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बॉलीवुड के प्यारे लड़के करण जौहर की 6 खूबसूरत बातें

उनकी आत्मकथा An Unsuitable Boy से.

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फोटो - thelallantop
करण जौहर. ये नाम भारत के सबसे चर्चित और विवादास्पद नामों में से एक है. ये नाम आते ही जेहन में एक इमेज कौंधने लगती है. एक रिच फैमिली का लड़का, जिसके बढ़िया कपड़े पहने खूबसूरत दोस्त हैं. जिसकी जिंदगी में बस राग-रंग है. नाचना, गाना और ठहाके. खूब सेक्स होगा और कभी-कभी ड्रग्स भी होंगे. कौन जाने. नहीं होगा तो आम लोगों की जिंदगियों की तरह की निराशा. आखिर इस लड़के को सब कुछ तो बचपन से ही मिला है. फिर अभी तो इसका झगड़ा काजोल से हुआ. इन लोगों के लिए ये कौन सी बड़ी बात है. रोज मिलना-टूटना लगा रहता है. इनके लिए प्यार, सेक्स, इमोशन एक्जिस्ट ही नहीं करता. जिंदगी की बहुत सारी फिलॉसफी से ये महरूम भी तो रहते हैं. इनको फर्क क्या पड़ता है. पर करण जौहर ने अपनी आत्मकथा में सारे मिथकों को तोड़ दिया है. ये किताब पढ़ के लगता है कि ये लड़का कितना सुलझा हुआ है. मालाबार हिल्स में बचपन गुजारा ये लड़का खुद को मिडिल क्लास ही बोलता है. जिसके पापा ने 1980 में आखिरी हिट फिल्म दोस्ताना प्रोड्यूस की थी. उसके बाद जौहर परिवार में पहली हिट कुछ कुछ होता है ही आई थी. ये वो दिन था जब करण और उनके मम्मी-पापा थिएटर में बैठे जार-जार रो रहे थे. यश जौहर हर किसी से पूछते कि क्या तुमने कुछ कुछ होता है देखी है? दो बार तो देखी ही होगी? करण इस बात से शर्मा जाते. पर एक पापा के लिए ये वही खुशी का मौका था जो आम तौर पर हर बाप को होती है. करण को इस बात से जरूर सुकून मिलेगा कि 90 के दशक में बड़े हुए लोग अभी भी 44 साल के करण को बच्चा ही समझते हैं. अपनी तरह का.  इस किताब में करण के फिल्मी किस्सों के अलावा कुछ ऐसी बातें हैं जो हम सबको जानना चाहिए. खुद को समझने में आसानी होगी. इंडस्ट्री के बारे में तो बातें इस किताब में कुछ रोचक किस्से हैं. वो हम आपको पढ़ायेंगे- 1. सलमान ने करण के पापा के लिए फिल्म की करण के पापा फिल्म प्रोड्यूसर थे. उसके पहले वो प्रोडक्शन मैनेजर हुआ करते थे. फिल्म इंडस्ट्री में यश जौहर को लोग सिर्फ इस उनके स्वभाव के लिए जानते थे. हर जगह लोग उनके मीठे स्वभाव पर फिदा थे. समझ लीजिए कि जब कुछ कुछ होता है के लिए करण जौहर कैमियो रोल में एक्टर तलाश रहे थे तो कोई नहीं मिल रहा था. सैफ अली खान से लेकर चंद्रचूड़ सिंह तक सबने मना कर दिया था. सलमान खान एक पार्टी में मिले. वहां जब उनको पता चला कि करण किसी एक्टर की तलाश में है एक छोटे से रोल के लिए तो सलमान ने कहा कि ये रोल तो कोई इडियट ही करेगा. और वो इडियट मैं ही हूं. पर ये रोल मैं आपके पापा के लिए कर रहा हूं. इंडस्ट्री में उतना अच्छा इंसान कोई नहीं है. 