उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के एक वाकये ने सरकारी हेल्थ सिस्टम की पोल खोल दी. यहां सड़क हादसे में घायल एक व्यक्ति के इलाज में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए CHC इकौना के चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. हालांकि, पीड़ित परिवार इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है और CHC अधीक्षक के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की मांग कर रहा है.
घायल युवक को टांके देने थे, परिवार धागे के लिए तरस गया, यूपी के हेल्थ सेंटर की घटना
इकौना में मॉर्निंग वॉक के दौरान दो सगे भाइयों समेत तीन युवकों को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इस हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायलों को इलाज के लिए CHC इकौना ले जाया गया था.


आजतक से जुड़े पंकज वर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक बीती 17 अक्टूबर को सुबह जिले के इकौना में मॉर्निंग वॉक के दौरान दो सगे भाइयों समेत तीन युवकों को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इस हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायलों को इलाज के लिए CHC इकौना ले जाया गया. गंभीर रूप से घायल एक भाई को बाद में लखनऊ रेफर कर दिया गया.
इस बीच पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. परिवार ने बताया कि CHC में टांके लगाने के लिए उनसे ही धागा मंगवाया गया और बाद में टांके लगाए बिना ही धागा वापस कर दिया गया. पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने बताया,
“डॉक्टर हम लोगों से बोले कि धागा लेकर आओ तब टांका लगेगा. इसके बाद हम जायसवाल मेडिकल गए, दो-तीन बार हमें धागा नहीं मिला. फिर बाद में इमरजेंसी में हमें 105 रुपये का धागा मिला.”
परिवार का ये भी आरोप है कि उनकी शिकायत और राजनीतिक दबाव के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. इन लोगों का कहना है कि उनके आरोपों के बाद सपा, बसपा, कांग्रेस और भारतीय किसान यूनियन से जुड़े नेताओं ने उनसे मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी.
परिवार ने विशेष रूप से CHC इकौना के अधीक्षक डॉक्टर अवनीश तिवारी के कथित गैर-जिम्मेदाराना बयान पर नाराजगी जताई. रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर ने धागा मंगवाने के आरोपों को भ्रामक बताया था. इस बयान ने परिवार का गुस्सा और बढ़ा दिया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए CMO डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने जांच के आदेश दिए. जांच के बाद CHC इकौना में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अंकित कुमार, फार्मासिस्ट नरेंद्र पाल सिंह और वार्ड बॉय सुरेश कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया. बाद में CMO ने मीडिया को बताया,
अधीक्षक पर कार्रवाई की मांग"17 अक्टूबर को सड़क हादसे के दिन ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया. कहीं न कहीं लापरवाही बरती गई, जिससे जनता में आक्रोश है. जांच के बाद तीन कर्मचारियों को हटाया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा."
CMO ने बताया कि CHC अधीक्षक डॉक्टर अवनीश तिवारी की भूमिका की भी जांच की जा रही है. अगर वो दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी. हालांकि, पीड़ित परिवार का कहना है कि केवल कर्मचारियों को हटाने से न्याय नहीं होगा. वो अधीक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण उनके परिजन को उचित इलाज नहीं मिला.
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