इंडिया टुडे के स्टिंग ऑपरेशन में मुर्शिदाबाद ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में अप्रैल 2025 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे की भयावह जानकारियों का खुलासा किया है. SIMI और PFI जैसे प्रतिबंधित समूहों को शामिल करते हुए, स्टिंग में स्थानीय युवाओं को डिजिटल रूप से प्रशिक्षित करने, बांग्लादेशी आधारित व्हाट्सएप और टेलीग्राम नेटवर्क के माध्यम से विदेशी भागीदारी और TMC नेताओं से राजनीतिक आश्रय का आरोप लगाया गया है. भाजपा के तरुण चुग द्वारा कट्टरपंथी संगठनों का नाम लिए जाने और एक समिति द्वारा स्थानीय टीएमसी नेता महबूब आलम को दोषी ठहराए जाने के बाद, हिंसा अब कलकत्ता उच्च न्यायालय की नज़र में है. इस खबर को विस्तार से जानने के लिए अभी पूरा वीडियो देखें!