी पोर्टल के मुताबिक के मुताबिक Wing Loong II चीन का बना हुआ मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) अटैक ड्रोन है. दिखने में अमेरिकी MQ-9 Reaper जैसा लगता है.
क्या-क्या कर सकता है: इसमें कैमरे, सेंसर और मिसाइलें लगी होती हैं. ये लगातार 24 घंटे उड़ सकता है और दुश्मन पर रॉकेट या लेजर गाइडेड बम गिरा सकता है.
पाकिस्तान का दावा: पाकिस्तान इसे आतंकवाद विरोधी अभियानों और बॉर्डर पर निगरानी के लिए इस्तेमाल करता है.
दिक्कत क्या है: इसे यमन, इथियोपिया और लीबिया जैसे इलाकों में इस्तेमाल किया गया, लेकिन कई बार यह तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से गिरा. इसकी नेविगेशन और लक्ष्य साधने की क्षमता को लेकर गंभीर सवाल उठ चुके हैं.
मिसाइलें और रॉकेट: दिखती हैं खतरनाक, मगर…Shaheen-III: Global Missile Threat के मुताबिक पाकिस्तान की सबसे लंबी रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल जो भारत के किसी भी कोने को निशाना बना सकती है.

क्या-क्या कर सकती है: इसकी रेंज 2,750 किमी है और इसे मोबाइल लॉन्चर WS21200 TEL से दागा जा सकता है.
पाकिस्तान का दावा: इसे 'डिटरेंस' यानी रोकथाम के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. पाक कहता है इससे भारत की रणनीतिक बढ़त खत्म हो जाती है.
दिक्कत क्या है: इसकी सटीकता यानी टारगेट हिट करने की क्षमता पर हमेशा शक रहा है. मिसाइल टेस्ट तो हुए हैं, लेकिन इंटरनेशनल एक्सपर्ट इसे तकनीकी तौर पर अस्थिर मानते हैं.
A-100 रॉकेट सिस्टम: गोलियों की बारिशडिफेंस मैगज़ीन Strategic Defencere View ये चीन का बना मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम है. जो कम समय में ढेर सारे रॉकेट दाग सकता है.

क्या-क्या कर सकता है: एक बार में 300mm कैलिबर के 10-12 रॉकेट फायर कर सकता है. रेंज 100 किमी तक जाती है.
पाकिस्तान का दावा: इसे फ्रंटलाइन पर तेजी से रिएक्शन देने वाले हथियार के तौर पर देखा जाता है.
दिक्कत क्या है: इसकी सटीकता अभी भी सवालों में है. कई बार देखा गया है कि टारगेट से भटककर ये सिस्टम 'फ्रेंडली फायर' का कारण बन सकता है.
एयर डिफेंस सिस्टम: रक्षा या दिखावा?HQ-16 (LY-80): ये एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है. चाइना मिलिट्री ऑनलाइन के मुताबिक ये ड्रोन क्रूज़ मिसाइल और फाइटर जेट्स को निशाना बना सकती है.

क्या-क्या कर सकती है: 40 किमी तक के टारगेट को ट्रैक और हिट कर सकती है. इसमें मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट सिस्टम है.
पाकिस्तान का दावा: इसे भारत के एयरस्ट्राइक जैसे हमलों को रोकने के लिए खरीदा गया है.
दिक्कत क्या है: डिफेंस पोर्टल एयरफोर्स टेक्नोलॉजी के मुताबिक इसका वर्जन पुराना है और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के मामले में पिछड़ा माना जाता है. यह तेज़ और स्टील्थ टारगेट्स को पकड़ पाने में कमजोर साबित हुआ है.
नौसेना सिस्टम: पानी में चीन का पंजाType-054A/P फ्रिगेट: पाकिस्तान नेवी की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक ये एक एडवांस्ड मिसाइल फ्रिगेट है जो सतह से सतह, सतह से हवा और एंटी-सबमरीन युद्ध कर सकता है.

क्या-क्या कर सकता है: इसमें YJ-83 एंटी-शिप मिसाइल, HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम और ASW रॉकेट लगे होते हैं.
पाकिस्तान का दावा: ये पाकिस्तान की समुद्री ताकत को दुगुना कर देगा.
दिक्कत क्या है: मिलिट्री डॉट कॉम के मुताबिक ये सिस्टम चीन की जरूरतों के हिसाब से डिज़ाइन हुआ है, न कि अरब सागर की जलवायु के लिए. इसके रखरखाव और सप्लाई चेन को लेकर हमेशा दिक्कतें आई हैं.
Hangor-class पनडुब्बी: ये चीन में बनी डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है जिसमें स्टील्थ तकनीक और टॉरपीडो मिसाइलें होती हैं.
क्या-क्या कर सकती है: पाकिस्तान नेवी की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक इसमें एंटी-शिप और एंटी-सबमरीन हथियार लगे हैं. इसकी स्टील्थ क्षमता इसे 'शांत हत्यारा' बनाती है.

पाकिस्तान का दावा: अरब सागर में भारत की नौसेना पर नजर रखने के लिए इसे बहुत अहम बताया गया है.
दिक्कत क्या है: इसकी बैटरी और पावर सिस्टम को लेकर पहले भी टेक्निकल फेल्योर सामने आ चुके हैं. स्टील्थ का दावा अब तक थ्योरी तक ही सीमित है.
चीन-पाकिस्तान रक्षा गठजोड़: दोस्ती गहरी या मजबूरी की शादी?पाकिस्तान के कुल हथियार आयात का 80% हिस्सा चीन से आता है. दोनों मिलकर हथियार बनाते हैं, तकनीक साझा करते हैं और युद्धाभ्यास भी करते हैं. लेकिन इस गठजोड़ पर भी सवाल उठते हैं. सवाल कि क्या पाकिस्तान चीन के 'सस्ते हथियार डंप' का टेस्टिंग ग्राउंड बन गया है? क्या इन हथियारों की गुणवत्ता भरोसे लायक है? और सबसे बड़ा सवाल कि क्या ये साझेदारी दक्षिण एशिया की स्थिरता को खतरे में डाल रही है?
अग्निपरीक्षा अभी बाकी हैजंग छिड़े या ना छिड़े, लेकिन अगर भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आते हैं तो पाकिस्तान की फौज ही नहीं, चीन के बनाए हथियारों की भी अग्निपरीक्षा होगी. ये देखा जाएगा कि कागज़ी शेर असल जंग में दहाड़ते हैं या दम तोड़ देते हैं.
फिलहाल तो दुनिया बस यही देख रही है कि 'ड्रैगन के हथियार' किस हद तक 'जंगी मैदान' में टिक पाते हैं.
वीडियो: दुनियादारी: भारत-पाक में जंग छिड़ी तो कौन किसकी तरफ़ होगा?