The Lallantop

एक सेल्फी ने बिगाड़ा 'समीर वानखेड़े एंड कंपनी' का खेल? शाहरुख से 25 करोड़ वसूलने की 'इनसाइड स्टोरी'

क्रूज पर रेड में कैसे फंस गए वानखेड़े?

post-main-image
जांच में समीर वानखेड़े का पूरा रैकेट पता लगा | फाइल फोटो: आजतक

समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व जोनल डायरेक्टर. कुछ साल पहले ड्रग्स को लेकर उन्हें एक मुखबिर से जानकारी मिली. छापा मारा और समविल डिसूजा उर्फ़ सैम डिसूजा नाम के आदमी को पकड़ लिया. डिसूजा एक ड्रग्स सप्लायर निकला. NCB सूत्रों के मुताबिक डिसूजा ने वानखेड़े और NCB के एक अन्य अधिकारी वीवी सिंह को 10 लाख रुपए दिए. जिसके बदले में उसे आजादी मिली. लेकिन, डिसूजा और समीर वानखेड़े की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. बल्कि, दोनों के किरदार वाली कहानी अब यहां से शुरू होने वाली थी. डिसूजा, समीर वानखेड़े के लिए काम करने लगा. उनका मुखबिर बन गया. लेकिन, ये मुखबिर ड्रग्स से जुड़े क्राइम को खत्म करने के लिए नहीं था, बल्कि वानखेड़े की तिजोरी भरने के लिए था. वो वानखेड़े की टीम के लिए शिकार की तलाश करता. वानखेड़े एंड कंपनी के लिए ड्रग्स भी प्लांट करता.

जब वानखेड़े को कॉर्डेलिया क्रूज पर पार्टी की खबर मिली

आजतक से जुड़े अरविंद ओझा ने आर्यन खान मामले में समीर वानखेड़े की जांच करने वाली विजिलेंस टीम के सूत्रों से बात की. उन्होंने इस केस की पूरी इनसाइड स्टोरी सुनाई. सूत्रों ने बताया कि समीर वानखेड़े को गुजरात के रहने वाले पाटिल नाम के एक शख्स ने मुंबई के कॉर्डेलिया क्रूज पर होने वाली पार्टी की जानकारी दी थी. सूचना मिली कि इस पार्टी में ड्रग्स भी होगी. वानखेड़े को बताया गया कि इसमें कुछ बड़े व्यापारी और बड़े नाम वाले लोग शामिल होंगे, जिन्हें टारगेट किया जा सकता है. पैसे की उगाही हो सकती है. हालांकि, तब तक शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान के पार्टी में शामिल होने की जानकारी उन्हें नहीं थी.

डिसूजा और पाटिल पहले से एक-दूसरे को जानते थे, समीर वानखेड़े ने क्रूज पर रेड डालने की प्लानिंग की. इसमें डिसूजा ने अहम रोल निभाया. उसने वानखेड़े और एनसीबी के अधिकारी वीवी सिंह से दो प्राइवेट पर्सन भानुशाली और किरण गोसावी की मुलाकात करवाई. वीवी सिंह ने भानुशाली और किरण गोसावी को टास्क दिया कि वे क्रूज पर बड़ा कैच पकड़ें.

लिस्ट तैयार हुई और आर्यन के बारे में पता लगा

समीर वानखेड़े ने अपने टारगेट में 27 लोगों की एक लिस्ट तैयार करवाई, जिनके क्रूज पर आने की सूचना मिली थी. लेकिन, तभी एक दिन समीर वानखेड़े को जानकारी मिली कि क्रूज पर आर्यन खान अपने दोस्तों के साथ आ रहे हैं. फिर लिस्ट छोटी कर दी गई और अब लिस्ट में केवल 10 नाम शामिल किए गए. और सबसे बड़े टारगेट थे आर्यन खान.

पार्टी वाली रात आ गई. पूरी तैयारी कर ली गई. आर्यन खान का इन्तजार किया जाने लगा. आर्यन क्रूज पर आए, और कुछ देर बाद ही समीर वानखेड़े की टीम ने उन्हें अंदर जाकर पकड़ लिया. उनका फोन NCB ने अपने कब्जे में ले लिया, ताकि वो अपने घर फोन न कर पाएं. सूत्रों के मुताबिक आर्यन खान के साथ उनके चार अन्य दोस्त भी क्रूज पर सवार थे. लेकिन, इनमें से केवल अरबाज के पास से चरस बरामद हुई, उसे पकड़ लिया गया. सूत्रों ने बताया कि ड्रग्स चैट्स तो आर्यन के बाकी तीन दोस्तों के पास से भी बरामद हुई, पर उन्हें छोड़ कर केवल सेलेक्टिव टारगेट आर्यन खान को बनाया गया. अरबाज ने अपने पहले बयान में साफ कहा भी था कि आर्यन के पास ड्रग्स नहीं थी, न ही उन्होंने ड्रग्स ली थी और उन्होंने उसे भी ड्रग्स लेने से मना किया था.

