The Lallantop

इंग्लैंड में चल रहे हिंदू-मुस्लिम दंगे की पूरी कहानी!

भारत-पाकिस्तान मैच के बाद शुरू हुआ विवाद

Advertisement
post-main-image
मंदिर से झंडा निकालते हुए एक व्यक्ति

जो अभी तक भारतीय उपमहाद्वीप तक महदूद था, अब सात समंदर पार तक पहुंच गया है. ऐसा माना जाता था कि धर्म के नाम पर उद्दंडता, सांप्रदायिक नारेबाज़ी, धार्मिक प्रतीकों पर हमले जैसी घटनाओं पर अल्प-विकसित और विकासशील देशों का एकाधिकार है. ये ताना-बाना अब टूट रहा है. सांप्रदायिकता की आग अमेरिका और यूरोप तक भी पहुंच चुकी है. हालिया मामला इंग्लैंड के लेस्टर का है. अगस्त 2022 में भारत-पाक क्रिकेट मैच से शुरू हुआ तनाव हिंदू-मुस्लिम दंगे में बदल गया है. रैलियां निकल रहीं है. नारेबाज़ी हो रही है. झंडे जलाए जा रहे हैं. पुलिस ने कई लोगों को गिरफ़्तार किया है. इस घटना पर भारतीय उच्चायोग ने भी बयान जारी किया है.
आज हम जानेंगे,

Advertisement
लेस्टर दंगों की पूरी कहानी क्या है?

और, एक क्रिकेट मैच से शुरू हुई तकरार सांप्रदायिक झगड़े तक कैसे पहुंचा? इंग्लैंड यूरोपीय महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में बसा है. ये यूनाइटेड किंगडम का हिस्सा है. इंग्लैंड की राजधानी लंदन से 165 किलोमीटर दूर बसा लेस्टर शहर इन दिनों भारतीय उपमहाद्वीप के मानस में बार-बार उभर रहा है. वजह है, शहर में बरपा हिंदू-मुस्लिम तनाव.

पहले बैकग्राउंड जान लेते हैं.

27 अगस्त 2022 को यूएई में एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू हुआ. 28 अगस्त को भारत और पाकिस्तान का मैच था. इसमें भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हरा दिया. भारत-पाक क्रिकेट मैच की तासीर पूरी दुनिया को पता है. इन मैचों में हार-जीत से इतर बहुत कुछ दांव पर लगा होता है. टीवी तोड़ने या सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग जैसी घटनाएं आम दिनचर्या का हिस्सा बन चुकीं है. लेकिन 28 अगस्त को मामला सिर से ऊपर निकल गया. दरअसल, लेस्टर के बेलग्रेव में टीवी पर मैच चल रहा था. देखनेवालों में भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्क़ के लोग थे. अचानक ही किसी बात पर तकरार हुई. फिर कुछ लोगों ने मिलकर एक शख़्स की पिटाई कर दी. उसका टी-शर्ट फाड़ दिया. घटना का वीडियो भी बना. इस वीडियो में पाकिस्तान-विरोधी नारे लगाए जा रहे थे. फिर ये वीडियो लोकल वॉट्सऐप ग्रुप्स में वायरल हो गया.

Advertisement

स्थानीय न्यूज़ वेबसाइट लेस्टरशायर लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, मारपीट की घटना के बाद अधिकारियों ने चेतावनी जारी की. लोगों से कहा गया कि वे मैच के बाद बेलग्रेव रोड के आस-पास जाने से बचें.

28 अगस्त का मामला तो शांत हो गया था. लेकिन वो अपने पीछे एक चिनगारी छोड़ गया था. ये चिनगारी सोशल मीडिया और वॉट्सऐप ग्रुप्स में भड़क रही थी. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहे थे. धीरे-धीरे इस तकरार का फ़ोकस धर्म पर आ गया. फिर दोनों तरफ़ के लोग लेस्टर में अलग-अलग हिस्सों में इकट्ठा होने लगे. वे एक-दूसरे के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करते. रिपोर्ट्स हैं कि बाहर से भी कई लोग लेस्टर आए. उनका इरादा हिंसा को भड़काना था.

इसी बीच ब्रिटेन की हिंदू कम्युनिटी के वॉट्सऐप ग्रुप्स में एक वीडियो तेज़ी से वायरल हुई. इस वीडियो में एक आदमी हिंदुओं की बहुलता वाले इलाके में तोड़-फोड़ करता नज़र आ रहा था, उसके हाथ में चाकू भी था. उसी वीडिया में ये भी दिखा कि उसके साथ आए दूसरे व्यक्ति ने एक घर में लगा “भगवा झंडा” निकालकर फेंक दिया.

Advertisement

इस वीडियो से लेस्टर के हिंदुओं में ये संदेश गया कि कुछ मुस्लिम गैंग्स जान-बूझकर उनके समुदाय को निशाना बना रहे हैं. इसे रोकने के लिए हमें एकजुट होना होगा. इसके बाद लेस्टर के हिंदू गुटबाजी करने लगे. जब ये बात मुस्लिमों को पता चली, तब उन्होंने भी ऐसा ही किया. मुस्लिम पक्ष के कुछ कथित एक्टिविस्ट सोशल मीडिया में उकसावे वाली पोस्ट लिखने लगे. इसमें सिखों का भी ज़िक्र था. इन सोशल मीडिया पोस्ट्स में मुस्लिमों और सिखों को साथ बताया गया.

