इत्र कारोबारी पीयूष जैन के राजनीतिक कनेक्शन क्या हैं, इसे लेकर सपा और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. (फोटो-PTI)
इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyuh Jain) के कन्नौज और कानपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी खत्म हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 120 घंटे की जांच और 50 घंटे की पूछताछ के दौरान 196 करोड़ कैश, 10 करोड़ का सोना और 6 करोड़ रुपए की कीमत का चंदन का तेल मिला है. पीयूष जैन के कानपुर वाले ठिकाने से 177.45 करोड़ रुपये कैश मिला. वहीं कन्नौज वाले ठिकाने से 19 करोड़ रुपये कैश और 23 किलो सोना बरामद हुआ. जांच एजेंसियों ने 22 दिसंबर को पीयूष जैन के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी जो 28 दिसंबर को खत्म हुई. बाद में पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया. इंडिया टुडे से जुड़े कुमार अभिषेक की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीयूष जैन को सीजीएसटी एक्ट की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया है. चुनाव से पहले हुई इस छापेमारी के बाद पीयूष जैन के पॉलिटिकल कनेक्शन तलाशे जा रहे हैं. बीजेपी जहां उन्हें समाजवादी पार्टी से जुड़ा बता रही है, वहीं सपा दावा कर रही है कि पीयूष बीजेपी के आदमी हैं. राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि पीयूष जैन के किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध होने को लेकर अब तक क्या-क्या कहा गया है और क्या-क्या पता चला है.
BJP के बड़े नेता क्या कह रहे हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 28 दिसंबर को कानपुर में ही थे. वहां अपने चुनावी संबोधन में उन्होंने कहा,
2017 से पहले भ्रष्टाचार का जो इत्र उन्होंने (सपा) पूरे यूपी में छिड़क रखा था, वो फिर सबके सामने आ गया है. लेकिन अब वो मुंह पर ताला लगाकर बैठे हैं. क्रेडिट लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. योगी जी की सरकार के काम को देखकर ये लोग ये जरूर कहते हैं कि ये तो हमने किया था. मैं सोच रहा था, बीते दिनों जो बक्से भर-भर कर नोट मिले हैं कन्नौज में, उसके बाद भी ये लोग यही कहेंगे कि ये भी हमने ही किया है.
इसी रैली में सीएम योगी ने कहा,
ये समाजवादी इत्र नहीं समाजवादी बदबू है जो गरीबों की बद्दुआ को लेकर प्रदेश के अंदर फैलाया जा रहा है. ये गरीबों की आह का प्रतीक है, किसी गरीब को मकान से, किसी गरीब को अन्न से, किसी गरीब को शासन की अन्य योजनाओं से वंचित करके जो पैसा इन्होंने लूटकर रखा था अब विवादों से कैसे निकल रहा है. इसका प्रमाण आज आप देख रहे होंगे. ये पैसा गरीब का पैसा है और सत्ता के संरक्षण में कैसे लूटा जाता था इसका प्रमाण भी है.
28 दिसंबर को ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरदोई से पीयूष जैन को लेकर अखिलेश पर निशाना साधा. कहा,
कुछ दिन पहले इनकम टैक्स विभाग ने रेड की तो भाई अखिलेश को पेट के अंदर मचलन होने लगी कि क्यों रेड हुई है, ये राजनीतिक फैसला है... और आज, आज उनको जवाब देते नहीं बनता है कि समाजवादी इत्र बनाने वाले के यहां से 250 करोड़ रुपया कैश मिला है. किसी ने 250 करोड़ जीवन में एक साथ देखा है क्या, ये यूपी की गरीब जनता का लूटा हुआ 250 करोड़ इत्र वाले के घर से निकला है मित्रों, मोदी जी ने सत्ता में आने से पहले कहा था, भारतीय जनता पार्टी इस देश के अंदर से भ्रष्टाचार को नाबूद करेगी. काला धन को समाप्त करेगी.
सपा के नेता क्या कह रहे हैं?
बीजेपी के आरोपों का अखिलेश यादव ने जवाब दिया. मंगलवार, 28 दिसंबर को उन्होंने व्यापारी पीयूष जैन के उनकी पार्टी से किसी तरह के संबंध होने से इनकार किया. अखिलेश ने ये भी कहा कि बीजेपी ने 'गलती से' अपने ही व्यवसायी पर छापा मारा है. उन्नाव में 'समाजवादी विजय यात्रा' के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा,
'अभी आपने अखबार, मोबाइल और टीवी में देखा होगा कि एक दीवार से, एक घर से रुपया ही रुपया निकल रहा है. न जाने कितनी गड्डियां निकली हैं. कई मशीन लगानी पड़ीं रुपये गिनने के लिए. एक दिन, दो दिन, तीन दिन, चार दिन हो गए अभी भी पैसा गिना जा रहा है. पूरे उत्तर प्रदेश की पहली ये खोज होगी, जहां इतने रुपये इकट्ठे मिले हैं. बताओ सरकार किसकी है... सब कुछ इनका और ये कह रहे हैं कि रुपया हमारा है... ये रुपया समाजवादियों का नहीं है, ये रुपया भाजपाइयों का है. भाजपाई ये कहें कि ये रुपया उनका नहीं है तो उनके फोन कॉल का डिटेल निकाल लो, अपने आप पता लग जाएगा कि रुपया किसका है.''
उन्होंने योगी पर भी निशाना साधा. कहा,
इनसे झूठा मुख्यमंत्री नहीं हो सकता धरती पर. योगी होकर कोई झूठ बोले, भगवा पहनकर कोई झूठ बोले तो उस पर कोई भरोसा कैसे करेगा? ये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं कि कानपुर में जो पैसा निकला है वो कहीं ना कहीं समाजवादियों से और इत्र बनाने वाले से रिश्ता जुड़ता है, इससे बड़ा झूठ कोई मुख्यमंत्री बोल नहीं सकता.
