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पुतिन की फ्लाइट हवा में दिखी और फ्लाइटरडार पर लाइन लग गई, 20 हजार लोगों ने लाइव ट्रैक किया

Flying Kremlin IL-96-300 का मॉडिफाइड वर्जन है. IL-96-300 एक लंबी दूरी वाला चार इंजन का रूसी एयरलाइनर है. इसे 1980 के दशक में डिजाइन किया गया था. इसका पहला उड़ान परीक्षण 28 सितंबर 1988 को हुआ था. यह 1990 के शुरुआती वर्षों में सर्विस में आया था.

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फ्लाइट रडार ने साझा की है यह जानकारी. (फोटो- फ्लाइट रडार 24)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’ भारत आते समय दुनिया का सबसे ज्यादा ट्रैक किया जाने वाला प्लेन था. फ्लाइट रडार 24 के मुताबिक, इस विमान को 20,000 से ज्यादा लोगों ने लाइव ट्रैक किया. 

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फ्लाइट रडार 24 ने अपने पोस्ट में लिखा, 

“हमारी सबसे ज़्यादा ट्रैक की जाने वाली फ्लाइट अभी: भारत जा रहे रूसी सरकार के विमानों में से एक. रूसी राष्ट्रपति पुतिन और भारतीय PM मोदी दो दिनों तक दिल्ली में मिलने वाले हैं.” 

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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, उड़ान के दौरान दो विमान दिखाई दिए थे. कभी एक विमान का ट्रांसपोंडर बंद हो जाता और दूसरे का चालू, फिर कुछ समय बाद यह अदला-बदली दोबारा होती रही. ट्रांसपोंडर एक ऐसी तकनीक है जो विमान की लोकेशन और अन्य जानकारी एयर ट्रैफिक कंट्रोल तक पहुंचाती है.

दुनिया के सबसे सुरक्षित नेताओं में शामिल पुतिन आमतौर पर दो खास चीजें साथ लेकर चलते हैं- उनकी बख्तरबंद ऑरस सेनेट लिमोजीन और उनका बेहद मॉडिफाइड राष्ट्रपति विमान Ilyushin IL-96-300PU. इसे “फ्लाइंग क्रेमलिन” के नाम से भी जाना जाता है. 

यह भी पढ़ेंः दुनिया जहान की सारी गाड़ियां छोड़कर मोदी-पुतिन फॉर्च्यूनर में क्यों बैठे?

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क्यों खास है “फ्लाइंग क्रेमलिन”

फ्लाइंग क्रेमलिन IL-96-300 का मॉडिफाइड वर्जन है. IL-96-300 एक लंबी दूरी वाला चार इंजन का रूसी एयरलाइनर है. इसे 1980 के दशक में डिजाइन किया गया था. इसका पहला उड़ान परीक्षण 28 सितंबर 1988 को हुआ था. यह 1990 के शुरुआती वर्षों में सर्विस में आया था.

गौरतलब है कि पुतिन और मोदी के बीच शुक्रवार 5 दिसंबर को 23वीं भारत-रूस शिखर वार्ता होगी. इसमें दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने, व्यापार को बाहरी दबाव से बचाने और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी. 

यह वार्ता खासतौर पर पश्चिमी देशों की नजर में रहेगी क्योंकि रूस और भारत के बीच बढ़ती साझेदारी से वैश्विक राजनीति पर असर पड़ सकता है. इस यात्रा से उम्मीद की जा रही है कि भारत और रूस के रिश्ते और गहरे होंगे, और वैश्विक स्तर पर दोनों देशों के बीच सहयोग में नई ऊंचाइयां दर्ज होंगी.

वीडियो: दुनियादारी: पुतिन आए भारत, यात्रा में क्या कुछ होगा खास

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