बहरहाल, आर्यन को पकड़ने के तुरंत बाद ही समीर वानखेड़े की टीम काम पर लग गई, मतलब कथित रूप से आर्यन के परिवार से पैसा वसूलने के काम पर. ये सब हो रहा था 2-3 मई की रात में. आर्यन खान को बताया गया कि किरण गोसावी NCB का अधिकारी है. NCB दफ्तर में उसने आर्यन खान का ऑडियो बनाया. किरण गोसावी की वो तस्वीरें आप को याद होंगी, जिनमें आर्यन खान बैठे हुए थे और गोसावी उनके पास दिखाई दे रहा है. दरअसल किरण ने आर्यन से वाट्सएप के जरिए एक ऑडियो बनवाया था, आर्यन खान ने ऑडियो में कहा था, "पापा मैं NCB की कस्टडी में हूं, प्लीज हेल्प मी."

The viral selfie shows Gosavi, who was a panch witness to the seizure of 6 grams of charas from Arbaaz Merchant on Cordelia, posing triumphantly with Aryan Khan. (HT Photo)
किरण गोसावी आर्यन खान के साथ | फ़ाइल फोटो: आजतक
पूजा ददलानी का नंबर जुगाड़ा गया

समीर वानखेड़े एंड कंपनी ने अब प्लान किया कि आर्यन गोसावी की सेल्फी और ऑडियो कैसे पूजा ददलानी यानी शाहरुख खान की मैनेजर तक पहुंचाए जाएं ताकि डील शुरू की जाए. आर्यन की आवाज और गोसावी की आर्यन खान के साथ सेल्फी अब शाहरुख खान तक पहुंचानी थी.

इसके बाद वानखेड़े एंड कंपनी ने पूजा ददलानी के नंबर का जुगाड़ किया और आर्यन की सेल्फी और उसका ऑडियो भेज दिया. कहा गया कि आर्यन खान ने क्रूज पर ड्रग्स का इस्तेमाल किया, उनके फोन से ड्रग्स चैट्स मिले हैं. हम आर्यन खान का कुछ ही देर में मेडिकल करवाने जाने वाले हैं.

आर्यन खान एनसीबी के कब्जे में हैं ये बात जैसे ही पूजा ददलानी को पता चली, वो गोसावी से मिलने को तैयार हो गईं. सूत्रों के मुताबिक आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ मांगे गए थे. लेकिन बाद में मामला '18 करोड़' पर तय हुआ था. 2-3 मई की रात पूजा ददलानी और किरण गोसावी की मीटिंग हुई और पूजा ने गोसावी को 50 लाख कैश दे दिया. अगली सुबह किरण गोसावी की सेल्फी आर्यन खान के साथ वायरल हो गई और खुलासा हुआ की किरण एनसीबी का अधिकारी नहीं है, ये जानकारी पूजा ददलानी तक भी पहुंच गई और ऐसे में करोड़ों की डील खटाई में पड़ गई.

गोसावी पूजा ददलानी से फिर मिलने पहुंचा

इस घटना के बाद किरण गोसावी फिर पूजा ददलानी से मिलता है और 50 लाख में से 38 लाख वापस करता है और 12 लाख यह कहते वापस नहीं करता कि वो पैसा समीर वानखेड़े के पास पहुंच गया है. अब वापस नहीं हो सकता. उधर, आर्यन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया जाता है. विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक जांच में लापरवाही बरती गई. आर्यन की गिरफ्तारी के वक्त भी NCB ने आर्यन खान का फोन सीज नहीं किया था. इससे शक पैदा हुआ कि गिरफ्तारी कहीं वसूली के लिए तो नहीं को गई थी.

पड़ताल हुई तो पता चला कि आर्यन खान का मेडिकल भी नहीं करवाया गया था, क्योंकि समीर वानखेड़े एंड कंपनी को पता था कि आर्यन खान के परिवार से अगर 25 करोड़ मिल गए तो आर्यन को छोड़ देंगे. इन सब बातों के सामने आने के बाद जांच एनसीबी की विजिलेंस टीम को सौंप दी गई.

सबूत छिपाने को समीर की टीम ने बड़े खेल किए

आजतक से जुड़े अरविंद ओझा के मुताबिक किरण गोसावी फेस टाइम चैट्स के जरिये पूजा ददलानी से बात कर रहा था. उधर, एक अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए गोसावी डील से जुड़े अपडेट्स समीर वानखेड़े को भी दे रहा था. एनसीबी की विजिलेंस जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जिस वक्त आर्यन खान के साथ किरण गोसावी NCB दफ्तर में नजर आ रहा था, उस वक्त NCB दफ्तर के तमाम CCTV काम कर रहे थे, लेकिन जैसे ही इस मामले में विजिलेंस जांच शुरू हुई और विजिलेंस टीम NCB के मुंबई दफ्तर पहुंची तो वहां के तमाम CCTV फुटेज के साथ छेड़छाड़ कर दी गई. साथ ही DVR अलग कर दिया गया था.

इतना ही नहीं विजिलेंस जांच के दौरान जब NCB के अधिकारियों ने अपना फोन जांच के लिए दिया, तो उसे कई बार फॉर्मेट किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया था ताकि सबूत विजिलेंस टीम के हाथ न लगे. लेकिन फॉरेंसिक तरीके से सारे सबूत मिल गए. एनसीबी की विजिलेंस टीम ने जांच के बाद पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी और इसी विजिलेंस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए CBI ने FIR दर्ज की और फिर वानखेड़े समेत सभी आरोपियों के यहां रेड की.

वीडियो: शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार करने वाले समीर वानखेड़े ने CBI रेड पर क्या कहा