17 मार्च, 2025 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक चौंकाने वाला आदेश दिया था. इस आदेश में कहा गया था कि 11 साल की बच्ची के स्तनों को पकड़ना, उसके पायजामे का नाड़ा तोड़कर उसके कपड़े नीचे करना और उसे पुलिया के नीचे घसीटना "बलात्कार के प्रयास" की श्रेणी में नहीं आता है. इस आदेश पर रोक लगाते हुए अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 11 साल की बच्ची पर हुए क्रूर हमले को कमतर आंका गया है. सुप्रीम कोर्ट ने क्या फटकार लगाई है? जानने के लिए देखिए वीडियो.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के रेप केस में किस फैसले से नाराज़ हुआ सुप्रीम कोर्ट?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक चौंकाने वाला फैसला दिया था जिसमें 11 साल की बच्ची के स्तन के पकड़ने को 'बलात्कार के प्रयास' की श्रेणी से बाहर रखा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अब इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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