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वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का आखिरी दिन, अफसर टेंशन में, स्पीड टायर पंक्चर जैसी

Waqf Property Registration: अगर आज तक वक्फ संपत्तियां UMEED पर रजिस्टर नहीं होती हैं तो उनके संबंधित वक्फ बोर्ड या मुतवल्ली अपने राज्यों में वक्फ ट्रिब्यूनल से संपर्क कर सकते हैं. ट्रिब्यूनल के पास एक्सटेंशन देने की पावर है. लेकिन उसमें भी कई पेच हैं.

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वक्फ संशोधन बिल को वापस लेने को लेकर देशभर में हुए थे विरोध-प्रदर्शन. (फाइल फोटो- PTI)

वक्फ संशोधन बिल के तहत सभी राज्य सरकारों को 5 दिसंबर 2025 तक राज्य में मौजूद सभी वक्फ संपत्तियों का ब्योरा केंद्र सरकार के उम्मीद पोर्टल पर 5 दिसंबर तक अपलोड करना था. पूरा डेटा अपलोड करने की आज यानी 5 दिसंबर आखिरी दिन है. एक दिन पहले तक सबसे ज्यादा वक्फ जमीन वाले 5 बड़े राज्यों में से चार में सिर्फ 10% से 35% तक ही रजिस्ट्रेशन हो पाया है.

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कहां कितना काम पूरा?

- उत्तर प्रदेशः शिया और सुन्नी, दो अलग-अलग वक्फ बोर्ड. कुल 1,71,574 वक्फ संपत्तियां. सोमवार रात तक सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपनी कुल 1.26 लाख वक्फ संपत्तियों में से 45,574 (36%) के डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए. शिया वक्फ बोर्ड ने अपनी 15,386 वक्फ संपत्तियों में से 2,909 (18.9%) के डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर दिए. कुछ वक्फ संपत्तियों ऐतिहासिक हैं और उनके कागजात मिलना नामुमकिन है, इसकी वजह से डेडलाइन से पहले काम होना मुमकिन नहीं है.

- पश्चिम बंगालः कुल 80,480 वक्फ संपत्तियां. लगभग 10,000 संपत्तियों UMEED पोर्टल पर रजिस्टर्ड. मुतवल्ली टेक-सेवी और ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं. इसकी वजह अंग्रेजी में कंप्यूटर पर काम करने में मुश्किल हो रही है.

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यह भी पढ़ेंः बंगाल में भी लागू होगा वक्फ संशोधन कानून, मोदी सरकार का फैसला मानने को मजबूर हुईं ममता

- कर्नाटकः कुल 65,242 वक्फ संपत्तियां. बुधवार तक सिर्फ 6,000 से ज्यादा संपत्तियों की डिटेल्स ही अपलोड हो पाईं. यहां सर्वर की दिक्कत ने रजिस्ट्रेशन की स्पीड धीमी की हुई है. 

- पंजाबः राज्य में 25,000 वक्फ एस्टेट्स में से लगभग 20,000 रजिस्टर हो चुके हैं. 80 प्रतिशत काम पूरा होने के पीछे की वजह है वक्फ संपत्तियों को नहीं बल्कि वक्फ एस्टेट्स को रजिस्टर करना. एक वक्फ एस्टेट में कितनी भी संपत्तियों हो सकती हैं.

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- तमिलनाडुः कुल 66,092 वक्फ संपत्तियां. मंगलवार तक सिर्फ 6,000 के आसपास का ही रजिस्ट्रेशन हुआ. मुतवल्ली जरूरी टेक्निकल जानकारी या सपोर्ट नहीं है. आरोप है कि सरकार की ओर से कोई मदद भी नहीं की जा रही. कई मामलों में प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स और ओनरशिप डिटेल्स साफ नहीं हैं. जरूरी सर्वे पूरा किए बिना सही रिकॉर्ड अपलोड मुश्किल हो रहा है. 

क्या है उपाय

अगर शुक्रवार, 5 दिसंबर तक वक्फ संपत्तियां UMEED पर रजिस्टर नहीं होती हैं तो उनके संबंधित वक्फ बोर्ड या मुतवल्ली अपने राज्यों में वक्फ ट्रिब्यूनल से संपर्क कर सकते हैं. ट्रिब्यूनल के पास एक्सटेंशन देने की पावर है. लेकिन डर है कि ट्रिब्यूनल डेडलाइन बढ़ाने के लिए हजारों एप्लीकेशन से कैसे निपटेंगे. 

सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियों वाले राज्यों के CEO ने सरकार से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की अपील की. ​​उन्होंने यह भी कहा कि लैंड सर्वे के बिना ऐसा करना बहुत मुश्किल है क्योंकि कुछ वक्फ प्रॉपर्टीज ऐतिहासिक हैं. अलग-अलग पार्टियों के मुस्लिम सांसदों ने डेडलाइन बढ़ाने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू को लिखा है.

लेकिन इसे लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि पोर्टल के बारे में शिकायतें मिली हैं. लेकिन डेडलाइन नहीं बढ़ाई जा सकती क्योंकि यह तारीख (वक्फ) एक्ट में है. जब तक संसद खुद प्रावधानों में बदलाव नहीं करती तब तक डेडलाइन नहीं बढ़ाई जा सकती. 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

UMEED पोर्टल की डेडलाइन बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी. सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मांग को ठुकरा दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से राहत पाने के लिए संबंधित ट्रिब्यूनल से संपर्क करने को कहा.

यह भी पढ़ेंः वक्फ मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका, UMEED पर रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाने से SC का इनकार

क्या है UMEED पोर्टल

सरकार ने 6 जून को UMEED (Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development) पोर्टल शुरू किया था. इसके तहत सभी वक्फ संपत्तियों को डिजिटल डेटाबेस में लाना, जियो-टैगिंग करना और दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य किया गया है. सरकार का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों की बेहतर सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी.

वीडियो: वक्फ पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 5 साल वाली शर्त खारिज

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