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पांडे जी ने पार्टी से बग़ावत तो कर ली, काम कितनी आई?

सुनील पांडे इस सीट से चार बार विधायक रहे हैं. इस बार निर्दलीय चुनाव लड़े थे.

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सुनील पांडे तरारी सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं. इस पार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
सीट का नाम: तरारी ( भोजपुर जिला)
कौन जीता?
सुदामा प्रसाद (CPIMLL)
कितने वोट मिले: 73,945
कौन हारा?
सुनील पांडे (निर्दलीय)
कितने वोट मिलेः 62,930
Tarari Tarari

ये इंटरेस्टिंग है कि इस सीट पर न NDA का उम्मीदवार चल पाया और न ही महागठबंधन का. यहां लेफ्ट के सुदामा प्रसाद और निर्दलीय सुनील पांडे के बीच कड़ा मुकाबला दिखा. जीत का अंतर 10 हज़ार से कुछ ही ज्यादा वोटों का है.
पिछले चुनाव के नतीजे:
- 2015 में सीपीआईएम के सुदामा प्रसाद ने इस सीट से चुनाव जीता था. उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी की गीता पांडे को 272 वोटों के अंतर से हराया था.
- 2010 में जेडीयू के नरेंद्र कुमार पांडे उर्फ सुनील पांडे ने ये सीट जीती थी. आरजेडी उम्मीदवार आदिब रिज़्वी उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे. दोनों के बीच 14 हज़ार 320 वोटों का अंतर था.
सीट ट्रिविया
- इस सीट से नरेंद्र कुमार पांडे उर्फ सुनील पांडे चार बार विधायक रहे. 2000 में वो समता पार्टी के विधायक के तौर पर चुने गए. इसके बाद 2005 और 2010 में वो इसी सीट से जेडीयू के विधायक चुने गए. 2015 में उन्होंने चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी और एलजेपी में शामिल हो गए. इस साल एलजेपी ने इस सीट से सुनील की पत्नी गीता को टिकट दिया था. इस बार सीट बंटवारे में तरारी सीट बीजेपी के खाते में गई, ऐसे में एलजेपी इस सीट से उम्मीदवार नहीं उतार रही थी. पार्टी से बगावत करते हुए सुनील पांडे ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.
- सुनील पांडे पर रणवीर सेना के अध्यक्ष ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या करवाने का आरोप है.

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