क्या यह एक दुर्घटना थी या एक सुनियोजित हत्या? उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप सिंह 18 सितंबर, 2025 की रात को एक सरकारी अस्पताल में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को उजागर करने वाली एक तीखी रिपोर्ट प्रकाशित करने के कुछ ही समय बाद लापता हो गए. अगली सुबह उनकी कार भागीरथी नदी के पास मिली, लेकिन उनका शव 10 दिन बाद ही मिला. पुलिस का अनुमान है कि यह एक दुर्घटना हो सकती है, लेकिन उनके परिवार को इसमें किसी गड़बड़ी का संदेह है, क्योंकि उनके खुलासे के बाद उन्हें धमकियां मिली थीं. इस वीडियो में जानेंगे की राजीव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, उनके लापता होने से जुड़ी संदिग्ध परिस्थितियां, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के चौंकाने वाले विवरणों. क्या राजीव को सच बोलने के लिए चुप करा दिया गया था? जानने के लिए देखें वीडियो.
पत्रकार राजीव का आखिरी वीडियो, पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर क्या बोली पुलिस?
पुलिस का अनुमान है कि यह एक दुर्घटना हो सकती है, लेकिन उनके परिवार को इसमें किसी गड़बड़ी का संदेह है.
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