तमिलनाडु के करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) मुखिया विजय थलापति की रैली में मची भगदड़ से जुड़ा एक लेटर सामने आया है (Vijay Karur Rally Stampede). इस लेटर में कथित तौर पर पार्टी ने रैली में लोगों की सुरक्षा का हवाला देते हुए कुछ समय में बिजली काटने का अनुरोध किया था. इस रैली में भगदड़ मची और 40 लोगों की जान चली गई. इस मामले में FIR भी की गई है. जिसमें आरोप लगाया गया है कि भीड़ बढ़ाने के लिए विजय रैली में देर से पहुंचे थे.
विजय की रैली में पार्टी ने बिजली काटने के लिए चिट्ठी लिखी थी, पुलिस बोली- 'भीड़ बढ़ाने के लिए देर से पहुंचे'
Karur Rally Stampede: पुलिस ने TVK के तीन नेताओं के नाम मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन FIR में विजय का नाम नहीं है.


इंडिया टुडे से जुड़े प्रमोद माधव की रिपोर्ट के मुताबिक करूर भगदड़ मामले में दर्ज FIR में TVK के तीन सीनियर लीडर के नाम शामिल हैं. शिकायत में TVK के जिला सचिव मथियाझागन, राज्य महासचिव बुशी आनंद और राज्य संयुक्त सचिव सीटीआर निर्मल कुमार को नामजद किया गया है. इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105, 110, 125 (बी) और 223 के साथ-साथ तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
FIR के मुताबिक रैली पर 11 शर्तें लगाई गई थी. रैली में सुरक्षा और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए 500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. इस रैली के लिए मथियाझागन ने 10 हजार लोगों के जमावड़े की अनुमति मांगी थी. हादसे के बाद माना जा रहा है कि विजय के दोपहर तक रैली में पहुंचने की घोषणा के बाद भीड़ 25 हजार से ज्यादा हो गई. पार्टी पर आरोप लगा है कि भीड़ को बढ़ाने के लिए विजय के आने में जानबूझकर देरी की गई.
FIR में कहा गया कि विजय शाम करीब 4.45 बजे वेलायुधमपलयम जिले की सीमा पर पहुंचे थे. लेकिन उन्होंने वहां पर कुछ समय की देरी की और बिना परमीशन के रोड शो किया. उनका काफिला शाम 7 बजे वेलुचामिपुरम पहुंचा. तब तक भीड़ बेकाबू हो चुकी थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने मथियाझागन, बुशी आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार को चेतावनी भी दी कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है. अधिकारियों ने अंदेशा जताया था कि हादसा हो सकता है और लोग चोटिल हो सकते हैं. लेकिन आरोप के मुताबिक इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पुलिस की मदद के बावजूद TVK नेता भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम रहे. लोग पेड़ों और सड़क किनारे बने अस्थायी ढांचों पर चढ़ गए, जो अधिक वजन के कारण ढह गए. इस कारण नीचे खड़े लोग फंस गए और उनका दम घुटने लगा. FIR में ये भी आरोप लगाया गया है कि TVK को दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच आयोजन की अनुमति दी गई थी. लेकिन भीड़ बढ़ाने के लिए विजय ने खुद आने में देरी की. FIR में कहा गया,
"कार्यक्रम समय पर आयोजित करने के बजाय, भारी भीड़ दिखाकर पॉलिटिकल स्टेटमेंट देने की कोशिश की गई. विजय की करूर में एंट्री चार घंटे देरी से हुई, जिससे हजारों लोग धूप में खड़े रहे और थक गए. इसके कारण भगदड़ में इतने लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं."
उधर, तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (EB) के अधिकारियों ने पुष्टि की कि TVK ने अस्थायी रूप से बिजली बंद करने का अनुरोध किया था. लेकिन ये माना नहीं गया. चीफ इंजीनियर राजलक्ष्मी ने बताया कि TVK से एक लेटर मिला था. जिसमें 27 सितंबर की रात के बाद इरोड रोड स्थित वेलुचामिपुरम में भारी भीड़ आने का हवाला दिया गया था. लेकिन पार्टी के अनुरोध को माना नहीं गया.
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने बताया कि, लेटर में अनुरोध किया गया था कि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिजली केवल विजय के भाषण के समय ही बंद की जाए. लेटर में लिखा गया,
"क्योंकि वेलुचामिपुरम एक भीड़-भाड़ वाला इलाका है और वहां बड़ी संख्या में लोग आएंगे. इसलिए मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, केवल उस समय के लिए ही बिजली बंद की जाए जब नेता बोल रहे हों."
वहीं, TVK सूत्रों ने आरोप लगाया है कि ये व्यवधान एक साजिश का हिस्सा था. पार्टी के एक सूत्र ने आरोप लगाया कि ये घटना पुलिस और गुंडों से अवैध संबंध रखने वाले एक स्थानीय नेता द्वारा रची गई थी.
गौरतलब है कि 27 सितंबर को हुई विजय की रैली में दर्दनाक हादसा हुआ. दम घुटने और भगदड़ मचने में महिलाओं और बच्चों समेत 41 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे 60 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं.
वीडियो: एक्टर विजय की रैली में मची भगदड़ से 39 लोगों की मौत, अबतक क्या-क्या हुआ?