2. करण से एक ऐसे लड़के की मुलाकात जो बाद में जिंदगी का हिस्सा बन गया फिल्मी लाइन में यश जौहर को फायदे से ज्यादा घाटा हुआ था. इस वजह से उनकी पत्नी हीरू जौहर बेटे करण को फिल्मी लाइन से दूर ही रखना चाहती थीं. करण को भी इन चीजों से विशेष मतलब नहीं था. वो तो बस कोर्सेज में एडमिशन लेना जानते थे. ट्रेन पकड़ के कभी यहां जाते, कभी वहां जाते. बोर्ड एग्जाम खत्म होने के बाद करण को टीवी सीरियल में काम करने का मौका मिला. बतौर एक्टर. क्योंकि फिल्म में मोटे लड़के की जरूरत थी. उस वक्त करण बहुत मोटे थे. तो ऑडीशन देने वो लोखंडवाला गए. सीरियल आनंद महेंद्रू बना रहे थे. मालाबार हिल्स और लोखंडवाला में वही रिलेशन है जो वसंतकुंज और सीलमपुर में है. करण दस बजे ऑफिस में पहुंच गए. आनंद बिजी थे. तो करण को 2 बजे तक इंतजार करना पड़ा. वहीं पर एक और लड़का आनंद का इंतजार कर रहा था. वो चार घंटे तक क्रॉसवर्ड सॉल्व करता रहा. कॉफी पीता रहा. सिगरेट पीता रहा. बाद में जब आनंद आए तो उस लड़के के पास जाकर बोले कि आई एम सॉरी.. पर लड़के ने बीच में ही बात काट दी. बोला कि नहीं मैं क्रॉसवर्ड सॉल्व कर रहा था. कोई बात नहीं है. मैं बस ये बताने आया था कि मैं टीवी नहीं करना चाहता. फिल्मों पर फोकस करूंगा. करण को कुछ समझ नहीं आया कि किधर देखें. क्या बोल रहा था ये लड़का. बाद में आनंद ने करण से कहा कि देख रहे हो आज कल के लड़कों को. खुद को क्या समझते हैं. इसकी तो शकल भी अच्छी नहीं है. ये लड़का शाहरूख खान थे. 3. आमिर खान ने करण को कहा कि मैं तुम्हें पसंद नहीं करता था कॉलेज टाइम में करण जौहर आमिर खान फैन क्लब के थे. इनके दोस्त शाहरुख खान को पसंद करते थे. कोई आमिर को बोरिंग कह देता तो करण नाराज हो जाते थे. पर जब करण जौहर फिल्मों में आ गए तो शाहरुख से जुड़ गए. पर आमिर इनसे दूर ही रहते थे. बहुत बाद में आमिर खान अपनी पत्नी के साथ करण जौहर के शो कॉफी विद करण में आए. वहां पर आमिर ने कहा कि मैं करण को कभी पसंद नहीं करता था. मुझे लगता कि छिछला आदमी है. कोई गहराई नहीं है. पर मिलने के बाद ये भ्रम दूर हुआ. 4. जब चीटिंग कर संजय दत्त को जिताया करण जौहर ने कॉफी विद करण में संजय दत्त के साथ सुष्मिता सेन आने वाली थीं. सुष्मिता बोलने में बहुत तेज हैं. वहीं संजू बाबा धीमे हैं. तो करण को डर था कि संजू कहीं फंस ना जाएं. करण के मुताबिक शो पर सवाल कभी पहले से बताए नहीं जाते. वहीं पर डायरेक्ट पूछे जाते हैं. सलमान, शाहरुख और आमिर सबसे वहीं पर पूछे गए हैं. पर संजय दत्त के केस में करण जौहर ने चीटिंग कर दी. उनको सारे सवाल और जवाब पहले ही बता दिए थे. 5. दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे ने करण की तकदीर बदल दी ये आदित्य चोपड़ा की पहली फिल्म थी. उस वक्त तक करण जौहर का फिल्मों में आने का कोई इरादा नहीं था. उनके पापा ने उनका ए़डमिशन फ्रांस में करा दिया था. वो जाने वाले थे. पर आदी के साथ दोस्ती थी. वो अपनी पहली फिल्म के बारे में बात करता था. लिख रहा था. करण उस पर अपनी राय देते. ये राय आदित्य के लिए बड़ी महत्वपूर्ण होती थी. पर करण के घरवालों को समझ नहीं आता कि यश चोपड़ा का बेटा उनके