दोनों पक्षों की तरफ से भड़काऊ और नफ़रती भाषणों का सिलसिला जारी रहा. पुलिस ने शुरुआत में तेज़ी से कार्रवाई की. कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया. 12 सितंबर तक मामला शांत पड़ चुका था. तब पुलिस ने अपना ऑपरेशन बंद कर दिया.

कुछ दिनों तक तो दिनचर्या पटरी पर चलती रही, मगर 17 सितंबर की शाम लेस्टर के पुलिस हेडक़्वार्टर में लगे टेलीफ़ोन की घंटियां अचानक से घनघनाने लगीं. पुलिस को ख़बर मिली की ईस्ट लेस्टर में दो सौ से अधिक लोग इकट्ठा हो रहे हैं. इस जमावड़े की पहले से कोई जानकारी नहीं थी. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब वहां माहौल बिगड़ने लगा था. लोग सांप्रदायिक नारे लगा रहे थे. कईयों के हाथ में शीशे की बोतलें थीं. वे बोतलों से एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे. कारों में तोड़फोड़ भी की गई. जो वीडियोज़ सामने आए हैं, उनमें हाथापाई और गुस्से से भरी बहस देखी और सुनी जा सकती है. एक वीडियो में एक शख़्स मंदिर के ऊपर चढ़कर झंडा फाड़ता दिख रहा है.

ये तनाव 18 सितंबर को भी जारी रहा. फिर लेस्टर में एक्स्ट्रा पुलिस फ़ोर्स की तैनाती की गई. क़्वीन एलिज़ाबेथ के अंतिम-संस्कार में शामिल पुलिसवालों को भी वापस बुलाया गया. पूरी तैयारी है कि ये मामला और ना बिगड़े. अभी तक कुल 47 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. हिंसा में शामिल एक 20 साल के शख़्स को दस महीने की सज़ा भी सुनाई गई है. अभी ये पता नहीं चला है कि उसका अपराध क्या था. लेकिन इतना स्पष्ट है कि उसे हालिया मामले में ही जेल भेजा गया है.

यूके में भारत के उच्चायोग ने हिंसा पर चिंता जताई है. उच्चायोग ने बयान जारी कर हिंसा रोकने और प्रभावित लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की है.

लेस्टर के ताज़ा हालात क्या हैं?

19 और 20 सितंबर को हालात सामान्य हुए हैं. हिंदुओं और मुस्लिमों का एक बड़ा धड़ा हिंसा से चिंतित है. फ़ेडरेशन ऑफ़ मुस्लिम ऑर्गेनाइज़ेशंस ने बयान जारी कर शांति बरतने की अपील की है. लेस्टर की बहुसंख्यक हिंदू-मुस्लिम आबादी की चिंता माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे कुछ कट्टर लोगों और संगठनों को लेकर है. लेस्टर और पूरे इंग्लैंड में भारत और पाकिस्तान के लोग दशकों पहले से रहते आ रहे हैं. उनके बीच दोस्ती का रिश्ता रहा है. लेकिन पिछले कुछ समय से ये समीकरण बिगड़ता दिख रहा है. लोग ज़्यादा उग्र हुए हैं. उनकी कट्टरता बढ़ी है. पहले वे अपने काम से काम रखते थे, अब राजनैतिक और धार्मिक पहलुओं में उनकी दिलचस्पी कई गुणा बढ़ गई है.

इसके पीछे की वजह क्या है?

पहला, क्रिकेट की तकरार में बहुत कम लोग हिस्सेदार थे. लेकिन जब मामला धर्म तक पहुंचा, तब दोनों तरफ़ के ज़्यादा से ज़्यादा लोग इसमें शामिल हो गए. जानकारों की मानें तो धर्म वाले फ़ैक्टर ने बड़ी संख्या में लोगों को अपनी तरफ़ खींचा. ये आने वाले समय में बड़े तनाव का कारण बन सकता है.

दूसरी वजह नए प्रवासियों से जुड़ी है. हालिया समय में भारत और पाकिस्तान में कट्टरता का ग्राफ़ ऊपर गया है. जो नए प्रवासी विदेश पहुंच रहे हैं, वे यहां की कट्टरता और आक्रामकता साथ लेकर जा रहे हैं. अभी वाली घटना में इसका साफ़ असर दिख रहा है.

तीसरी वजह प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, 2014 और 2019 में भाजपा की जीत के बाद लेस्टर में भारतीय समुदाय ने जमकर जश्न मनाया. दुनिया के कई देशों में ये संदेश गया है कि मोदी के आने के बाद भारत में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा बढ़ी है. इसको लेकर उनके भीतर गुस्सा भी है.

क्यों इस इस्लामिक देश में महिलाएं हिजाब फेंक रही हैं?

Advertisement