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जापान ने फाइटर जेट के लिए भारत को न्योता भेजा, पाकिस्तान और चीन टेंशन में आ गए

Pakistan के साथ सीमा पर तनाव के बीच India के लिए Japan से अच्छी ख़बर आई है. चीन के छठवीं पीढ़ी के J-36 Stealth फाइटर जेट का सामना करने के लिए जापान ने भारत को Global Combat Air Programme यानी GCAP में शामिल होने का ऑफर दिया है.

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GCAP का मॉडल (PHOTO-X)

पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के बाद पाकिस्तान से तनाव (India Pakistan Tension) के बीच भारत को एक ऐसा ऑफर आया है जो निश्चित तौर पर पाकिस्तान की टेंशन बढ़ाने वाला है. भारत को इटली, जापान और ब्रिटेन के एक साझा विमान प्रोजेक्ट ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (Global Combat Air Programme - GCAP) से जुड़ने का ऑफर मिला है. ये एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य एक छठवीं पीढ़ी (6th Gen Fighter Aircraft) को डेवलप करना है. इस जेनरेशन का एक भी एयरक्राफ्ट ऑपरेशनल तौर पर मौजूद नहीं है. चीन ने दावा तो किया है कि उसने J-36 नाम का 6th जेनरेशन एयरक्राफ्ट बना लिया है. लेकिन, ये खबर बस दावे और कुछ तस्वीरों तक ही सीमित है. ऐसे में भारत को मिले इस ऑफर को काफी अहम माना जा रहा है.

GCAP

GCAP एक छठवीं पीढ़ी के विमान का प्रोग्राम है. ये इटली, जापान और ब्रिटेन का साझा प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य उनके पुराने फाइटर जेट्स Eurofighter Typhoon को रिप्लेस करना है. इस प्रोग्राम को इटैलियन कंपनी लियोनार्डो(Leonardo), जापानी कंपनी मित्शुबिशी (Mitsubishi) और ब्रिटेन की BAE सिस्टम्स लीड कर रही है. यूरेशियन टाइम्स ने जापान के सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत को इसमें चौथे पार्टनर के रूप में आमंत्रित किया गया है. और ये न्योता जापान की पहल पर आया है. जो भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर है. GCAP में नए पार्टनर्स को जोड़कर देशों के बीच डिफेंस और इंडस्ट्रियल आधार को मजबूत करना है. साथ ही इससे प्रोग्राम में लगने वाले समय और लागत में भी कमी आएगी. इससे पहले स्वीडन GCAP प्रोग्राम से जुड़ा था, लेकिन नवंबर 2023 में उसने GCAP से हाथ खींच लिए. 

स्वीडन के बाद सऊदी अरब ने इस प्रोग्राम में सहभागिता करने की इच्छा जताई है. हालांकि जापान ने कथित तौर पर सऊदी अरब की एंट्री का विरोध किया है. जापान ने किसी भी नए पार्टनर के लिए तीन मौजूदा सदस्यों ब्रिटेन, जापान और इटली की सर्वसम्मति से स्वीकृति की जरूरत पर पर जोर दिया है. इससे पहले जर्मनी भी GCAP में संभावित पार्टनरशिप के लिए एक अप्रत्याशित उम्मीदवार के रूप में उभरा था. लेकिन जर्मनी के जुड़ने की खबरों की कोई पुष्टि अभी तक नहीं हुई है. तो समझते हैं क्या है ये GCAP जो पाकिस्तान और उसे सपोर्ट करने वाले चीन को टेंशन दे सकता है.

GCAP की खासियत

भारत के विरोधी, चीन और पाकिस्तान में उन्नत लड़ाकू विमानों का डेवलपमेंट या अधिग्रहण जारी है. रिपोर्ट्स के अनुसार चीन अब दो स्टेल्थ लड़ाकू विमानों को ऑपरेट करने के लिए तैयार है. खबरें ये भी हैं कि पाकिस्तान, चीन से J-35 स्टेल्थ विमान खरीदेगा. इस लिहाज से भारत के लिए ये प्रोग्राम और भी अहम हो जाता है. ये विमान स्टेल्थ तकनीक के अलावा और भी कई उन्नत फीचर्स से लैस होगा. तो समझते हैं कि इस एयरक्राफ्ट में क्या खासियत हो सकती है?

