13 जनवरी, 2025 को शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करोड़ों लोग स्नान कर चुके हैं. महाकुंभ धर्म और आस्था का केंद्र है. इसके अलावा यहां अब कला और हस्तशिल्प को भी नई पहचान मिल रही है. कुंभ में स्थानीय प्रोडक्ट्स को ग्लोबल मार्केट मिल रही है. उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे गांवों में बने प्रोडक्ट देश-विदेश तक पहुंच रहे हैं. इस वीडियो में दी लल्लनटॉप की टीम ने कुंभ मेले में दुकान लगाने वाले बच्चों से बात की है. देखें वीडियो.
महाकुंभ 2025 मेले में दुकान लगाने वाले बच्चों ने क्या बताया?
महाकुंभ में अब कला और हस्तशिल्प को भी नई पहचान मिल रही है.
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