उत्तर प्रदेश के औरैया जिले की बिधूना तहसील में कुछ ऐसा हुआ, जिसे देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें और हाथ एक साथ चलने लगे. जहां आंखों की नजर नोटों पर थी, तो हाथ उन्हें लपकने की कोशिश कर रहे थे. अब नोट आए कहां से? तो जवाब है- नोटों की बारिश हुई थी. ये बारिश किसने की? जवाब है- बंदर ने. कुल मिलाकर तहसील परिसर में खुलेआम असली नोटों की बारिश हुई. इस पूरे वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
औरेया में बैग से नोटों की गड्डी लेकर भागा बंदर, पेड़ पर चढ़ा और जनता में लुटा दिए!
Uttar Pradesh: रोहिताश चंद्र अपने बेटे अनुज के साथ जमीन की रजिस्ट्री कराने तहसील पहुंचे थे. उनके 80 हजार रुपये एक बैग में बाइक की डिग्गी में रखे थे. एक बंदर के हाथ यह नोटों का बैग लग गया.


मामला मंगलवार, 26 अगस्त की दोपहर बिधूना तहसील का है. इंडिया टुडे से जुड़े सूर्य प्रकाश शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, डोंडापुर गांव के रहने वाले रोहिताश चंद्र अपने बेटे अनुज के साथ जमीन की रजिस्ट्री कराने तहसील पहुंचे थे. साथ में लाए थे 80 हजार रुपये, जो बाइक की डिग्गी में सुरक्षित समझकर रख दिए गए.
जैसे ही अनुज, वकील से बैनामा की कागजी कार्यवाही में बिजी हुए, वैसे ही मौका पाकर एक बंदर बाइक की डिग्गी से पैसों वाला बैग उड़ा ले गया. बैग लेकर बंदर ने ना आव देखा ना ताव और सीधा पास के पेड़ पर चढ़ गया. अब बारिश का तो मौसम चल ही रहा है. बस बंदर ने तहसील में पैसों की बारिश कर दी. बंदर ने नोटों को हाथ और मुंह में पकड़कर ऊपर से नीचे फेंकना शुरू कर दिया.
नोट ऐसे उड़ रहे थे, जैसे पतंग कटकर गिर रही हो. तहसील परिसर में मौजूद लोग पहले तो हैरान हुए, फिर मौका देख 'लूट' में जुट गए. जिसने जहां देखा, वहीं से नोट समेटने लगा. पूरे 80 हजार रुपये में से केवल 52 हजार रुपये ही अनुज और रोहिताश को वापस मिल सके. बाकी के 28 हजार या तो लोगों की जेब में चले गए या बंदर ने फाड़कर तहस-नहस कर दिए.
इस बीच वकीलों ने भी अपना दुख-दर्द सामने रखा. उनका कहना है कि तहसील परिसर में बंदरों का आतंक इस कदर है कि वे खाना भी नहीं खा पाते. उन्होंने कहा कि जरा सी चूक होते ही बंदर हमला कर देते हैं या कोई भी चीज उठा ले जाते हैं.
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