The Lallantop

इटली के माफियाओं की कहानी जिनकी सुनवाई में कम-से-कम दो साल लगेंगे

जांच में इटली के सांसद और अफ़सर भी घेरे में.

post-main-image
13 जनवरी को मामले की सुनवाई शुरू हुई है.
एक कुख्यात माफ़िया गिरोह, जिसके बारे में बात करने से भी लोग ख़ौफ़ खाते थे. अब उन्हें अदालत के कटघरे में खड़ा कर दिया गया है. उनके एक-एक गुनाह की गिनती हो रही है. उनके ऊपर क्या आरोप हैं? इस ट्रायल को ऐतिहासिक क्यों बताया जा रहा है? और, इन सबमें एक कॉल सेंटर का रोल क्या है? सब विस्तार से जानते हैं.
शुरू करने से पहले इतिहास की बात
साल 1973. इटली की राजधानी रोम. 10 जुलाई को एक 16 साल का एक लड़का किडनैप हो गया. 1970 के दशक में इटली में किडनैपिंग इंडस्ट्री अपने चरम पर थी. पुलिस के लिए ये रोज़मर्रा का काम था. उन्होंने बाकी मामलों की तरह इसकी भी जांच शुरू की.
लेकिन ये कोई आम किडनैपिंग नहीं थी. जो लड़का गायब हुआ था, उसका नाम था जॉन पॉल गेटी तृतीय. वो अमेरिका के मशहूर बिजनेसमैन जीन पॉल गेटी का पोता था. 1966 में जीन पॉल गेटी दुनिया के सबसे अमीर शख़्स थे. दुनियाभर में उनका कारोबार फैला हुआ था. तेल के व्यापार में उन्होंने खूब दौलत कमाई थी. किडनैपर्स ने उसी अनुपात में फिरौती भी मांगी. लगभग 10 करोड़ डॉलर्स.
John Paul Getty
जीन पॉल गेटी.


जीन पॉल गेटी ने फिरौती देने से साफ़ मना कर दिया. मना तो उन्होंने अपने पोते को भी किया था. जेबखर्च के लिए पैसे देने से. जॉन पॉल गेटी की एक गर्लफ़्रेंड थी. वो उसके साथ दुनिया की सैर करना चाहता था. उसकी और भी निज़ी ज़रूरतें थीं. इसके लिए चाहिए थे पैसे. जो उसने अपने दादा से मांगे. लेकिन मिले नहीं.
ऐसे में उसने एक प्लान बनाया. किडनैप होने का. उसने इटली के एक माफ़िया गिरोह से कॉन्टैक्ट किया. फिरौती में जो रकम मिलती, उसे आपस में बांट लेने की योजना थी. लेकिन, बाद में उसका मन बदल गया. उसने इस प्लान को अपने दिमाग से निकाल दिया. मगर माफ़िया गिरोह ने इसे अपने ज़हन में बिठाए रखा था.
उन्होंने पीछा करना जारी रखा. और, एक रात जॉन पॉल गेटी तृतीय को उठाकर कलेब्रिया की एक गुफ़ा में ले गए. कलेब्रिया इटली का दक्षिणी प्रांत है. इसे ‘इटली का अंगूठा’ भी कहते हैं. कलेब्रिया, इटली के सबसे ग़रीब इलाकों में से है. पहाड़ों और समंदर से घिरा हुआ. इसको संगीन अपराधों के लिए मुफ़ीद माना जाता है.
यहीं से किडनैपर्स ने फिरौती की डील आगे बढ़ाई
वे पर्चा जारी कर पैसों की मांग करते थे. जब जीन पॉल गेटी ने इसको अनसुना किया तो किडनैपर्स ने रकम घटा दी. लेकिन इस बार एक चीज़ बढ़ाकर भेजी. लिफ़ाफ़े में भरकर. एक न्यूजपेपर के दफ़्तर में.
John Paul Getty Grandson
जॉन पॉल गेटी तृतीय.


