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साउथ कोरिया में इमरजेंसी लगाने वाले राष्ट्रपति हटाए गए, महाभियोग प्रस्ताव पास, आगे क्या होगा?

South Korea News: राष्ट्रपति यून सुक-योल ने 3 दिसंबर को साउथ कोरिया में मार्शल लॉ यानी इमरजेंसी लगाई थी. फिर, विरोध के बाद 6 घंटे में ही इसे निरस्त भी कर दिया गया था.

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साउथ कोरिया की राष्ट्रीय सभा में राष्ट्रपति यून सुक-योल के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास कर दिया है. (फोटो-इंडिया टुडे)

साउथ कोरिया की राष्ट्रीय सभा (National Assembly) ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के ख़िलाफ़ महाभियोग (Impeachment) का प्रस्ताव पास कर दिया है. राष्ट्रीय सभा साउथ कोरिया की संसद है. मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास की वजह से उनके ख़िलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया गया था. इस प्रस्ताव के पक्ष में 204 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 85 वोट. तीन सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया और आठ मत अमान्य कर दिए गए. संसद में यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति की शक्तियां तत्काल रूप से निलंबित हो गई हैं. अब प्रधानमंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे.

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राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर को साउथ कोरिया में मार्शल लॉ यानी इमरजेंसी लगाई थी. फिर, विरोध के बाद 6 घंटे में ही इसे निरस्त भी कर दिया गया था. उस दिन के बाद से ही यून की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं. विपक्ष और जनता राष्ट्रपति के इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे. उनके ख़िलाफ़ संसद में 7 दिसंबर को भी महाभियोग का प्रस्ताव लाया गया था. हालांकि, इसमें उन्हें सत्ता नहीं गंवानी पड़ी. क्योंकि महाभियोग को पास कराने के लिए दो तिहाई सांसदों के साथ की जरूरत होती है, जो नहीं मिला. साउथ कोरिया के सदन में विपक्ष के पास बहुमत तो था, लेकिन उन्हें महाभियोग प्रस्ताव पास कराने के लिए यून की पार्टी से भी 8 सांसदों का साथ चाहिए था. लेकिन, यून की पार्टी से सिर्फ़ 2 ही लोगों का साथ मिला.

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अब कोर्ट के हाथ में राष्ट्रपति का भविष्य!

इसके बाद दूसरी बार राष्ट्रपति यून के ख़िलाफ़ महाभियोग का प्रस्ताव लाया गया. और इस बार यह संसद से पास हो गया है. 14 दिसंबर को यह प्रस्ताव पास हुआ. द गार्डियन में छपी ख़बर के अनुसार इस प्रस्ताव के पास होने के बाद राष्ट्रपति की सभी शक्तियां निरस्त कर दी गई हैं. और, पारित महाभियोग प्रस्ताव की कॉपी राष्ट्रपति यून और संवैधानिक कोर्ट को सौंप दी गई है. अब कोर्ट के पास 180 दिन का समय है. कोर्ट यह निर्णय करेगा कि राष्ट्रपति की शक्तियों को फिर से बहाल करना है या राष्ट्रपति को पद से हटाना है. अगर कोर्ट राष्ट्रपति यून को दोषी करार देता है तो उन्हें अपने पद से हटा दिया जाएगा. और फिर 60 दिन के अंदर देश में नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा.

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