क्लियोपैट्रा: जिसके जीवन से खूबसूरत उसकी मौत थी
जिस सुंदरी के देह की लालसा हर शासक में थी, वो एक विषधर के चुंबन से मरी. इससे सुंदर क्या होगा?
एक चित्रकार की कल्पना - क्लियोपैट्रा की सर्प-संसर्ग के साथ मौत.
12 मई 2016 (अपडेटेड: 12 मई 2016, 11:02 IST)
क्लियोपैट्रा मिस्र की आखिरी रानी थी. जिसने लगभग 40 सालों तक मिस्र पर राज किया. दुनिया भर में अगर किसी रानी के बारे में सबसे ज्यादा लिखा गया है, तो वो क्लियोपैट्रा है. अगर किसी पर सबसे ज्यादा नाटक लिखे गए, या फिल्में बनाई गईं तो वो क्लियोपैट्रा है. क्लियोपैट्रा वो औरत थी, जिसकी मां के बारे में कोई नहीं जानता. अंदाजा लगाने वाले कहते हैं कि क्लियोपैट्रा की मां शायद उसके पिता की कोई पटरानी रही होगी. यानी एक ऐसी औरत, जिसका कोई नाम भी याद न रखना चाहे. कहते हैं क्लियोपैट्रा की खूबसूरती की तुलना नहीं की जा सकती थी. वो जब बात करती तो लोग सम्मोहित हो जाते. वो देख भर लेती तो पुरुष वासना से भर उठते. लेकिन इन सब से ऊपर, बहुत ऊपर क्लियोपैट्रा एक फैरो थी, एक रानी. एक चालाक कूटनीतिज्ञ जिसे 9 भाषाएं आती थीं और गणित में अच्छे-अच्छों को मात दे सकती थी. 1963 में आई फिल्म 'क्लियोपैट्रा' का ट्रेलर https://www.youtube.com/watch?v=3DdE5sQ4N9k
लेकिन इन बातों का कोई प्रमाण नहीं है. कई कहानियां हैं, जो क्लियोपैट्रा से जुड़ी हैं. ऐसी ही एक कहानी का ज़िक्र सुशोभित कर रहे हैं.
ये लेख हमने सुशोभित सक्तावत की फेसबुक टाइमलाइन से लिया है. सुशोभित लल्लन के पक्के वाले दोस्त हैं. और एक 'लल्लनटॉप' राइटर हैं. अगर आपके पास भी 'लल्लनटॉप' कंटेंट हो तो हमें lallantopmail@gmail.com पर भेजिए. अच्छा लगा तो हम छापेंगे.
मृत्युओं और आत्मघातों से भरे इतिहास, मिथकों और दंतकथाओं में जो एक मौत मुझे सर्वाधिक आकृष्ट करती है, वह है मिस्र की अंतिम फैरो सम्राज्ञी क्लियोपैट्रा की मौत. जूलियस सीज़र की मौत के 14 शाल बाद और मार्क एंटनी के आत्मघात के ताज़ातरीन ज़ख़्म के बाद जब क्लियोपैट्रा ने जाना कि ऑक्टेवियस (रोमन साम्राज्य का संस्थापक, जिसे बाद में "ऑगस्टस" के नाम से जाना गया) की फ़ौजें अलेक्सैंड्रिया में प्रवेश कर चुकी हैं और सर्वनाश समीप है तो उसने ओक्टेवियस के नाम एक संदेश भिजवाया, "मैं मार्क एंटनी के साथ ही अपनी आखिरी नींद सोना चाहती हूं." संदेश मिलते ही ऑक्टेवियस के सैनिक दौड़े लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी. 30 अगस्त, 30 ईसवी पूर्व. क्लियोपैट्रा ने दूध से स्नान किया, सोने के आभूषण पहने, एक एस्प सांप (इजिप्शियन कोबरा) को उसकी पेटिका से निकाला और उसके साथ खेलते हुए उसे अपनी निर्वसन देह (बाएं वक्ष) पर अपने विषदंत गड़ाने दिए. जब तक रोमन सैनिक पहुंचे, तब तक क्लियोपैट्रा की मौत हो चुकी थी. उसकी अनुचारिका कैर्मियोन से पूछा जाता है कि क्या यह साम्राज्ञी ने स्वयं किया, जिस पर वह जवाब देती है, "बिल्कुल, और उन्होंने यह बहुत अच्छे-से किया." यह कहकर कैर्मियोन गिर पड़ती है. उसने और उसकी साथी एइरास ने भी विषपान कर लिया था. जिस अनिंद्य सुंदरी की देह की लालसा अनेक शासकों में रही, उसे अंतत: एक विषधर ने मौत का चुम्बन दिया. सौंदर्य और नश्वरता का यह मिथक मुझे मथता रहता है. [पता नहीं, कितना सच है, कितनी किंवदंती. यूनानी भूगोलविद स्त्राबो ने क्लियोपैट्रा की मृत देह और फर्श पर रेंगते एस्प सांप को देखा था. स्त्राबो के वर्णन के आधार पर रोमन महाकवि प्लूटार्क ने अपनी पुस्तक "लाइफ़ ऑफ़ एंटनी" में इस किस्से को दर्ज किया, और फिर बाद में शेक्सपीयर ने अपने नाटक "एंटनी एंड क्लियोपैट्रा" में भी इसी मिथक को आधार बनाया. "Here, on her breast, there is a vent of blood", ये शेक्सपीयर के स्मरणीय शब्द हैं. वर्जिल, होरेस, प्रोपर्शियस, इन सभी रोमन कवियों के वर्णन में क्लियोपैट्रा की मौत के इसी मिथक को बारम्बार किंचित बदलावों के साथ दोहराया गया है]
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शेक्सपियर के नाटक एंटनी एंड क्लियोपैट्रा में क्लियोपैट्रा के ये आखिरी शब्द थे: (सांप से)
अपने दांत गड़ा कर मुझे मेरी जान से जुदा कर दो. गुस्से से भर जाओ, और मुझे काट लो. अगर तुम बोल सकते, तो मैं तुम्हारे मुंह से सुनना चाहती. कि वो (ऑक्टावियस) सीजर कितना बड़ा बेवकूफ है जिसे मैंने हरा दिया है. ***