नरेंद्र मोदी के खास अफसर अचल कुमार ज्योति देश के अगले चीफ इलेक्शन कमिश्नर होंगे. ये रहे उनके बारे में पांच फैक्ट्स और किस्से... 1. अचल कुमार ज्योति 21वें मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे. वो जगह लेंगे नसीम जैदी की. नसीम जैदी 19 अप्रैल 2015 को भारत के 20वें मुख्य चुनाव आयुक्त बने थे. 2. अचल मोदी के खास हैं. इसकी वजह है उनका गुजरात काडर का आईएएस होना. जब नरेंद्र मोदी सीएम थे, तब अचल 2010 में वहां के चीफ सेक्रेट्री रहे. 3. फौजी के बेटे हैं और दिल्ली के रहने वाले हैं. जालंधर उनका होमटाउन हैं. अचल के पापा आर्मी हेड क्वार्टर में चीफ स्टाफ अफसर थे. मम्मी सुहागरानी होममेकर थीं. अचल दिल्ली में पैदा हुए और उस दिन पैदा हुए जिस दिन सुभाष चंद्र बोस का हैप्पी बर्थडे होता है. 22 साल की उम्र में ही IAS बन गए. साथ काम करने वाले उन्हें सीधा सा इन्सान मानते हैं. 4. ज्योति को 1999 में कांडला पोर्ट ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया गया, 2004 में वे सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर बने. ज्योति गुजरात में आय, उद्योग, जलापूर्ति सचिव भी रहे. 64 साल के ज्योति को 40 वर्ष का प्रशासनिक अनुभव है. 5. अचल कुमार का पहला चुनाव होगा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का. इसके अलावा उन्हें गुजरात, जो कि उनका काडर स्टेट रहा है और हिमाचल प्रदेश के भी चुनाव करवाने होंगे. इसके बाद वो जनवरी 2018 में रिटायर हो जाएंगे क्यूंकि नियमों के मुताबिक़ 65 वर्ष की उम्र से ज़्यादा कोई भी इंसान इस पद पर नहीं रह सकता.
क्या होता है सीईसी
सीईसी यानी भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त. ये भारतीय चुनाव आयोग का प्रमुख होते हैं. और भारत में राष्ट्र और राज्य के चुनाव करवाने के जिम्मेदार होते हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है. चुनाव आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर होता है. नियमों के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल छह साल या 65 साल की उम्र पूरी करने तक होता है.
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