  • डायरेक्ट एनर्जी वेपन: ये ऐसे हथियार हैं जो हमला करने के लिए बारूद का नहीं बल्कि एनर्जी का इस्तेमाल करते हैं. ये ऊर्जा को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं. इससे मिलते-जुलते हथियार को ‘स्टार वॉर्स’ मूवी में दिखाया गया था.
  • ऑगमेंटेट रिएलिटी कॉकपिट: जेट में इस तरह के कॉकपिट का इस्तेमाल उपकरणों को कम करने लिए किया जाता है. फिजिकल कंट्रोल्स की जगह इसमें पायलट के हेलमेट के माध्यम से हेड अप डिस्प्ले पर सारी जानकारी दिखती है. फिजिकल कंट्रोल्स न होने से विमान का वजन कम होता है.
  • बायोमेट्रिक और साइको-एनालिस्ट: इस सिस्टम का काम है उड़ान के दौरान पायलट को तनाव, भ्रम, जी-फोर्स, हाइपोक्सिया जैसी दिक्कतों की पहचान और हवा में रहने के दौरान पायलट के स्वास्थ्य निगरानी करना. उड़ान के दौरान जी-फोर्स लगने से पायलट को चक्कर आना, ऑक्सीजन की कमी से हाथ-पैर फूलना, तत्काल वजन बढ़ने जैसी दिक्कत आ सकती है. 
  • लॉयल विंगमैन: इस कॉन्सेप्ट में एक पूरा जंगी जहाजों का बेड़ा जिसे स्क्वाड्रन कहते हैं उसमें सिर्फ एक ही जहाज ऐसा होगा जिसे कोई इंसान उड़ाएगा. इस जहाज को नाम दिया जाता है मदर शिप. स्क्वाड्रन के बाकी जहाज मानव रहित होंगे जो मदर शिप के आदेशानुसार काम करेंगे. जैसे आपके फोन में किसी ब्लूटूथ डिवाइस को पेयर किया जाता है, ठीक वैसे ही ये मानव रहित विमान मदर शिप से पेयर्ड रहेंगे. मकसद ये होता है कि मदर शिप एक निश्चित जगह जाकर रुक जाएगी. अगर ऑपरेशन किसी ऐसे क्षेत्र में हो जहां पायलट को भेजने पर पकड़े जाने का डर हो. ऐसे में ये कॉन्सेप्ट काम आता है. 
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: फाइटर जेट में इस फीचर को इंटेलिजेंट वर्चुअल असिस्टेंट (IVA) के नाम से जाना जाता है. ए आई इंटीग्रेट होने की वजह से विमान उड़ाने या डेटा प्रोसेसिंग में मदद मिलती है. साथ ही पायलट पर एक साथ कई जानकारियों को प्रोसेस करने का लोड भी कम होता है.
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चीन का J-35 China Stealthस्टेल्थ फाइटर (PHOTO-रॉयटर्स)
भारत का स्टेल्थ

भारत का पड़ोसी चीन स्टेल्थ तकनीक विकसित कर चुका है. और वो इसे पाकिस्तान के बेचने की तैयारी कर रहा है. पाकिस्तान के पूर्व पीएम ज़ुल्फिकार अली भुट्टो ने एक कसम खाई थी कि घास खाकर भी वो न्यूक्लियर बम बनाएंगे. पाकिस्तान आज भी कुछ-कुछ उसी ढर्रे पर चल रहा है. पूरी दुनिया से कर्ज लेकर वो आतंकवाद पर खर्च कर रहा है. और उस आतंकवाद को कवर प्रदान करने के लिए हथियार भी खरीद रहा है. ऐसे में भारत के लिए जरूरी है कि वो अपने फाइटर जेट्स और हथियारों को अप-टू-डेट रखे.

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भारत के स्टेल्थ विमान AMCA का मॉडल (फोटो- इंडिया टुडेy)

भारत का स्टेल्थ अब भी डेवलपिंग स्टेज में है. भारत में बन रहे स्टेल्थ फाइटर जेट को Advance Medium Combat Aircraft (AMCA) नाम दिया गया है. ये एक सिंगल सीटर, दो इंजन वाला जहाज़ है. इस प्रोजेक्ट की फर्स्ट फ्लाइट 2028 तक होने की उम्मीद है. दूसरी तरफ GCAP इससे भी एक पीढ़ी आगे का विमान है. भारत की ओर से अब तक GCAP पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि भारत अमेरिका से F-35 खरीदता है, रूस से Su-57 खरीदता है, खुद के AMCA प्रोजेक्ट पर जोर देता है या GCAP जैसे बड़े प्रोजेक्ट में जुड़ता है. 

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