केंद्र सरकार ने विदेश में जॉब के नाम पर बुलाकर ठगे गए भारतीयों के मामले में संज्ञान लिया है. सरकार ने 11 दिसंबर को संसद में ये जानकारी दी. इन भारतीयों को सोशल मीडिया पर नौकरी का झांसा देकर फंसाया गया. ये काम कंबोडिया, म्यांमार और लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक में हजारों भारतीयों के साथ हुआ है. सरकार की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि सरकार इन फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने के लिए लगातार अभियान चला रही है.
हजारों भारतीयों को विदेश बुलाया, फिर साइबर ठगी में लगा दिया, सरकार कितनों को बचा पाई?
ये काम कंबोडिया, म्यांमार और लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक में हजारों भारतीयों के साथ हुआ है. सरकार की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि सरकार इन फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने के लिए लगातार अभियान चला रही है.


मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि इन देशों में फंसे भारतीय नागरिकों की सही-सही संख्या पता नहीं है, क्योंकि भारतीय नागरिक अपनी मर्जी से धोखेबाज एजेंसियों और गैर-कानूनी तरीकों से इन स्कैम सेंटर तक पहुंचते हैं. मंत्री ने कहा,
सरकार के ध्यान में आया है कि कुछ संदिग्ध कंपनियां नकली रिक्रूटमेंट जॉब ऑफर में शामिल थीं. उन्होंने भारतीय नागरिकों को अधिकतर सोशल मीडिया के जरिए कंबोडिया, म्यांमार, लाओ PDR जैसे साउथ-ईस्ट एशियाई देशों में नौकरी का लालच दिया. वहां पहुंचने के बाद उनसे इन देशों में चल रहे स्कैम सेंटर से साइबर क्राइम और दूसरी धोखाधड़ी वाली एक्टिविटीज करवाईं.
मंत्री ने कहा कि इन देशों में भारतीय मिशन और पोस्ट्स, बचाव और वापसी के काम को आसान बनाने के लिए लगातार वहां के स्थानीय अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे मिशन भारतीय नागरिकों के बचाव और वापसी के मुद्दे को लोकल विदेश मंत्रालय और संबंधित देश की दूसरी सरकारी एजेंसियों के सामने लगातार उठा रहे हैं. इन एजेंसियों में इमिग्रेशन, लेबर डिपार्टमेंट, होम अफेयर्स, डिफेंस, बॉर्डर अफेयर्स और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियां शामिल हैं.
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अब तक कितने लोगों को बचाया गया?सरकार ने यह तो माना कि अन्य देशों में फंसे लोगों की सही संख्या पता नहीं है. लेकिन सरकार अब तक कितने लोगों को रेस्क्यू कर पाई, ये आंकड़ा मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया है. संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक 6,720 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. इसमें कंबोडिया से 2,265; लाओ PDR से 2,290 और म्यांमार से अब तक 2,165 लोगों को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है.
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