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BITS Pilani के दो स्टूडेंट्स ने इतना शानदार ड्रोन बनाया कि सीधे इंडियन आर्मी से ऑर्डर मिल गया

BITS Pilani में पढ़ने वाले दो स्टूडेंट्स ने वो कारनामा कर दिखाया है जिससे भारत को ड्रोन्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी. मात्र दो महीने पहले शुरू हुए इनके स्टार्टअप के बनाए हुए ड्रोन्स सेना को काफी पसंद आए हैं. अब खबरें हैं कि इनके स्टार्टअप Apollyon Dynamics के बनाए ड्रोन जल्द ही सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाएंगे.

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जयंत और सौर्य के स्टार्टअप का ड्रोन (PHOTO-LinkedIn)

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारत ने एक खास तरह के ड्रोन्स 'कामेकाजि' (Kamikaze Drones) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया. ये वो ड्रोन्स होते हैं जो दुश्मन के ऊपर जाकर डाइव लगाते हैं, और फिर इनमें विस्फोट होता है. पाकिस्तान ने जहां चीनी और तुर्किए के ड्रोन्स इस्तेमाल किए, वहीं भारत ने इजरायली के अलावा कुछ स्वदेशी ड्रोन्स भी इस्तेमाल किए. 

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अब BITS Pilani में पढ़ने वाले दो स्टूडेंट्स ने वो कारनामा कर दिखाया है जिससे भारत को ड्रोन्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी. मात्र दो महीने पहले शुरू हुए इनके स्टार्टअप के बनाए हुए ड्रोन्स सेना को काफी पसंद आए हैं. अब खबरें हैं कि इनके स्टार्टअप Apollyon Dynamics के बनाए ड्रोन जल्द ही सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाएंगे. तो जानते हैं कि कैसे इन लड़कों के बनाए हुए ड्रोन सेना तक पहुंचे, और क्या खास है इनके ड्रोन में.

होस्टल रूम में बनाया ड्रोन

अजमेर, राजस्थान के रहने वाले 20 साल के जयंत खत्री और कोलकाता के शौर्य चौधरी BITS Pilani से इंजीनियरिंग कर रहे हैं. जयंत मेकैनिकल जबकि शौर्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कर रहे हैं. दोनों ने पहले तो अपने होस्टल रूम में ही ड्रोन्स पर काम करना शुरू किया. जब उन्हें लगा कि उनके बनाए हुए ड्रोन्स कारगर हैं, तो उन्होंने Apollyon Dynamics नाम से एक स्टार्टअप खोला. उन्होंने बेकार पड़े कुछ पार्ट्स को जोड़कर एक ड्रोन बनाया. इसे उन्होंने भारत के मौसम, इलाके आदि का ध्यान रखा जिससे इसे ऑपरेट करने में सेना को आसानी हो. अब ड्रोन बन गया, टेस्ट भी हो गया. लेकिन इसे सेना को कैसे दिखाया? इस पर जयंत बताते हैं

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मैंने लिंक्डइन या जहां भी पर सेना से जुड़े जिस किसी को भी देखा, उसे ई-मेल कर अपनी बात रखी. किस्मत से आर्मी के एक कर्नल ने रिप्लाई किया और हमें चंडीगढ़ में अपने ड्रोन का डेमो दिखाने के लिए बुलाया गया.

इसके बाद जयंत और शौर्य ने अपने कामेकाजि ड्रोन से बम गिराकर भी एक लाइव डेमो दिया. आगे भी कई बार अलग-अलग रेजिमेंट्स के सामने ड्रोन्स का डेमो हुआ. और आखिरकार उनकी कंपनी को सेना की ओर से ड्रोन का ऑर्डर मिला. कंपनी का सबसे खास प्रोडक्ट एक कामेकाजि ड्रोन है जिसकी रफ्तार ने फौज को काफी प्रभावित किया. ड्रोन ने 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरी जो कि ज्यादातर ड्रोन्स से तेज है. साथ ही इनके ड्रोन ने 1 किलोग्राम से अधिक का पेलोड बिल्कुल सटीक टारगेट पर गिराया. जयंत बताते है कि उनके ड्रोन को रडार से डिटेक्ट करना संभव नहीं है. यही वजह हे कि सेना को ये ड्रोन्स काफी पसंद आए.

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए दोनों ने बताया कि उनके बनाए हुए प्रोडक्ट्स में मजबूती के साथ किसी भी मौसम या इलाके में ऑपरेशंस करने की क्षमता है. इसके बाद ड्रोन्स को जम्मू, बंगाल और अरुणाचल में भी टेस्ट किया गया. सारे टेस्ट में सफल होने के बाद सेना ने अब इन ड्रोन्स का ऑर्डर दिया है. इसी कड़ी में अब ये टीम भी बड़ी हो गई है. अब टीम में सेकेंड ईयर के 6 और स्टूडेंट्स जुड़ गए हैं. इनका अगला लक्ष्य अब फिक्स विंग और वर्टिकल टेक ऑफ एंड लैंडिंग वाले प्रोडक्ट्स तैयार करना है. साथ ही उन्होंने सेना के लोगों को इसे ऑपरेट करने की ट्रेनिंग देने के भी पेशकश की है. अपने कॉलेज स्टूडेंट्स की इस उपलब्धि पर BITS Pilani के प्रोफेसर संकेत गोयल कहते हैं कि ये देख कर बहुत खुशी होती है कि हमारे बच्चों ने क्या अचीव किया है. ये वाकई शानदार है. 

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वीडियो: रखवाले: ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन का इस्तेमाल कैसे हुआ, एयरफोर्स ऑफिसर ने सब बता दिया

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