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जब बप्पी दा की बनाई धुन सुनकर किशोर कुमार ने कहा- "बप्पी, तुमने मुझे क्या तानसेन समझ रखा है?"

कहानी बप्पी दा के मास्टरपीस 'पग घुंगरू' गाने की, जिसे चार दिनों तक रिकॉर्ड किया गया.

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फोटो - thelallantop
आज सुबह संगीत जगत से बुरी खबर आई. लेजेंडरी म्यूज़िक कम्पोज़र, सिंगर और म्यूज़िशियन बप्पी दा नहीं रहे. लता मंगेशकर के बाद संगीत जगत का एक और सितारा टूट गया. 69 वर्ष के बप्पी लाहिड़ी ने मुंबई के क्रिटी केयर हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. पूरी इंडस्ट्री उनकी यादों को साझा कर रही है. बप्पी दा ने ऐसे-ऐसे गाने बनाए, जिनके बिना आज भी लोगों की प्ले लिस्ट पूरी नहीं होती.
बप्पी दा ने 70 से 80 के दशक में एक के बाद एक सुपरहिट गाने बनाए. इंडस्ट्री को 'आई एम ए डिस्को डांसर', 'यार बिना चैन कहां रे', 'तम्मा-तम्मा', 'रात बाकी बात बाकी', 'बंबई से आया मेरा दोस्त' जैसे हिट ट्रैक्स दिए. बप्पी दा ने सिर्फ पुराने ही नहीं नई फिल्मों में भी कमाल का म्यूज़िक दिया. फिर चाहे 'गुंडे' का गाना 'तूने मारी एंट्री हो' या 'द डर्टी पिक्चर' का 'ऊ ला ला' सॉन्ग. सभी गाने एक से बढ़कर एक. मगर आज हम यहां जिस गाने की बात करने जा रहे हैं, उसने अपने समय में इतिहास रच दिया था. अपने समय का सबसे लोकप्रिय और सबसे लंबा गाना बना. ये वही गाना था जिसमें नायक सामने वाले की फितरत भांपता है और मुंह पर कहता है,
आप अन्दर से कुछ और
बाहर से कुछ और नज़र आते हैं,
बाखुदा शक्ल से तो चोर नज़र आते हैं,
उम्र गुज़री है सारी चोरी में
सारे सुख-चैन बंद जुर्म की तिजोरी में...
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आपका तो लगता है बस यही सपना,
राम-राम जपना, पराया माल अपना

'नमक हलाल' के गाने पग 'घुंघरू बांध' में अमिताभ बच्चन की एक्टिंग ने चार चांद लगा दिया.
'नमक हलाल' के गाने पग 'घुंघरू बांध' में अमिताभ बच्चन की एक्टिंग ने चार चांद लगा दिए.

 
समझ तो गए ही होंगे आप. यहां बात हो रही है साल 1982 में आई फिल्म 'नमक हलाल' के गाने 'पग घुंगरू बांध' की. ये वो समय था जब अमिताभ बच्चन अपने करियर की पीक पर थे. इस साल 'नमक हलाल' के अलावा उनकी 'खुद्दार', 'सत्ते पे सत्ता', 'शक्ति', 'देश प्रेम' जैसी फिल्में आईं. इसी साल कुछ अच्छे गाने भी आए. मगर बप्पी दा के कम्पोज़ किए हुए गाने के आगे सब फीका ही रहा.
# 12 मिनट लंबा गाना
'पग घुंघरू बांध' गाना बहुत लम्बा है. शुरुआत के लम्बे म्यूजिक पीस को मिलाकर करीब 12 मिनट का. जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था उस समय. गाने को किशोर कुमार की आवाज़ में रिकॉर्ड किया गया. इंडस्ट्री में इतने लम्बे गाने रेयरली ही बने हैं. कहते हैं कि ये पहला ऐसा गाना था, जिसमें डिस्को के साथ बप्पी दा ने फ्यूजन किया था. इसी गाने के अंतरे में डिस्को म्यूज़िक के साथ सरगम का इस्तेमाल किया गया है. कहा जाता है कि ये गाना अपने समय का पहला गाना था, जिसमें मॉर्डन बीट पर सरगम का यूज़ हुआ.
अमिताभ और स्मिता पाटिल की ये फिल्म सुपरहिट थी.
अमिताभ और स्मिता पाटिल की ये फिल्म सुपरहिट थी.

बप्पी लहरी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्होंने इस गाने की कम्पोज़िंग अपने मामा यानी किशोर कुमार को दिखाई, तो उन्होंने कहा था-
''बप्पी, क्या तुमने मुझे तानसेन समझ रखा है, ये सब सरगम कैसे होगा?''
बप्पी लाहिड़ी ने ये भी बताया था कि गाने को पूरा देखने के बाद किशोर कुमार परेशान भी हो गए थे. कि 12 मिनट लंबा गाना रिकॉर्ड कैसे किया जाएगा?
चार दिनों में पूरी हुई थी रिकॉर्डिंग
'नमक हलाल' के डायरेक्टर प्रकाश मेहरा ने बप्पी दा से कहा कि उनकी फिल्म में एक गाना 12 मिनट का है. जिसे किशोर कुमार की आवाज़ में रिकॉर्ड किया जाना है. बप्पी दा को ये निर्देश थे कि गाने में डिस्को इस्तेमाल करना है. मगर बप्पी दा चाहते थे कि वो इस गाने को क्लासिकल टच दें.
संगीत जगत के तीन बड़े सितारे, लता मंगेशकर, बप्पी दा और किशोर कुमार.
संगीत जगत के तीन बड़े सितारे, लता मंगेशकर, बप्पी दा और किशोर कुमार.

बप्पी दा ने इसी गाने में खूब एक्सपेरिमेंट किया और फाइनल रिज़ल्ट के तौर पर ये बेहतरीन गाना निकलकर सामने आया.
इसकी रिकॉर्डिंग पर बात करते हुए बप्पी दा ने बताया था,
उस वक्त किशोर के साथ अमिताभ बच्चन भी रिकॉर्डिंग में आते थे. महबूब स्टूडियो में ये गाना रिकॉर्ड हुआ था. 12 मिनट में कई वेरिएशन में इसे गाया जाना था. इसकी रिकॉर्डिंग पूरे चार दिनों तक चली. उस वक्त एक ही माइक से सारे सिंगर गाते थे. एक के बाद एक हटते जाते थे और लाइव रिकॉर्डिंग भी होती थी. सब कुछ वहीं होता था.
ये कहना गलत नहीं कि किशोर कुमार से ये करिश्माई गीत कोई गवा सकता था, तो वो सिर्फ बप्पी दा ही थे. उनके गानों में इतनी एनर्जी होती कि बंदे के पैर आप ही थिरकने लग जाया करते थे. बप्पी दा भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं मगर अपने संगीत के माध्यम से वो हमेशा अमर रहेंगे.