सपा के MLC का पीयूष जैन का कोई कनेक्शन है?
22 दिसंबर यानी जिस दिन इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां छापा पड़ा, कुछ मीडिया संस्थानों ने खबर चलाई कि 'समाजवादी इत्र' बनाने वाले कारोबारी के यहां छापे में करोड़ों का कैश बरामद हुआ है. इसके बाद बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया,
समाजवादियों का नारा है, जनता का पैसा हमारा है! समाजवादी पार्टी के कार्यालय में समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले पीयूष जैन के यहां GST के छापे में बरामद 100+ करोड़ कौन से समाजवाद की काली कमाई है?
इस पर समाजवादी नेता आशीष यादव ने पलटवार करते हुए कहा,
कानपुर के कारोबारी की अखबारों में छपी तस्वीर से भाजपा का नाता है, इनका समाजवादी इत्र और समाजवादियों से कोई लेना देना नहीं है. सपा से नहीं कोई नाता, फिर भी अखबारों ने सपा का बता कर छापा.
अखिलेश यादव ने भी कहा कि समाजवादी इत्र उनकी पार्टी के MLC पुष्पराज जैन ने लॉन्च किया था, न कि पीयूष जैन ने. लेकिन बीजेपी ने सपा MLC पुष्पराज जैन (उर्फ पम्पी जैन) के इत्र कारोबैरी पीयूष जैन से कनेक्शन की बात कही. इस पर आजतक से बातचीत में पुष्पराज जैन ने कहा,
पीयूष जैन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. जैन उनके नाम के आगे लगा है. जैन मेरे नाम के आगे लगा है. भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने इस मनगढ़ंत बात को आगे बढ़ा दिया. पीयूष जैन का न समाजवादी पार्टी से लेना-देना है, ना पम्पी जैन से कोई लेना-देना है.
पीयूष जैन से संबंध पर सपा विधायक ने कहा,
हमारी मुलाकात नहीं होती थी, क्योंकि ये लोग कानपुर रहते थे. कन्नौज में पचासों हजार लोगों से मुलाकात होती है. कभी सड़क पर मिल गए तो हेलो, हाय हो जाती है बस. बाकी कोई लेना-देना नहीं है. वो कानपुर रहते हैं हम कन्नौज रहते हैं. सालों हो जाता है जब मुलाकात नहीं होती, हेलो, हाय नहीं होती.
पीयूष जैन के यहां रेड के बाद खुद के गायब होने के आरोप पर पम्पी जैन ने कहा,
सर्दी ज्यादा थी. मेरी मां 90 साल की हैं. 18 तारीख को ही मुंबई चला गया था मां को छोड़ने. सर्दी में हम मां को मुंबई रखते हैं. मुंबई 3 से 4 बार जाना होता है. हमारा परिवार वहां रहता है. कोरोबार है मुंबई में.
वहीं समाजवादी इत्र लॉन्च करने को लेकर पम्पी जैन ने कहा,
कन्नौज में घर-घर में इत्र का काम होता है. आप यहां किसी भी घर में घुस जाइए और उससे पूछिए कि क्या करते हो तो यही कहेगा इत्र बनाने का काम करते हैं. 9 नवंबर को मैंने ही इत्र लॉन्च किया था. उससे पहले भी दो दफा कर चुका हूं.
पीयूष जैन किसके करीबी हैं, इस सवाल के जवाब में पम्पी जैन ने कहा,
पीयूष जैन के प्रोफाइल देखने पर मालूम पड़ जाएगा की वो किसके करीबी हैं. कन्नौज का नाम बदनाम नहीं हो रहा है, बल्कि नाम हो रहा है.
इलाके के लोग क्या कह रहे?
इस केस से जुड़े एक विटनेस ने कहा है कि पीयूष जैन का ना तो सपा से और ना ही बीजेपी से कोई कनेक्शन है. वहीं कन्नौज के मोहल्ला छीपट्टी में रहने वाले लोगों ने पीयूष जैन के किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध होने से इंकार किया है. पीयूष जैन जिस दुकान से सामान लेते थे उस दुकानदार विकास ने आजतक से बातचीत में कहा,
पीयूष का कभी किसी राजनीति दल से रिश्ता नहीं रहा. ये बातें झूठी फैलाई जा रही हैं कि वे इत्र कारोबारी थे और उनका किसी राजनीतिक दल से संबंध है. हमारे यहां वे अक्सर आते थे, लेकिन कभी न तो कोई राजनीतिक चर्चा की और ना किसी राजनीतिक चर्चा में पड़े.
छीपट्टी मोहल्ले के ही निवासी एसपी जैन का कहना है कि महावीर भगवान के मंदिर में उनकी पीयूष से मुलाकात होती थी. लेकिन कभी राजनीति को लेकर बात नहीं हुई. वहीं पीयूष जैन के साथ 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले उनके दोस्त शिव कुमार द्विवेदी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा,
उसका कभी कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा. वो सिर्फ अपने परिवार और काम से मतलब रखता था. बेहद साधारण तरीके से रहता था.
पीयूष जैन का सपा से कनेक्शन बताए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की है. उसका कहना है कि बिना जांच के ही पीयूष जैन को एसपी से जोड़ पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि पीयूष जैन का वाकई में किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध है या नहीं, ये सवाल अभी कुछ और समय तक चर्चा में रहेगा. क्योंकि चुनाव आने वाले हैं.