जब लिफ़ाफ़ा खुला, उसमें से चिट्ठी, बालों का गुच्छा और एक कान बाहर निकला. बकौल चिट्ठी, ‘ये पॉल का पहला कान है. उसकी फ़ैमिली को अभी सब मज़ाक लग रहा है. अगर दस दिनों के अंदर पैसे नहीं मिले, तो दूसरा कान मिलेगा. और, उसके बाद पॉल के छोटे-छोटे टुकड़े.’
जीन पॉल गेटी ने ये सब सुनकर कहा, ‘मैं पैसे नहीं दे सकता. अगर मैंने अभी फिरौती दे दी, तो मेरे 13 और पोते हैं. कोई उनको भी किडनैप कर ब्लैकमेल कर सकता है.’ इस बार गेटी परिवार ने जीन पॉल पर दबाव बनाया. आखिरकार, वो फिरौती देने के लिए राज़ी हो गए. उन्होंने 22 लाख डॉलर्स में डील फ़ाइनल की. जॉन पॉल गेटी तृतीय दिसंबर, 1973 में मिला. एक पेट्रोल स्टेशन पर. कान के इंफ़ेक्शन ने उसकी बाकी ज़िंदगी तबाह कर दी.
गेटी फ़ैमिली की ये कहानी आज क्यों?
वजह है, एक माफ़िया गिरोह. जिसके 9 सदस्य उस किडनैपिंग में शामिल थे. वे अरेस्ट हुए. कुछ जेल गए. बाकी सबूत के अभाव में छूट गए. फिरौती के पैसे पुलिस के हाथ कभी नहीं लगे.
इसी गिरोह पर इटली के हालिया इतिहास का सबसे बड़ा मुकदमा शुरू हुआ है. इस गिरोह का नाम है, ‘एंद्रेनगेटा’. हिंदी में मतलब निकालें तो ‘इज़्जतदार लोग’.
कलेब्रिया में खाद-पानी पाने वाले इस गिरोह का इतिहास दो सदी पुराना है. शुरुआत में छोटी-मोटी चोरी, डकैती और चाकूबाजी में इनका नाम आता था. समय के साथ इन्होंने अपना दायरा बढ़ाया. अपराध के नए अवसर तलाशे. अवैध कारोबार का साम्राज्य खड़ा किया. इतना बड़ा कि दुनिया की दिग्गज कंपनियां शरमा जाएं. आंकड़ों में जाएं तो एंद्रेनगेटा गिरोह का टर्नओवर 50 बिलियन डॉलर्स का है. लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये.
Rome Italy
इटली में इन गिरोह का इतिहास दो सदी पुराना है.


अब इस गिरोह से जुड़े 350 से ज़्यादा लोगों पर ट्रायल शुरू हुआ है
इनमें गिरोह के सदस्य, सरकारी अफ़सर, पुलिस के बड़े अफ़सर और कई राजनेता भी शामिल हैं. इनमें से एक नाम जियानकार्लो पित्तेली का भी है. वो पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बेर्लुस्कोनी की पार्टी से सांसद थे.
इन सभी आरोपियों को दिसंबर, 2019 में गिरफ़्तार किया गया था. 2500 से ज़्यादा पुलिसवालों ने मिलकर इनके ठिकानों पर छापे मारे थे. ये लोग बंकरों के भीतर छिपे हुए थे. कईयों को जर्मनी, बुल्गारिया और स्विट्ज़रलैंड से उठाया गया था.
Giancarlo Pittelli
जियानकार्लो पित्तेली.


इन गिरफ़्तारियों के पीछे हाथ था, प्रॉसिक्यूटर निकोला ग्रातेरी का
62 साल की उम्र है निकोला ग्रातेरी की. पिछले तीन दशक से माफिया गिरोहों को जड़ से मिटाने के लिए काम कर रहे हैं. इसके एवज में उन्होंने स्वछंदता खोई है. उन्हें हमेशा भारी सुरक्षा घेरे में रहना पड़ता है. वो अपने परिवार के साथ कहीं बाहर नहीं जा पाते. कई बार उनकी हत्या की कोशिश हो चुकी है.
दरअसल, ग्रातेरी उसी कलेब्रिया में पैदा हुए थे, जहां से कलेब्रिया गिरोह का साम्राज्य पनपा. ग्रातेरी के पिता छोटी किराने की दुकान चलाते थे. जब आस-पास के बच्चे कोकीन और हथियार साथ लेकर घूमा करते थे, तब उनके घरवालों ने उन्हें किताबें थमाई. ग्रातेरी कहते हैं कि उनके जीन में प्रतिरोध भरा था. इसलिए, वो अपने लिए अलग दुनिया बनाने में कामयाब रहे.
Silvio Berlusconi
इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बेर्लुस्कोनी.