सीधे सादे मोटे से बेटे से रोज मिलने क्यों आता है. जिस दिन करण आदी को गुडबॉय बोलने गये उस दिन आदी ने कहा कि यार, कहां जा रहे हो. फिल्मों में आओ. यही तुम्हारा जीवन है. तुम्हें यही काम करना होगा. करण को कुछ समझ आया. वो पापा से बोल दिये. मम्मी बहुत नाराज हुईं. पर फिर मान गईं. एक साल का समय दिया गया. करण सेट पर आने लगे. पर कोई आइडिया था नहीं. सेट पर क्या होता है, कुछ पता नहीं था. पहले दिन ही फ्रस्ट्रेट हो गए. रुआंसे हो गए. तय कर लिया कि आदी को बोल देंगे कि गलती हो गई, जा रहा हूं. पर दूसरे दिन एक काम पड़ गया. शाहरुख के कपड़े लेने थे. स्वेटर मिल नहीं रहा था. तो करण अपने मन से एक स्वेटर पसंद कर दिये. वो एक जगह फटा हुआ था. करण ने वहां एक टैग लगवा दिया. वो स्वेटर शाहरुख को पसंद आया. उसके बाद करण फिल्म में हीरो-हीरोइन को छोड़कर बाकी लोगों के कपड़े देखने लगे. फिर एक दिन एक सीन फंस गया. फिल्म का आखिरी सीन. जिसमें शाहरुख स्पीच देते हैं. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि इसमें वो वाली बात कैसे लाएं. तो करण ने सुझाया कि ये जूलियस सीजर की स्पीच जैसा होना चाहिए. करण ने ही लिख भी दिया. जब शाहरुख ने पढ़ा तो बोले- क्या मस्त सीन है यार. फिर आदी ने बताया कि करण ने लिखा है. तो शाहरुख ने कहा- तूने लिखा है. हिंदी में लिखा है. लेकिन तेरी हिंदी तो इतनी खराब है, जैसे तू बात करता है. ये शाहरुख ने तीन बार पूछा. यहीं से करण के लिए शाहरुख के मन में इज्जत आ गई. उसके बाद फिल्म आई. हिट हुई. आज तक चल रही है. पर उसी वक्त शाहरुख ने करण से कह दिया था कि तू फिल्म लिख. मैं काम करूंगा इसमें. बाद में जब यश जौहर डुप्लिकेट के लिए शाहरुख को साइन करने गए तो शाहरुख ने कहा कि ये तो ठीक है. पर एक फिल्म और बनाइए जिसे आपका बेटा डायरेक्ट करेगा. घर आकर यश जौहर ने बोला कि शाहरुख पागल हो गया है. पर शाहरुख ने करण को दो साल बाद की डेट भी दे दी. करण ने फिल्म लिखी. फिल्म आई. कुछ कुछ होता है. दबा के चली. 6. लव और सेक्स की बातें करण लिखते हैं कि मेरी सेक्सुआलिटी के बारे में हर जगह चर्चा होती है. मैं इस पर नहीं बोलूंगा. और सिर्फ इसलिए नहीं बोलूंगा क्योंकि हमारा कानून इजाजत नहीं देता. पर शाहरुख को लेकर जो बातें होती हैं, वो बेकार हैं. पहले उन पर नाराजगी होती थी. पर अब मैं एन्जॉय करता हूं. शाहरुख मेरे लिए बड़े भाई हैं. फादर फिगर हैं. मेरी जिंदगी का हिस्सा हैं. प्यार तो मुझे हुआ था. एक बार 20 साल की उम्र पार करने के बाद. एक जब मैं 30 के पास पहुंच रहा था. पर दोनों ही बार मुझे प्यार हासिल नहीं हुआ. लोग समझते हैं कि मैं न्यूयॉर्क जाता हूं तो खूब सेक्स करता होऊंगा. पर ऐसा नहीं है. पहली बार मैंने सेक्स तब किया जब मैं 26 साल का था. उस वक्त मैंने एस्कॉर्ट सर्विस की सेवा ली थी. पर करने के बाद मुझे बड़ा अजीब सा लगा. क्योंकि मैं इमोशनल इंसान हूं. मुझे सेक्स से ज्यादा इमोशन चाहिए. करण का इतनी साफगोई से अपने बारे में बात करना दिल छू जाता है.
