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दिल्ली ब्लास्ट केस में आतंकी उमर का साथी तुफैल भट श्रीनगर से अरेस्ट, पाकिस्तान से मिला कनेक्शन

श्रीनगर के बटमालू इलाके के रहने वाले तुफैल नियाज भट को गिरफ्तार किया गया है. वह टेक्नीशियन के तौर पर काम करता था. अधिकारियों के मुताबिक जांच में पुख्ता सबूत मिले हैं, जिनसे यह पता चलता है कि तुफैल दिल्ली ब्लास्ट की प्लानिंग में शामिल था.

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जांच करती पुलिस टीम की फाइल फोटो.

जम्मू-कश्मीर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवतुल हिंद (AGH) के इंटरस्टेट “वाइट कॉलर” टेरर मॉड्यूल में पहली गिरफ्तारी की है. यह मॉड्यूल इसी महीने की शुरुआत में हुए दिल्ली धमाकों के बाद पकड़ा गया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, SIA ने श्रीनगर के बटमालू इलाके के रहने वाले तुफैल नियाज भट को गिरफ्तार किया है. वह टेक्नीशियन के तौर पर काम करता था. अधिकारियों के मुताबिक तुफैल के दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनी, आदिल अहमद राथर, उमर नबी और शाहीन शाहिद से संबंध हैं. इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे SIA को सौंप दिया, जहां उसे इस मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया.

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PAK से कनेक्शन!

एक सीनियर अधिकारी ने अखबार को कन्फर्म किया कि इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने तुफैल नियाज भट को औपचारिक तौर पर अरेस्ट कर लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, नियाज ही वह व्यक्ति था, जिसने पाकिस्तान से आए हैंडलर से AK राइफल ली और उसे GMC अनंतनाग के डॉक्टर तक पहुंचाया. पुलिस का कहना है कि यह राइफल GMC अनंतनाग में डॉ. आदिल अहमद राथर के पास मौजूद एक लॉकर में रखी हुई थी. तुफैल को यह राइफल एक पाकिस्तानी हैंडलर से मिली थी.

एक स्थानीय CID अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि जांच में पुख्ता सबूत मिले हैं, जिनसे यह पता चलता है कि तुफैल दिल्ली ब्लास्ट की प्लानिंग में शामिल था. अब एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि “वाइट कॉलर” आतंकी मॉड्यूल में उसकी भूमिका कितनी बड़ी थी.

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ऐसे पकड़ा गया “वाइट कॉलर” टेरर मॉड्यूल

गौरतलब है कि इस “वाइट कॉलर” टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ अक्टूबर महीने में श्रीनगर के नौगाम में दीवारों पर लगे पोस्टर सामने आने के बाद हुआ. इन पोस्टरों में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को चेतावनी दी गई थी. पोस्टर लगाने के आरोप में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. इनसे पूछताछ के बाद मौलवी इरफान अहमद को गिरफ्तार किया गया. इस पर पोस्टर देने और डॉक्टरों को प्रभावित करने का भी आरोप है.

इसके बाद जांच फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंची, जहां से डॉ. गनी और डॉ शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया. साथ में 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई. पूरे प्रकरण में अब तक चार मुख्य साजिशकर्ताओं समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कोर्ट ने इन्हें 10 दिन की NIA की कस्टडी में भेज दिया है.

वीडियो: NIA ने लाल किला ब्लास्ट में इस्तेमाल हुए विस्फोटक के बारे में क्या बताया?

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