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JDU विधायक AIIMS पटना गए, ऐसा बवाल कटा डॉक्टर हड़ताल पर चले गए

डॉक्टरों का आरोप है कि एक सुरक्षा गार्ड को ‘बंदूक के बट से मारा’ गया, जिससे वो घायल हो गया. डॉक्टरों ने ये भी कहा कि ड्यूटी के दौरान उन्हें ‘गाली-गलौज और धमकियां’ दी गईं. RDA ने मामले में तुरंत कार्रवाई ना करने के लिए अस्पताल प्रशासन और पुलिस की निंदा की.

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RDA ने मामले में तुरंत कार्रवाई ना करने के लिए अस्पताल प्रशासन और पुलिस की निंदा की. (फोटो- इंडिया टुडे)

AIIMS पटना के रेजिडेंट डॉक्टरों ने JDU के एक विधायक और उनके सिक्योरिटी गार्ड्स पर धमकी देने और मारपीट करने का आरोप लगाया है. रेजिडेंट डॉक्टरों ने इसके विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है (AIIMS Patna doctors strike). पूरे मामले को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को पत्र भी लिखा है.

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31 जुलाई को मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को लिखे एक लेटर में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने घटना को लेकर ‘गहरी पीड़ा’ व्यक्त की. इसमें रेजिडेंट डॉक्टरों ने सभी वैकल्पिक सेवाओं को तत्काल बंद करने की घोषणा की. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अगस्त को सुबह 9 बजे से डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर सभी इमरजेंसी सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया.

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RDA ने क्या आरोप लगाए?

RDA के अनुसार JDU नेता चेतन आनंद, उनकी पत्नी डॉक्टर आयुषी सिंह और उनके सिक्योरिटी गार्ड 30 जुलाई की रात लगभग 11 बजे ट्रॉमा सेंटर में 'जबरन घुसे' थे. एसोसिएशन ने लेटर में दावा किया है कि उन्होंने अस्पताल के सुरक्षा कर्मचारियों के साथ ‘मारपीट’ की. अस्पताल परिसर में ‘बंदूक लहराई और रेजिडेंट डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी दी’.

डॉक्टरों का आरोप है कि एक सुरक्षा गार्ड को ‘बंदूक के बट से मारा’ गया, जिससे वो घायल हो गया. डॉक्टरों ने ये भी कहा कि ड्यूटी के दौरान उन्हें ‘गाली-गलौज और धमकियां’ दी गईं. RDA ने मामले में तुरंत कार्रवाई ना करने के लिए अस्पताल प्रशासन और पुलिस की निंदा की. लेटर में लिखा है,

"इस घटना की गंभीरता के बावजूद कोई FIR नहीं दर्ज की गई है. प्रशासन ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके न्याय के लिए कोई भी निर्णायक कानूनी या संस्थागत कार्रवाई नहीं की है."

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मामले को लेकर पटना सिटी एसपी (पश्चिम) भानु प्रताप का बयान भी सामने आया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में SP ने कहा,

"30 और 31 जुलाई की दरमियानी रात फुलवारीशरीफ थाने में AIIMS अस्पताल में दो पक्षों के बीच गाली-गलौज और हाथापाई की सूचना मिली थी. मामले में डॉक्टर आयुषी सिंह ने फुलवारीशरीफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें AIIMS के कुछ डॉक्टरों और कर्मचारियों से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया है. उनकी ओर से एक FIR दर्ज कराई गई है, जिसके तहत कार्रवाई जारी है.”

पुलिस अधिकारी ने आगे बताया,

“AIIMS प्रशासन ने भी एक शिकायत दी है. जिसको लेकर भी एक FIR दर्ज की जाएगी. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, और जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी."

विधायक ने क्या कहा?

डॉक्टरों द्वारा लगाए गए आरोपों पर विधायक चेतन आनंद ने अपनी प्रतिक्रिया दी. आनंद ने मीडिया को बताया कि जब वो और उनकी पत्नी अस्पताल में भर्ती एक समर्थक से मिलने गए थे. वहां अस्पताल के कर्मचारियों ने उनके साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया. उन्होंने कहा,

"मैं और मेरी पत्नी 30 जुलाई की रात AIIMS में भर्ती अपने एक समर्थक को देखने गए थे. मुझे अपने सिक्योरिटी गार्ड के साथ अस्पताल में प्रवेश नहीं करने दिया गया. इस पर मेरी पत्नी को बीच में बोलना पड़ा."

उन्होंने आरोप लगाया कि उसी समय, अन्य कर्मचारी आए और उनकी पत्नी के साथ ‘बदसलूकी करने लगे. और उन्हें बुरी तरह पीटा’. विधायक ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी की ‘कलाई और पीठ पर चोटें’ आई हैं. उन्होंने ये भी दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने कुछ देर तक उन्हें ‘बंधक बनाकर’ रखा था.

इस पूरे मामले को लेकर RDA ने चार प्रमुख मांगें रखी हैं. इनमें विधायक आनंद, डॉक्टर आयुषी और उनके सिक्योरिटी गार्ड्स के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज करना शामिल है. डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन से औपचारिक लिखित आश्वासन भी मांगा है, और घटना की सार्वजनिक निंदा की मांग भी की है. इसके अलावा वो अस्पताल में पर्याप्त और स्थायी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और ड्यूटी पर तैनात स्टाफ की सुरक्षा के लिए स्थायी प्रोटोकॉल लागू करने की मांग भी कर रहे हैं.

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