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पप्पू पांडे-काली पांडे: दोनों उम्मीदवारों पर गंभीर आरोप, जनता किसको चुन रही?

पिछला चुनाव पप्पू पांडे ने जीता था.

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बाएं से दाएं: JD(U) से कुचायकोट सीट पर उतरे अमरेंद्र पांडे उर्फ पप्पू पांडे. महागठबंधन के कांग्रेसी उम्मीदवार काली पांडे. LJP उम्मीदवार रवि पांडे. RLSP उम्मीदवार सुनीता देवी. (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट/ट्विटर/फेसबुक)

सीट का नाम- कुचायकोट

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ज़िला- गोपालगंज

जीत मिली-

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नाम- अमरेंद्र कुमार पांडे उर्फ पप्पू पांडे पार्टी- JD(U) कुल वोट- 74359 वोटों का अंतर- 20630

पीछे रह गए-

नाम- काली प्रसाद पांडे पार्टी- कांग्रेस कुल वोट- 53729

नाम- सुनीता सिंह कुशवाहा (सुनीता देवी) पार्टी- राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) कुल वोट- 33533

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नाम- रवि पांडे पार्टी- LJP कुल वोट- 2226


Kuchaikote
कुचायकोट सीट का नतीजा.

पिछले चुनाव के नतीजे:

2015 चुनाव में JD(U) ने अमरेंद्र उर्फ पप्पू को ही टिकट दिया था. LJP के टिकट पर काली पांडे मैदान में थे. अमरेंद्र को 71519 और काली पांडे को 68272 वोट मिले थे. अमरेंद्र ने 3247 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.

2010 में भी JD(U) ने अमरेंद्र को ही उतारा था. चुनावी मैदान में RJD के टिकट पर आदित्य नारायण पांडे थे, कांग्रेस के टिकट पर महेश राय थे. अमरेंद्र को 51778 वोट मिले, आदित्य को 32280 और महेश राय को 4923 वोट मिले. अमरेंद्र ने 19498 वोटों से जीत हासिल की थी.

सीट ट्रिविया-

- 2008 परिसीमन के पहले तक ये इलाका कटेया विधानसभा क्षेत्र में आता था. - कटेया विधानसभा क्षेत्र 2005 तक कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. समीकरण बदला 2005 में. पप्पू पांडे ने BSP के टिकट पर चुनाव लड़ा. दो बार हुए थे इस साल चुनाव, दोनों ही बार पप्पू पांडे जीते. - 2010 में पप्पू पांडे चले गए JD(U). उसके बाद से अभी तक यही विधायक हैं. अभी फिर मैदान में हैं. - पिछले चुनाव यानी 2015 में नोटा को इतने वोट मिले थे कि वोटों के मामले में नोटा का ऑप्शन तीसरे नंबर पर आ गया था. - सीट के दोनों बड़े उम्मीदवार- पप्पू पांडे और काली पांडे, दोनों ही अपने इलाके के बड़े बाहुबली माने जाते हैं. काली पांडे पहले LJP में थे, अक्टूबर 2020 में ही कांग्रेस में शामिल हुए और टिकट मिला.


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