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स्पैम-फ्रॉड कॉल्स से परेशान लोगों को '1600' के बारे में जान लेना चाहिए

TRAI का निर्देश है कि बैंकों, म्युचुअल फंडों और पेंशन फंड कंपनियों को ग्राहकों से बात करने के लिए अपने फोन नंबर्स '1600-सीरीज' वाले नंबरों पर स्विच करना होगा. इससे बैंक के नाम पर होने वाली ठगी को रोका जा सकेगा.

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जल्द ही बैंकों के कॉल 1600 सीरीज के नंबर से आएंगे (India today)

स्पैम कॉल्स (Spam Calls) से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है. अगर आप ‘कंपनी’ के नंबर से आने वाली कॉल की बाढ़ में अपने बैंक के जरूरी कॉल मिस कर देते हैं तो ये खबर बिल्कुल आपके लिए है. या अगर आप कभी भी बैंक के कॉल के नाम पर ठगों के हत्थे चढ़े हैं तब तो ये खबर पूरा पढ़े बिना मत जाइएगा. खबर ये है कि जल्द ही बैंकों से आने वाले फोन के नंबर बदलने वाले हैं. अब ऐसे सभी फोन कॉल्स के नंबर ‘1600’ से शुरू होंगे, जो बैंक से आएंगे. म्युचुअल फंड कंपनी से आएंगे या फिर पेंशन फंड कंपनी से आएंगे. 

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क्योंकि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी TRAI ने बैंकों, म्युचुअल फंड और पेंशन फंड की कंपनियों को साफ निर्देश दिया है कि वह अपने फोन नंबर्स को ‘1600 सीरीज’ के नंबर पर स्विच करें. इससे ग्राहकों को असली कॉल और स्पैम कॉल्स में फर्क करना आसान होगा. साथ ही कॉल के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने में भी मदद मिलेगी. TRAI ने कहा है कि मार्च 2026 से इस व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.

TRAI का ये निर्देश तब आया है, जब दूरसंचार विभाग (DOT) ने ‘1600 नंबरिंग ब्लॉक’ को खासतौर पर सरकारी वित्तीय संस्थानों (Regulated Financial Institutions) को अलॉट कर दिया है. इससे होगा ये कि ग्राहक फ्रॉड करने वाले नंबरों से आने वाली कॉल को उठाने से बचेंगे और ये पहचान कर पाएंगे कि फोन सच में उनके बैंक से आ रहा है या नहीं. 

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अभी करीब 485 फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन्स ‘1600-सीरीज’ का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें 2800 से ज्यादा फोन नंबर्स शामिल हैं. हालांकि, अभी भी बहुत सी वित्तीय कंपनियां आम लोगों की तरह 10 अंकों वाले फोन नंबरों का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे ठगों के लिए लोगों को धोखा देना आसान हो जाता है. TRAI का मानना है कि अब समय आ गया है कि एक तय समय-सीमा के अंदर इस बदलाव को पूरा किया जाए.

इसके लिए TRAI ने तीन चरणों की एक योजना बनाई है. इसके तहत Securities and Exchange Board of India यानी सेबी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और पेंशन फंड (PFRDA) को बारी-बारी से अलग-अलग डेडलाइन्स पर 1600-सीरीज को अपनाना होगा. जैसेः

SEBI के अधीन संस्थानों के लिए 

– म्युचुअल फंड और AMC कंपनियों को 15 फरवरी 2026 तक 1600-सीरीज अपनानी होगी.

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– Qualified Stockbrokers (QSBs) को 15 मार्च 2026 तक यह बदलाव करना होगा.

– SEBI के अन्य इंटरमीडियरी (मध्यस्थ) अपना रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद स्वेच्छा से इस सिस्टम में शामिल हो सकते हैं.

RBI के अधीन संस्थानों के लिए डेडलाइन

– सभी कमर्शियल बैंक चाहे वो सरकारी हों, निजी हों या विदेशी. सभी को 1 जनवरी 2026 तक इस सिस्टम को अपनाना होगा.

– 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की एसेट साइज वाले नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFCs), Payments Banks और स्मॉल फाइनेंस बैंक को 1 फरवरी 2026 तक इस सिस्टम में शामिल हो जाना है.

– बाकी NBFCs, को-ऑपरेटिव बैंक, रीजनल ग्रामीण बैंक और छोटे वित्तीय संस्थानों को 1 मार्च 2026 तक इस सिस्टम को अपनाना होगा.

PFRDA के अधीन संस्थानों के लिए डेडलाइन

– सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियों और पेंशन फंड मैनेजरों को 15 फरवरी 2026 तक इस सिस्टम में शामिल होना जरूरी है.

– TRAI ने यह भी कहा है कि इंश्योरेंस सेक्टर के लिए अंतिम समय सीमा अभी IRDAI के साथ मिलकर तय की जा रही है. इसे बाद में घोषित किया जाएगा.

ग्राहकों को क्या फायदा होगा?

1600-सीरीज अपनाने के बाद वित्तीय कंपनियों से आने वाली कॉल्स ग्राहकों को ज्यादा विश्वसनीय लगेंगी. TRAI का मानना है कि यह बदलाव ग्राहकों का भरोसा बढ़ाएगा. स्पैम कॉल्स में भारी कमी लाएगा और उन फ्रॉड करने वालों को रोकने में मदद करेगा जो खुद को बैंक या पेंशन कंपनी बताकर लोगों को ठगते हैं.

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