उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक ऐसा शख्स चर्चा में है, जिसने साइकिल पर अंगूठी बेचने से लेकर 100 करोड़ की प्रॉपर्टी का मालिक बनने तक का सफर तय किया. नाम है जमालुद्दीन, उर्फ छांगुर बाबा (UP Govt Crackdowns on Changur Baba). लेकिन ये कहानी सिर्फ ‘रंक से राजा’ बनने की नहीं, बल्कि एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने की है. जिसमें विदेशी फंडिंग, लग्जरी गाड़ियां और पुणे में आलीशान कोठियां तक शामिल हैं. मामले में छांगुर बाबा के फाइनेंशियल मास्टरमाइंड का नाम भी सामने आया है. यूपी पुलिस ने छांगुर बाबा को गिरफ्तार कर लिया है. उससे जुड़ी संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई भी की जा रही है.
छांगुर बाबा का 'किला' मिला, घोड़ों का अस्तबल भी 'VVIP', सारे कुत्ते विदेशी नस्ल के
बलरामपुर में छांगुर बाबा की आलीशान कोठी में मार्बल लगा हुआ घोड़े का अस्तबल भी मौजूद है. यहां घोड़ों को भी वीआईपी तरीके से रखा जाता था.

इंडिया टुडे से जुड़े आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक छांगुर बाबा का फाइनेंशियल मास्टरमाइंड मोहम्मद अहमद खान अभी फरार है. यूपी ATS और सिक्योरिटी एजेंसी उसकी तलाश में जुटी है. लेकिन पुलिस ने छांगुर बाबा को गिरफ्तार कर लिया है. जांच में पता चला कि ये बाबा धर्मांतरण का ‘रैकेट' चला रहा था. राजस्थान, लखनऊ, बलरामपुर और पुणे तक ये रैकेट फैला हुआ था.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक छांगुर बाबा ने महाराष्ट्र के पुणे के लोनावला इलाके में करीब 16 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी. जिसमें मोहम्मद अहमद खान और बलरामपुर कोर्ट के क्लर्क राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता देवी पार्टनर हैं.
बलरामपुर में छांगुर बाबा की आलीशान कोठी में मार्बल लगा हुआ घोड़े का अस्तबल भी मौजूद है. रिपोर्ट के मुताबिक यहां घोड़ों को भी ‘वीआईपी’ तरीके से रखा जाता था. इसके साथ ही यहां विदेशी नस्ल के कुत्ते भी पाए गए हैं जिनमें जर्मन शेफर्ड, ब्लैक डॉग और बुलडॉग शामिल हैं. इनका भी बाबा को खासा शौक था और वो इन्हें अपने घर के अंदर ही रखता था. बाबा के इस किलेनुमा घर के अंदर हर वो सामान भी मिला है जिसका इस्तेमाल वो धर्मांतरण के लिए करता था.
अंगूठी और नग बेचता थातीन बीघा में फैली छांगुर बाबा की ये कोठी पूरी तरह से CCTV कैमरों की निगरानी में रहती है. वहां 50 से ज्यादा लोगों के रहने का इंतजाम है. रिपोर्ट के अनुसार कुछ साल पहले तक यही बाबा बलरामपुर की गलियों में अंगूठी और नग बेचने का काम करता था. बाद में वो अचानक गायब हो गया, और फिर जब सामने आया तो बाबा के रूप में दिखा. वो ना सिर्फ धर्मांतरण करवा रहा था, बल्कि करोड़ों की संपत्तियों का मालिक भी बन चुका था.
दुबई से फंडिंगबाबा ने दुबई के एक रोहरा परिवार को पूरी तरह से इस्लाम में धर्मांतरित करा लिया था. 2015 में दुबई में इस परिवार ने इस्लाम कबूल किया. नवीन रोहरा बन गया जमालुद्दीन. नीतू रोहरा बन गई नसरीन. और नाबालिग बेटी सबीहा. इसके बाद इस परिवार के नाम पर पुणे और बलरामपुर में संपत्तियां खरीदनी शुरू हुईं. ATS की जांच में पता चला है कि नसरीन के नाम पर 8 बैंक खाते खोले गए. इनमें 5 करोड़ से ज्यादा की रकम संदिग्ध अकाउंट्स से आई.
वहीं, जमालुद्दीन के खातों में विदेश से 34 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए. ये सब लेन-देन धर्मांतरण से जुड़े कामोें में लगाया गया. इन्हीं पैसों से पुणे, उतरौला, लखनऊ और अन्य जगहों पर संपत्तियां खरीदी गईं.
बाबा का गैंग विरोध करने वालों को फर्जी मुकदमों में फंसाता था. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों की संपत्तियां जब्त होंगी और कड़ी कार्रवाई होगी. ATS और ED अब इस नेटवर्क की गहराई तक जा रहे हैं. इस पूरे रैकेट की जांच की जा रही है.
वीडियो: जासूसी करने के आरोप में UP ATS ने वाराणसी से एक शख्स को गिरफ्तार किया, क्या-क्या पता चला?