उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया में तीसरी बार देरी हुई है. चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट मतदाता सूची को जारी किए जाने की तारीख 31 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 6 जनवरी 2026 कर दी है. ये SIR अभियान 27 अक्टूबर 2025 से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हुआ था. लेकिन यूपी में अब तक तीन बार समयसीमा बढ़ाई जा चुकी है. नई जानकारी अनुसार उत्तर प्रदेश में SIR के तहत वोटर लिस्ट से लगभग 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम हटाए जा सकते हैं. ये संख्या राज्य के कुल 15.44 करोड़ वोटर्स का 18.70% है.
यूपी में वोटर लिस्ट रिवीजन फिर लेट, तीसरी बार बढ़ी SIR की डेडलाइन, 2.89 करोड़ नाम कटने की आशंका
राज्य के शहरी जिलों में वोटर लिस्ट से नाम कटने (voter deletions) की संख्या काफी ज्यादा है. सबसे ज्यादा वोट कटने वाले शहरों में लखनऊ-कानपुर टॉप पर हैं.


पहली बार 30 नवंबर को नामांकन (enumeration) की अवधि 4 दिसंबर से बढ़ाकर 11 दिसंबर की गई थी. दूसरी बार 11 दिसंबर को यूपी को दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया. जिसके बाद अंतिम तारीख 26 दिसंबर 2025 की गई. अब तीसरी देरी के कारण ड्राफ्ट रोल 6 जनवरी को जारी होने की उम्मीद है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा नाम कटने की संभावना है. इस लिस्ट में तमिलनाडु (15%) और गुजरात (14.5%) दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
नए पोलिंग बूथ बनाए गए हैंउत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि SIR के दौरान 15,030 नए पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इसी वजह से ड्राफ्ट रोल के प्रकाशन को टाल दिया गया है. नए बूथों में वोटरों के नाम शिफ्ट किए जाएंगे, उनके हिस्से के नए पार्ट नंबर आवंटित किए जाएंगे, BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) नियुक्त किए जाएंगे और इलेक्टोरल रोल को इन नए बूथों पर भी उपलब्ध कराया जाएगा. अब ड्राफ्ट रोल 6 जनवरी 2026 को प्रकाशित किए जाएंगे.
23 दिसंबर को चुनाव आयोग ने 1,200 मतदाताओं प्रति बूथ के आधार पर मतदान केंद्रों के रेशनलाइजेशन का प्रस्ताव मंजूर किया था. पहले उत्तर प्रदेश में कुल 1.62 लाख मतदान केंद्र थे. साल 2024 में ये रेशनलाइजेशन 1,500 वोटर प्रति बूथ के आधार पर किया गया था. अब राज्य में 15,030 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिससे मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 1.77 लाख हो गई है.
नया शेड्यूलSIR की तारीखों में बदलाव करते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि अब ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 6 जनवरी को किया जाएगा. दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि 6 जनवरी से 6 फरवरी 2026 तक होगी. नोटिस जारी करना, दावों-आपत्तियों का निपटारा और गणना प्रपत्रों (EFs) पर निर्णय 6 जनवरी से 27 फरवरी 2026 के बीच किया जाएगा. वहीं, अंतिम मतदाता सूची 6 मार्च को जारी किए जाने की बात कही गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के शहरी जिलों में वोटर लिस्ट से नाम कटने (voter deletions) की संख्या काफी ज्यादा है. सबसे ज्यादा नाम कटने वाले टॉप 10 जिले इस प्रकार हैं:
लखनऊ - 12 लाख वोटर डिलीट (कुल मतदाताओं का लगभग 30%)
प्रयागराज - 11.56 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 24.64%)
कानपुर नगर - 9 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 25.5%)
आगरा - 8.36 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 23.25%)
गाजियाबाद - 8.18 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 28.83%)
बरेली - 7.14 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 20.99%)
मेरठ - 6.65 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 24.66%)
गोरखपुर - 6.45 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 17.61%)
सीतापुर - 6.23 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 19.55%)
जौनपुर - 5.89 लाख (कुल मतदाताओं का लगभग 16.51%)
साफ दिख रहा है कि बड़े शहरों और उनके आसपास के इलाकों में मतदाता सूची से नाम हटने का आंकड़ा काफी बड़ा है.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: SIR की डेडलाइन चुनाव आयोग क्यों बढ़ा रहा?


















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