उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाम लिए बिना दिल्ली और लखनऊ में बैठने वाले दो नेताओं को ‘नमूना’ कह दिया. इस पर विवाद इसलिए हो गया क्योंकि विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी का निशाना उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर था. हालांकि, यूपी के संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने ये कहकर मामले को संभालने की कोशिश की कि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया है. लेकिन सपा के विधायकों ने इस पर जमकर हंगामा काटा और वेल में भी जाने की कोशिश की. बाद में वो वॉकआउट कर सदन से चले गए.
सीएम योगी बोले, 'दिल्ली-लखनऊ में दो नमूने', अखिलेश यादव ने जवाब में ये कहा
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वही हुआ, जिसकी उम्मीद थी. कोडीन कफ सिरप मामले को लेकर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सदन में जमकर हंगामा मचाया. योगी ने इस पर जवाब देते हुए अखिलेश यादव और राहुल गांधी पर हमला बोला.
.webp?width=360)

यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोडीन कफ सिरप मामले पर बोल रहे थे. विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा कि पहली बात तो कोडीन कफ सिरप से उत्तर प्रदेश के अंदर कोई मौत नहीं हुई है. दूसरा इस मामले में स्वापक औषधी और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (एनडीपीएस) के अंतर्गत कारवाई होगी.
सीएम योगी ने अपने भाषण में समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “कोडीन कफ सिरप का उत्तर प्रदेश में जो बड़े होलसेलर हैं, जिसे 2016 में सबसे पहले एसटीएफ ने पकड़ा था, उसको लाइसेंस समाजवादी पार्टी की सरकार ने जारी किया था.”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा,
देश के अंदर दो नमूने हैं. एक दिल्ली में और एक लखनऊ में बैठते हैं. जब देश में कोई चर्चा होती है तो तुरंत वह देश छोड़कर भाग जाते हैं और मुझे लगता है कि यही आपके ‘बबुआ’ के साथ भी हो रहा होगा. वह भी देश से फिर जाएंगे. इंग्लैंड के सैर-सपाटे में और आप लोग यहां चिल्लाते रहेंगे.
हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने न तो अखिलेश यादव का और न राहुल गांधी का नाम लिया, लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये विवादित बयान सीधे-सीधे अखिलेश और राहुल को लेकर दिए गए हैं.
हाल ही में लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी जर्मनी के दौरे पर गए थे. इसे लेकर भाजपा ने उन पर खूब हमले किए थे. योगी के बयान में ‘बबुआ’ शब्द आया है, जिसका वो पहले भी अखिलेश यादव का संकेत करने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं.
यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सीएम के बयान की निंदा की. कहा कि ‘उनकी वाणी उनके कद के अनुरूप नहीं है’. अखिलेश भी इस पर चुप नहीं रहे. अपने पलटवार में उन्होंने ‘व्यंग्य’ में बोले गए योगी के वक्तव्य को उन्हीं की ओर घुमा दिया. ‘एक्स’ पर पोस्ट कर अखिलेश यादव ने इसे योगी की 'आत्मस्वीकृति' बताया. उन्होंने लिखा,
किसी को उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई यहां तक पहुंच जाएगी. संवैधानिक पदों पर बैठे लोग आपस में कुछ तो लोक-लाज रखें और मर्यादा की सीमा न लांघें. भाजपाई अपनी पार्टी के अंदर की खींचातानी को चौराहे पर न लाएं. कहीं कोई बुरा मान गया तो वापस जाना पड़ेगा.

जाहिर है, अखिलेश का इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के रिश्तों में तनाव को लेकर समय-समय पर आने वाली अफवाहों की ओर था. प्रधानमंत्री मोदी भी संसद सत्र के बीच में तीन देशों के दौरे पर गए थे.
वीडियो: झारखंड में माता-पिता को झोले में नवजात का शव लाना पड़ा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या जवाब दिया?





















