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वक्फ बिल का समर्थन करने पर 5 नेताओं ने JDU छोड़ी, RLD के बड़े नेता ने भी पकड़ा दिया इस्तीफा

Waqf Bill: आगामी बिहार चुनावों से पहले NDA की सहयोगी JDU में इस्तीफ़ों का दौर शुरू हो गया है. सबसे ताज़ा इस्तीफ़ा पार्टी की युवा शाखा के उपाध्यक्ष तबरेज हसन ने दिया है. JDU के एक वर्ग में वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के समर्थन को लेकर असंतोष दिख रहा है. अब जयंत चौधरी की RLD में भी इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है.

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वक़्फ़ (संशोधन) बिल को लेकर BJP के सहयोगी पार्टियों में मतभेद. (फ़ोटो- PTI)

वक्फ बिल (Waqf Bill) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी पार्टियों में मतभेद देखने को मिल रहा है. नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पांच सीनियर नेताओं ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. वहीं, राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया है. उन्होंने वक्फ बिल को लेकर पार्टी के समर्थन पर नाराज़गी जताई है.

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वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) अब कानून बनने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है. लोकसभा और राज्यसभा, दोनों जगहों से इसे मंजूरी मिल गई है. अब बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. उनकी मंजूरी के बाद ये बिल क़ानून बन जाएगा.

JDU नेताओं का विरोध

इस बीच, JDU के एक वर्ग में वक्फ (संशोधन) विधेयक के समर्थन को लेकर असंतोष दिख रहा है. आगामी बिहार चुनावों से पहले NDA की सहयोगी JDU में इस्तीफ़ों का दौर शुरू हो गया है. सबसे ताज़ा इस्तीफ़ा पार्टी की युवा शाखा के उपाध्यक्ष तबरेज हसन ने दिया है. 

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तबरेज़ हसन ने 4 अप्रैल को JDU प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना इस्तीफ़ा भेजा. अपने इस्तीफ़े में उन्होंने कहा कि बिल के लिए पार्टी के समर्थन ने मुसलमानों का भरोसा तोड़ा है, जो मानते हैं कि ये पार्टी ‘धर्मनिरपेक्ष मूल्यों’ के लिए खड़ी है. तबरेज़ ने आगे लिखा,

मुझे उम्मीद थी कि आप अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि बनाए रखेंगे. लेकिन आपने उन ताक़तों के साथ खड़े होने का फ़ैसला किया, जो लगातार मुसलमानों के ख़िलाफ़ काम करती रही हैं.

उनसे पहले JDU अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज़ मलिक, अलीगढ़ से प्रदेश महासचिव मोहम्मद तबरेज़ सिद्दीकी, भोजपुर से सदस्य मोहम्मद दिलशान राइन और पूर्व प्रत्याशी मोहम्मद कासिम अंसारी ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.

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RLD में भी इस्तीफ़े

इस बीच, NDA के एक अन्य सहयोगी RLD में भी इसी तरह का घटनाक्रम दिखा, जिसने संसद में वक्फ विधेयक का समर्थन किया था. उत्तर प्रदेश में RLD के राज्य महासचिव शाहज़ेब रिज़वी ने 4 अप्रैल को पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया. अपने इस्तीफ़े में उन्होंने पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी पर ‘धर्मनिरपेक्षता को त्यागने’ और मुसलमानों का समर्थन न करने का आरोप लगाया.

शाहज़ेब रिज़वी ने कहा,

मुसलमानों ने बड़ी संख्या में जयंत चौधरी का समर्थन किया. लेकिन जब ज़रूरत थी, तब वो हमारे साथ खड़े नहीं हुए.

RLD में ज़िला स्तर पर भी इस्तीफ़े हुए. हापुड़ में ज़िला महासचिव मोहम्मद ज़की ने स्थानीय नेताओं के एक ग्रुप के साथ इस्तीफ़ा दे दिया. राज्य पार्टी प्रमुख को लिखे पत्र में ज़की ने लिखा कि पार्टी मुस्लिम मुद्दों पर चुप रही है और सिद्धांतों पर सत्ता को तरजीह दी है.

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बताते चलें, लोकसभा में 2 अप्रैल की रात वक्फ बिल पर वोटिंग हुई. बिल को पारित करने के लिए कम से कम 272 वोटों की ज़रूरत थी. निचले सदन में बिल के समर्थन में 288, तो विरोध में 232 वोट पड़े. इसके अलावा, राज्यसभा में भी सरकार ने 3 अप्रैल को देर रात इस बिल को पास करवा लिया. यहां बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े और विरोध में 95.

हालांकि संसद में विधायी लड़ाई ख़त्म हो गई है. लेकिन वक्फ विधेयक को लेकर राजनीतिक तूफान अभी भी शांत नहीं हुआ है. बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव  होने वाले हैं. तब तक इस मुद्दे के गर्म रहने की संभावना है.

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