ब्रिटेन की नागरिकता पाना अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ऐसा नया नियम पेश किया है, जिसका सीधा असर भारत जैसे देशों पर पड़ेगा जहां से सबसे ज्यादा लोग ब्रिटेन की नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं. नए नियम के अनुसार, अब किसी को ब्रिटेन की नागरिकता पाने के लिए 5 नहीं, बल्कि कम से कम 10 साल तक ब्रिटेन में रहना होगा. यही नहीं, नागरिकता के लिए अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ भी जरूरी होगी. यह भी देखा जाएगा कि आवेदक देश की अर्थव्यवस्था में कितना योगदान दे सकता है.
ब्रिटेन की नागरिकता चाहने वाले भारतीय नए नियम जानकर माथा पीट लेंगे!
अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन में भी प्रवासियों की संख्या छांटने का काम शुरू कर दिया गया है. यहां की नागरिकता मिलना अब आसान नहीं होगा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने नए नियमों का एलान किया है. इसके तहत अगर किसी को ब्रिटेन की नागरिकता चाहिए तो उसे कम से कम 10 साल तक यहां रहना होगा.

प्रधानमंत्री स्टार्मर का कहना है कि उनका लक्ष्य है कि ब्रिटेन में बाहर से आकर बसने वालों की संख्या को कम किया जाए. इसी मकसद से ये सख्त नियम लाए जा रहे हैं. भारत से हर साल हजारों लोग ब्रिटेन की नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं. इसलिए माना जा रहा है कि इन नए नियमों का सबसे बड़ा असर भारतीयों पर ही होगा.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि ब्रिटेन की नागरिकता के लिए सख्त उपायों से जो इमिग्रेशन सिस्टम बनेगा, वो उनके ज्यादा नियंत्रण में और निष्पक्ष होगा. लेबर पार्टी सरकार ने इसे लेकर संसद में श्वेतपत्र भी पेश किया है. इसे ब्रिटेन की गृहमंत्री यवेटे कूपर ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में पेश करेंगी.
हाल ही में ब्रिटेन में स्थानीय चुनावों में इमिग्रेशन विरोधी ‘रिफॉर्म पार्टी’ की बढ़त के बाद स्टॉर्मर पर यह दबाव बढ़ा है कि वह देश में प्रवासियों की संख्या कम करने का उपाय करें. हालांकि, उन्होंने देश में आने वाले विदेशी लोगों की संख्या पर वार्षिक सीमा तय करने से इनकार किया है.
नए नियम में क्या हैं?नए नियमों के तहत नागरिकता के लिए इंतजार की अवधि बढ़ाई गई है. इसमें कहा गया है-
- सभी प्रवासियों को ब्रिटेन में स्थायी निवास के लिए आवेदन करने से पहले यहां एक दशक बिताना होगा. उन्हें देश की इकनॉमी और समाज में वास्तविक और स्थायी योगदान भी दिखाना होगा.
- नए सिस्टम में उन लोगों की प्राथमिकता दी जाएगी, जिनका सामाजिक और आर्थिक योगदान ज्यादा बेहतर होगा. डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े प्रतिभाशाली लोगों के आवेदन पर तेजी से विचार किया जाएगा.
- भाषा को लेकर भी मानक सख्त किए जाएंगे. पहली बार विदेशियों के सभी वयस्क आश्रितों को अंग्रेजी की बेसिक समझ साबित करनी होगी.
इंडिया टुडे ने ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि साल 2023 में भारतीय लोग ब्रिटेन में प्रवासियों का सबसे बड़ा समूह थे. इनमें से तकरीबन 2 लाख 50 हजार नौकरी करने इंग्लैंड जाते हैं. बता दें कि यूके में सालाना इमिग्रेशन में 10 फीसदी की गिरावट के बाद भी ऐसे सख्त उपायों की घोषणा की गई है.
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