मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप से हो रही बच्चों की मौत के मामले में अब सियासत भी शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश सरकार ने बच्चों की मौत का ठीकरा तमिलनाडु की एक दवा कंपनी पर फोड़ा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तमिलनाडु के अधिकारियों पर जांच में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने विपक्ष से कहा कि अगर उन्हें आंदोलन करना है तो तमिलनाडु में जाकर करना चाहिए.
कफ सिरप से बच्चों की मौत पर सियासत! CM मोहन यादव ने तमिलनाडु पर लगाए आरोप, कांग्रेस को भी दी नसीहत
Cough Syrup Death Case: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जिस कफ सिरप से बच्चों की मौत होने का दावा किया जा रहा है, वह तमिलनाडु में बनाई जाती है. मध्य प्रदेश पुलिस ने दवा कंपनी के मालिक को भी चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है. इधर, राज्य के सीएम मोहन यादव ने कंपनी को लाइसेंस देने और दवा बनाने में नियमों की लापरवाही को लेकर सवाल उठाए हैं.


दरअसल जिस कोल्ड्रिफ सिरप से बच्चों की मौत होने का दावा किया जा रहा है, वह श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स ने बनाई थी. इसकी फैक्ट्री तमिलनाडु के कांचीपुरम में थी. मध्य प्रदेश पुलिस ने कंपनी के मालिक रंगनाथन को भी चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है. सीएम मोहन यादव के ऑफिस ने इसकी जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा कि छिंदवाड़ा में अमानक कफ सिरप से हुई बच्चों की दुखद मृत्यु की घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. प्रदेश की पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तमिलनाडु से दवा निर्माता कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है. यह हमारी सरकार की संवेदनशीलता का स्पष्ट प्रमाण है.
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु के अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पुलिस ने उन जगहों पर गिरफ्तारियां की हैं, जहां दवा बनाई गई थी. लेकिन तमिलनाडु सरकार उस तरह से सहयोग नहीं कर रही है, जैसा उसे करना चाहिए. तमिलनाडु फॉर्मा रेगुलेटर को दवा कंपनी की रेगुलर जांच करनी चाहिए. बुधवार को मोहन यादव पीड़ित बच्चों से मिलने के लिए नागपुर गए थे. यहां उन्होंने तमिलनाडु की दवा कंपनियों को लाइसेंसिंग देने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जांच में दवाई बनाने की प्रोसेस में भारी गड़बड़ियां मिली हैं. उन्होंने पूछा,
इस कंपनी को दवा लाइसेंस देने के लिए कौन ज़िम्मेदार थे? यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि इतनी छोटी जगह में फ़ैक्ट्री कैसे चल रही . बिना चेकिंग के लाइसेंस रिन्यू कैसे हो गया? इस दवा कंपनी को फिर से इंडस्ट्री लाइसेंस कैसे दे दिया गया?
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बच्चों की मौत पर विपक्षी दल कांग्रेस ने MP सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. इस पर मोहन यादव ने कहा कि दवाई तमिलनाडु में बनी है तो कांग्रेस वहां आंदोलन क्यों नहीं कर रही? उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि विपक्ष का काम अक्सर विपक्ष करता है, लेकिन कांग्रेस अपनी जिम्मेदारियां से भागती हुई नजर आई है. इधर, छिंदवाड़ा में कफ सिरप से हो रही बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है. छिंदवाड़ा के अतिरिक्त कलेक्टर धीरेंद्र सिंह ने पीटीआई को बताया कि नागपुर में इलाज के दौरान जिले के दो और बच्चों की मौत हो गई. इसके बाद कुल मौतों का आंकड़ा 22 पहुंच गया है. द हिन्दू के अनुसार जो कफ सिरप बच्चों को पिलाई गई थी, उसमें 45% से अधिक डायथिलीन ग्लाइकॉल मिला हुआ पाया गया है. यह एक जहरीला इंडस्ट्रियल सॉल्वेंट है, जो काफी खतरनाक होता है.
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