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शेहला राशिद पर नहीं चलेगा देशद्रोह का केस, दिल्ली पुलिस ने अर्जी दी, कोर्ट ने स्वीकार कर ली

Shehla Rashid ने 2019 में एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे. उन्होंने भारतीय सेना पर बड़े आरोप लगाए थे. हालांकि, सेना ने इन आरोपों का खंडन किया था.

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कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अर्जी स्वीकार कर ली है. (फाइल फोटो: ANI)

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व स्टूडेंट नेता शेहला राशिद (Shehla Rashid) को 2019 के देशद्रोह के एक मामले में राहत मिली है. दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ मामला वापस लेने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इस आवेदन को स्वीकार कर लिया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनुज कुमार सिंह ने 27 फरवरी को ये आदेश पारित किया. आवेदन में ये दावा किया गया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शेहला के खिलाफ मुकदमा चलाने की अपनी मंजूरी वापस ले ली है.

Shehla Rashid पर केस चल क्यों रहा था?

18 अगस्त 2019 को शेहला ने एक ट्वीट किया था. तब वो ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) से जुड़ी हुई थीं. ट्वीट में उन्होंने भारतीय सेना पर कश्मीर के लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे. एक पोस्ट में उन्होंने लिखा,

सशस्त्र बल रात में घरों में घुस रहे हैं. लड़कों को उठा रहे हैं. घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं. जानबूझकर राशन फर्श पर फैला रहे हैं. चावल में तेल मिला रहे हैं.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा,

शोपियां में 4 लोगों को आर्मी कैंप में बुलाकर उनसे 'पूछताछ' (यातना) की गई. उनके पास एक माइक रखा गया ताकि पूरा इलाका उनकी चीखें सुन सके और आतंकित हो जाए. इससे पूरे इलाके में डर का माहौल बन गया.

Shehla Rashid Tweets to Sedition Case
शेहला राशिद के वो ट्वीट जिनके चलते उनके खिलाफ केस चल रहा था. (फोटो: ANI)

भारतीय सेना ने इन आरोपों का खंडन किया और इन सभी बातों को फेक न्यूज बताया.

इसके बाद अलख आलोक श्रीवास्तव नाम के एक वकील ने शेहला के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. उनके खिलाफ IPC के सेक्शन 153A के तहत मामला दर्ज हो गया. ये धारा अलग-अलग समूहों में दुश्मनी बढ़ाने से जुड़ी थी. जुलाई 2024 में IPC की जगह पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) लाया गया. अब ऐसे मामले BNS के सेक्शन 196 के तहत दर्ज होते हैं. शेहला पर कई और धाराएं भी लगाई गई थीं. 

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उपराज्यपाल ने ही केस चलाने की अनुमति दी थी

इस बात के चार साल बीतने के बाद, अगस्त 2023 में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शेहला के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी. उपराज्यपाल के ऑफिस ने अपने बयान में लिखा था,

जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष और AISA की सदस्य शेहला राशिद के खिलाफ मामला चलाने की मंजूरी दी जाती है. उपराज्यपाल ने सेना के बारे में उनके दो ट्वीट को लेकर केस चलाने की अनुमति दी है. इन ट्वीट्स का उद्देश्य समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना था. 

शेहला राशिद JNU की एक प्रमुख स्टूडेंट लीडर रही हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के मामले में उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट किया था. 

वीडियो: शेहला राशिद ने पिता के गंभीर आरोपों पर क्या जवाब दिया?