बहुजन रिपब्लिकन पार्टी की अनिता रविंद्र साल्वे ने इन दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. साल्वे का दावा है कि एकबोटे और भिड़े दोनों ने प्रदर्शनकारियों के झंडे फाड़े और पत्थरबाज़ी की, जिसके बाद हिंसा भड़की. महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से दलितों और अगड़ी जातियों के बीच तनाव बनता रहा है. इसलिए भीमा कोरेगांव की घटना गंभीर बन जाती है. हम आपको बता रहे हैं कि संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे कौन हैं, जिनके कथित कारनामों ने महाराष्ट्र की सांस रोक दी थी.

भीमा कोरेगांव में माहौल बिगड़ने के बाद मुंबई में रेल रोकने की घटनाएं हुईं. (फोटोःPTI)
संभाजी भिड़े
पुणे यूनिवर्सिटी से न्यूक्लियर फिज़क्स में गोल्ड मेडलिस्ट और फर्ग्युसन कॉलेज में प्रोफेसर रहे संभाजी भिड़े आपकी बगल से निकल जाएं तो भी आपका ध्यान उनकी तरफ नहीं जाएगा. चप्पल नहीं पहनते, सफेद धोती पायजामा और टोपी लगाते हैं. साइकिल से चलते हैं. लेकिन सातारा-सांगली-कोल्हापुर के शक्कर बेल्ट पर इनकी पकड़ बेहद मज़बूत है, खासकर युवाओं के बीच. 85 साल के भिड़े को फेसबुक पर 47 हज़ार से ज़्यादा लोग फॉलो करते हैं. सब उन्हें भिड़े गुरुजी या सिर्फ गुरुजी कहते हैं.
एक वक्त भिड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक होते थे. फिर 1980 के दशक में उन्होंने संघ छोड़कर शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान नाम का एक संगठन बनाया. संगठन नया था, लेकिन भिड़े की विचारधारा में कोई फर्क नहीं था. शिव प्रतिष्ठान एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन है. इसका ज़िक्र राष्ट्रीय मीडिया में तब होने लगा जब उसने 2008 में आई फिल्म 'जोधा अकबर' का विरोध किया. तब संगठन के लोगों ने फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने के लिए थिएटर्स में तोड़फोड़ की.

2014 के आम चुनावों से पहले जब शिव प्रतिष्ठान के एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी का आना हुआ, तो उन्होंने कहा,
''मैं भिड़े गुरुजी का बहुत आभारी हूं क्योंकि उन्होंने मुझे निमंत्रण नहीं दिया था. उन्होंने मुझे हुकम किया था. मैं भिड़े गुरुजी को बहुत सालों से जानता हूं. हम जब समाज जीवन के लिए कार्य करने के संस्कार प्राप्त करते थे, हमारे सामने भिड़े गुरुजी का उदाहरण पेश किया जाता था. उनकी सादगी, उनका कठोर परिश्रम, ध्येय के प्रति समर्पण और अनुशासन.
अगर कोई भिड़े जी को बस में मिल जाए, रेल में मिल जाए, तो वो कल्पना नहीं कर सकता वे कितने बड़े दार्शनिक हैं. मंच पर बैठने को तैयार नहीं हैं. वो नीचे जाकर बैठ गए. मेरा मन करता था मैं आग्रह करूं, पर पता नहीं वो मानेंगे कि नहीं मानेंगे.''

नरेंद्र मोदी तब प्रधानमंत्री नहीं थे, लेकिन वो तब भी नरेंद्र मोदी थे. इस बात की रोशनी में ऊपर लिखे बयान को पढ़ने पर भिड़े की लोकप्रियता का अंदाज़ा लग जाता है. शायद यही वजह रही कि मोदी ने कभी भिड़े को दरकिनार नहीं किया. एक दफा वो रैली के लिए सांगली आए तो भिड़े से मिलने के लिए उन्होंने अपना सुरक्षा घेरा तोड़ा. हैलिकॉप्टर के पास खड़े मोदी और एक साधारण किसान से दिखते भिड़े. ये तस्वीरें खूब छपीं.
खुद भिड़े भी गाहे बगाहे प्रधानमंत्री से अपनी नज़दीकी के किस्से कहते रहते हैं. यूट्यूब पर ऐसे ही एक वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है,
''मोदी मेरे पास आशीर्वाद लेने आए थे. वो प्रधानमंत्री बने. पहली ही बार में लाल किले से बिना कांच के सुरक्षा कवच भाषण दिया, भगवा फेटा (पगड़ी) बांध कर. जब चंद्रकांत दादा पाटील ने प्रधानमंत्री से पूछा कि आपने भगवा फेटा कैसे बांध लिया. तब मोदी ने जवाब में कहा कि जब मैं रायगढ़ गया था, तब गुरुजी ने कहा था कि भगवा फेटे में ही भाषण होना चाहिए. तो भगवा फेटे के मर्म को समझो. इस देश को भगवा फेटा बांधना है हमें.''

भिड़े की इस तरह की शाखाओं में बड़ी संख्या में युवा शामिल होते हैं (फोटोः संभाजी भिड़े के फेसबुक पेज से)
एेसे ही कहा जाता है कि भिड़े से मिलने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने अपना प्लेन रुकवा दिया था. इन दोनों बातों की पुष्टी नहीं की जा सकती लेकिन ये युवाओं के बीच ये उनकी अपील को सातवें आसमान पर पहुंचा देता है. बिना कोई घर-बार फक्कड़ी का जीवन जीने वाले भिड़े का यही प्रभाव वजह है कि महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज के नाम पर राजनीति करने वाला कोई भी व्यक्ति उनसे दूरी नहीं रखता. उद्धव ठाकरे उनसे मिलते रहते हैं, लेकिन इसे वजह बनाकर राज ठाकरे उनसे न मिलने का जोखिम कभी नहीं उठाते. कहा जाता है कि भिड़े के एक इशारे पर हज़ारों युवा जमा हो सकते हैं.

मिलिंद एकबोटे
मिलिंद एकबोटे
मिलिंद एकबोटे की शख्सीयत भिड़े के सामने एक आम नेता की है. इन्होंने समस्त हिंदू आघाड़ी नाम से एक संगठन बनाया है. वो भाजपा और शिवसेना में रहे हैं. इनके टिकट पर कॉर्पोरेटर (पार्षद) भी रहे हैं. वैलेंटाइन डे पर जोड़ों को पीटना और मवेशी ले जा रहे ट्रकों की 'तलाशी' लेना एक वक्त इनका प्रिय काम था. दंगा फैलाने के कई मामले एकबोटे के खिलाफ चल रहे हैं. लेकिन भीमा कोरेगांव और बात है. इस केस में उनका नाम भिड़े के साथ लिया जा रहा है.
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