स्कूल जाने के दौरान अक्सर रास्ते में लाशें दिखतीं. नशे में पागल लोग दिखते. धुआं उड़ाते बच्चे दिखते. ग्रातेरी ने इसे खत्म करने की सोची. अब उनके सपनों का एक बड़ा हिस्सा सच होने वाला है.
इसका दरवाजा खुलता है एक इमारत में. लामेशिया टेर्मे शहर की ये इमारत किसी किले से कम नहीं है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सीक्रेट एजेंट तैनात रहते हैं. यहां पहले एक कॉल सेंटर हुआ करता था. अब इसे अदालत में बदल दिया गया है. फ़ैसला आने तक इसी जगह पर सुनवाई चलेगी.
इसमें करीबन एक हज़ार लोगों के बैठने का इंतज़ाम किया गया है. आरोपियों के लिए पिंजड़े बने हुए हैं. हत्या, ड्रग ट्रैफ़िकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, सूदखोरी और भ्रष्टाचार जैसे संगीन अपराधों के आरोपी. इसमें सबसे खास है, लुइगी मैनकुसो. उसे एंद्रेनगेटा गिरोह का मुखिया माना जाता है. उसके इशारे के बिना कलेब्रिया में एक पत्ता तक नहीं हिलता था.
Nicola Gratteri
प्रॉसिक्यूटर निकोला ग्रातेरी.


तीन घंटों का समय सिर्फ़ नाम पढ़ने में गया
लेकिन, अब उसका महल हिलने लगा है. बुधवार, 13 जनवरी को मामले की सुनवाई शुरू हुई. पहले तीन घंटों का समय सिर्फ़ नाम पढ़ने में गया. अधिकतर आरोपी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए जेल से जुड़े हुए थे. अनुमान है कि सुनवाई पूरी होने में कम-से-कम दो साल का वक़्त लग जाएगा. इस दौरान 900 से ज़्यादा गवाह 355 आरोपियों के ख़िलाफ़ गवाही देंगे. ये संख्या ऐतिहासिक है. पिछली बार ऐसा ट्रायल 1980 के दशक में हुआ था. तब ट्रायल में शामिल दो जजों की हत्या हो गई थी.
Italy Mafia Trial 2021
13 जनवरी को मामले की सुनवाई शुरू हुई है.


इटली में माफ़िया गिरोहों का पुराना इतिहास रहा है. एक समय सिसली में ‘कोसा नोस्त्रा’ और नेपल्स में ‘कमोरा’ गिरोहों का एकछत्र राज रहा है. एक समय उनकी तूती बोलती थी. फिर उनका दौर खत्म हो गया. एंद्रेनगेटा उन सबसे आगे निकल चुका है. कहते हैं कि लोग एंद्रेनगेटा के बारे में कुछ भी बोलने से डरते हैं. अपने घरों तक में लोग फुसफुसा कर बता करते हैं.
इस खौफ़ की रफ़्तार लगातार बढ़ती जा रही थी. निकोला ग्रातेरी ने इसकी लगाम थाम ली है. ये ऐतिहासिक ट्रायल इटली के ईमानदार लोगों के लिए नई उम्मीद बनकर आया है. निकोला ग्रातेरी ने कहा कि ये ट्रायल एंद्रेनगेटा के शिकंजे में फंसे कलेब्रिया के लोगों को नई ज़िंदगी देगा. सुकून और बेहतर भविष्य से लबरेज़. काश! उनका भरोसा सच साबित हो.