अमेरिकी सरकार ईरान की अर्थव्यवस्था पर लगातार दबाव डालने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में अब ईरान के साथ पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल्स का व्यापार करने वाली कई भारतीय कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. भारत के अलावा चीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सहित कई अन्य देशों पर भी सैंक्शन लगाए गए हैं. ये कार्रवाई अमेरिकी विदेश विभाग और ट्रेजरी विभाग (OFAC) ने की है.
अमेरिका ने 8 भारतीय कंपनियों पर बैन लगा दिया, ईरान से LPG लाने वाले इन लोगों पर भी पाबंदी
अमेरिकी विदेश विभाग का दावा है कि इन कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों डॉलर मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल आयात किए हैं.


प्रतिबंधों के तहत, भारत की 8 केमिकल और पेट्रोकेमिकल कंपनियों को निशाना बनाया गया है. इनमें मुंबई, दिल्ली और चेन्नई की कंपनियां शामिल हैं. जो कथित तौर पर ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार में जरूरी भूमिका निभा रही थीं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें मुंबई स्थित सीजे शाह एंड कंपनी, चेमोविक, मोदी केम, पारीकेम रिसोर्सेज, इंडिसोल मार्केटिंग, हरेश पेट्रोकेम और शिव टेक्सकेम और दिल्ली स्थित बीके सेल्स कॉर्पोरेशन शामिल हैं. अमेरिकी विदेश विभाग का दावा है कि इन कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों डॉलर मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल आयात किए हैं.
भारतीय नागरिक भी टारगेट किए गएइसके अलावा, पांच भारतीय नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इसमें चेमोविक के डायरेक्टर पीयूष मगनलाल जाविया, इंडिसोल मार्केटिंग के डायरेक्टर नीति उन्मेश भट्ट, और हरेश पेट्रोकेम के डायरेक्टर कमला कसाट, कुणाल कसाट और पूनम कसाट शामिल हैं. इन सभी ईरानी तेल के लेन-देन और बिक्री में सहायता करने का आरोप है.
तीन भारतीय नागरिक पर ईरान से LPG लाने वाले जहाजों से जुड़े होने के आरोप में प्रतिबंध लगाया गया है. इसमें वरुण पुला, इयप्पन राजा और सोनिया श्रेष्ठ शामिल हैं. अमेरिका ने मुंबई स्थित शिपिंग कंपनी वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट को फ्लैग किया गया है. जिसकी मालिक सोनिया श्रेष्ठ हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि कंपनी का एक जहाज ईरान का LPG पाकिस्तान ट्रांसपोर्ट करता था.
OFAC की कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए, अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने कहा,
"वित्त विभाग ईरान की ऊर्जा निर्यात मशीन के प्रमुख तत्वों को नष्ट करके ईरान के नकदी सप्लाई को कमजोर कर रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में, ये प्रशासन उन आतंकी समूहों को वित्तपोषण करने की शासन की क्षमता को बाधित कर रहा है जो अमेरिका के लिए खतरा हैं."
OFAC के अनुसार, ये कार्रवाई एक ऐसे नेटवर्क को निशाना बनाती है जो सैकड़ों मिलियन डॉलर मूल्य के ईरानी LPG को संभालता है. इसके अलावा ये कार्रवाई लगभग दो दर्जन शैडो फ्लीट जहाजों, चीन आधारित एक कच्चा तेल टर्मिनल, और एक चीनी रिफाइनरी को भी टारगेट करती है.
अमेरिका ने जिन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं उनमें से अधिकांश छोटी कंपनियां हैं. वैसे तो भारत की प्रमुख कंपनियां ईरान के ऊर्जा व्यापार से बचती हैं. लेकिन हाल के महीनों में अमेरिका की कार्रवाई से पता चलता है कि कुछ छोटी भारतीय फर्में ऐसे व्यापार में अभी भी शामिल हैं.
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