करण की ये किताब दिल और दिमाग को छू जाती है. आप कल्पना नहीं कर सकते कि ड्रामों की दुनिया में रहने वाला ये शख्स कितनी लेयर्स पार कर के सोचता है. खिलंदड़ लगने वाला आदमी एक फिलॉसफर की बुद्धि रखता है. हर इमोशन के बारे में बात करता है, जो हमारी जिंदगी से जुड़ा हुआ है. पढ़ते वक्त कैथार्सिस की फीलिंग आती है. लगता है कि कोई हमसे हमारे डर के बारे में बात कर रहा है. ताज्जुब होता है कि ये आदमी खुद को कितना समझता है. शायद यही वजह है कि तमाम स्टारों के बीच करण जौहर की अलग उपस्थिति है. हम जितना शाहरुख को देख के खुश होते हैं, उतना ही करण जौहर को देखकर. किसी डायरेक्टर के लिए इतना फैसिनेशन भारतीय समाज में बहुत कम देखा गया है. करण के जीवन में दोस्त बहुत अच्छे हैं. या यूं कहेंगे कि करण ने दोस्तों को सहेजकर रखा है. स्कूल के वक्त के दोस्त अपूर्व मेहता उनकी कंपनी धर्मा चलाते हैं. वो इंग्लैंड में सेटल हो गये थे. पर करण के पापा की मौत के बाद एक फोन कॉल पर सब समेटकर इंडिया आ गये. मनीष मल्होत्रा करण की जिंदगी का हिस्सा हैं. मनीष के लिए कोई चीज सीरियस नहीं है. दीपिका के डिप्रेशन पर मनीष का कहना था कि सुंदर है, रिच है, डिप्रेशन में क्यों है. मनीष की ये निर्दोष बातें करण को रास्ते पर ला देती हैं. इसी तरह शाहरुख से यारी जबर्दस्त बनाई हुई है. करण ने ये सब बड़ी मेहनत से किया है. वहीं काजोल से उनके रिश्ते खत्म हो गये हैं. करण लिखते हैं कि अजय मेरे लिए कभी मैटर नहीं करते थे. पर जब शिवाय और ऐ दिल है मुश्किल की रिलीज के वक्त कंट्रोवर्सी हुई और मुझ पर आरोप लगे कि मैं पैसे देकर शिवाय को बेइज्जत करा रहा हूं तो मुझे बुरा लगा. जब काजोल ने भी कह दिया तो ज्यादा बुरा लगा. वो मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया. करण की ये साफगोई बहुत अच्छी लगती है. करण उस जगह पर हैं जहां भारत के मिथक, कल्चर, मॉडर्निटी और होमोसेक्सुऑलिटी जैसे मॉडर्न कॉन्फ्लिक्ट सब एक जगह आ के मिलते हैं. करण सिंगल भी हैं. प्रेम भी करते हैं. बच्चा गोद लेना चाहते हैं. आलिया, सिद्धार्थ और वरुण को अपना बच्चा बताते हैं. सफल हैं. ये एक बहुत अद्भुत जगह है. ये किताब पढ़ने लायक है. खुद को जानने के लिए. सिर्फ अपनी साफगोई और समझदारी के चलते बॉलीवुड से आई सबसे अच्छी चीजों में से एक है.
इस किताब के कवर के साथ कुछ रोचक चीजें हैं- 1. कवर पर लिखा है An Unsuitable Boy with Poonam Saxena. ये अपने आप में 'करण जौहर का जोक' है. 2.  बैक कवर पर शाहरुख खान का करण जौहर के ऊपर कमेंट है. पर किताब के अंदर ये कमेंट आदित्य चोपड़ा ने किया है.
ये किताब पैंग्विन पब्लिकेशन से आई है. 699 रुपये कीमत है. पर Amazon पर ये किताब 445 रुपये की मिल रही है. खरीदने लायक है. पढ़ने लायक है. Karan-Johar-Shah-Rukh-Khan ये भी पढ़ें-

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