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अनंत सिंह विधायकी जीतने की खुशी नहीं मना पाएंगे, दुलारचंद मर्डर केस में नहीं मिली जमानत

Dularchand Yadav Murder Case: जन सुराज पार्टी समर्थक दुलारचंद यादव की चुनाव प्रचार करते समय हत्या कर दी गई थी. आरोप अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगे. इसके बाद, 1 नवंबर की देर रात पटना पुलिस ने उन्हें बाढ़ से गिरफ्तार किया था.

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दुलारचंद मर्डर केस में आरोपी अनंत सिंह जेल में बंद हैं. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

दुलारचंद यादव मर्डर केस में अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज हो गई है. जनता दल यूनाइटेड (JDU) से विधायकी का चुनाव जीते अनंत सिंह को पटना सिविल कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया. 30 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी समर्थक के लिए प्रचार करते समय दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी. आरोप अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगे. इसके बाद, 1 नवंबर की देर रात पटना पुलिस ने अनंत सिंह को बाढ़ से गिरफ्तार किया था.

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न्यायिक हिरासत में रहते हुए अनंत सिंह की तरफ से ये याचिका दाखिल की गई थी. ताकि उन्हें मामले में राहत मिल सके. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि इस हत्याकांड से उनका कोई लेना-देना नहीं है. अनंत सिंह ने खुद को राजनीतिक बदले का शिकार बताते हुए कहा,

इस मामले में हम निर्दोष हैं… मेरी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई संलिप्तता नहीं है. पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोप मेरी राजनीतिक छवि खराब करने के लिए लगाए गए हैं. चुनाव प्रचार के दौरान दोनों राजनीतिक दलों के काफिले आमने-सामने आ गए, जिससे सिर्फ एक मौखिक विवाद हुआ था. इसे लेकर कोई प्लानिंग या साजिश नहीं थी, कोई इरादा भी नहीं था.

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याचिका के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी यही कहा गया कि मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि गंभीर चोटों के कारण हुई थी. गिरफ्तारी के बाद जांच में पूरा सहयोग किया गया. ये भी कहा गया कि अनंत सिंह के पास से कोई ‘हथियार या आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं’ हुई.

इससे पहले, 2 नवंबर को अनंत सिंह को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया था. तब कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद अनंत सिंह को बेऊर जेल ले जाया गया. बताते चलें, दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में उनके पोते ने अनंत सिंह समेत 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.

अनंत सिंह की 2025 में ये दूसरी जेल यात्रा है. 22 जनवरी को अनंत सिंह के समर्थकों और मोकामा के कुख्यात अपराधी सोनू-मोनू गैंग के बीच भिड़ंत हुई थी. दोनों पक्षों के बीच लगभग 70 राउंड फायरिंग हुई. इस केस में कोर्ट ने अनंत सिंह को जेल भेजा था. बाद में जमानत मिलने पर अनंत सिंह अगस्त में जेल से बाहर निकल गए.

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उससे भी पहले, 2022 में जब अनंत को एके-47 मामले में 10 साल की सजा हुई, तो उनकी विधायकी चली गई थी. वो मोकामा से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक थे. बाद में उनकी पत्नी नीलम देवी ने RJD के टिकट पर विधायकी का उपचुनाव लड़ा और जीत गईं. 2024 में पटना हाई कोर्ट ने अनंत सिंह को बरी कर दिया.

वीडियो: दुलारचंद यादव की हत्या पर पोते ने खोले राज, अनंत सिंह के बारे में कही ये बात

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