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क्या सचमुच पसीने की गंध से लोग सेक्स के लिए आकर्षित होते हैं?

कहते हैं जानवरों की तरह इंसान भी ख़ास तरह की महक छोड़ते हैं.

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'तू मेरा सुपरमैन' गीत में गोविंदा की कांख में पसीना आ गया था. सुपरमैन को भी तो पसीना आ सकता है न.
कहते हैं जानवरों का एक 'मेटिंग सीजन' होता है. यानी वो सीजन जब वो सेक्स करते हैं. जाहिर सी बात है, अपनी प्रजाति को आगे बढ़ाने के लिए. कहते हैं जानवरों में सेक्स हमेशा सहमति से होता है. और रिसर्च के बाद ये भी मालूम पड़ा है कि कई जानवर अपने पार्टनर को आकर्षित करने के लिए एक ख़ास तरह की गंध छोड़ते हैं. जिससे अगले को मालूम पड़ता है कि दूसरा ठरकिया रहा है. और दोनों में कुच्ची-कू हो सकता है.
एक लंबे समय से इस बात की खोज भी चल रही है कि ऐसी गंध क्या इंसानों में भी होती है. क्या इंसान भी ऐसी कोई गंध छोड़ते हैं? क्या किसी एक तरह की गंध किसी इंसान को दूसरे की तरफ आकर्षित कर सकती है?
साइंस जो भी कहे, कम से कम डिओडोरेंट के विज्ञापन तो हमें यही बताते हैं कि एक ख़ास तरह कि गंध से आपका पार्टनर आपकी ओर आकर्षित हो सकता है.
सबसे पहले तो बता दें कि इस गंध का एक नाम होता है. साइंस वाले इसे फीरोमोन कहते हैं.
हम अक्सर कहते हैं हर इंसान की एक महक होती है. हमारे प्रेमी की एक खुशबू है. मां की एक खुशबू है. ये महक क्या होती है?
हमारे पसीने के साथ शरीर से एक तरह की गंध निकलती है. पुरुषों में इस महक के ज़िम्मेदार ऐन्ड्रोस्टडीओन (AND) और औरतों में एस्ट्राटेट्रानोल (EST) होते हैं. अब पूरी खोज इस बात की है कि AND और EST नाम के ये केमिकल क्या अपोजिट सेक्स के किसी व्यक्ति को आकर्षित करते हैं?
द इकोनॉमिस्ट की एक स्टोरी के मुताबिक़ ऐसी रिसर्च पहले हो चुकी हैं. लेकिन उनमें इस बात के कोई ठोस सबूत नहीं मिले कि पसीने की गंध सचमुच दूसरे पार्टनर को आकर्षित करती है या नहीं. मगर ये सभी टेस्ट हमेशा छोटे ग्रुप्स पर किए गए.
pheromone perfume
इस बार पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया ने एक और रिसर्च की. इस बार उसे और पुख्ता बनाया. इन्होंने लगभग 100 लोगों का एक ग्रुप लिया. आधे पुरुष और आधी औरतें. पुरुषों को महिलाओं की गंध और महिलाओं को पुरुषों की गंध सुंघा कर कंप्यूटर पर एक शक्ल दिखाई गई. फिर पूछा गया क्या वो इस व्यक्ति से आकर्षित होते हैं. फिर ऐसा ही टेस्ट अगले दिन बिना किसी गंध के किया गया. और नतीजों में मालूम पड़ा कि दोनों दिनों के नतीजों में कोई फर्क नहीं था.
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शॉर्ट में कहें तो मालूम पड़ा कि इंसानों में भले की कुछ भी आकर्षित करता हो, उनके शरीर से निकलने वाली गंध उन्हें एक दूसरे की तरह आकर्षित नहीं करती. इसलिए अगर कोई आपको 'सेक्स पावर बढ़ाने' वाले परफ्यूम बेचें तो न खरीदें. और उन कोलोन और परफ्यूम्स पर तो बिलकुल भरोसा न करें जो 'फीरोमोन' के नाम से बिकते हैं.


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