कांग्रेस की भीतरी फूट एक बार फिर खुलकर दिखाई पड़ रही है. इस बार भी विवाद के केंद्र में शशि थरूर हैं. दरअसल शुक्रवार 5 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए डिनर का आयोजन किया गया. इस डिनर में विपक्ष की ओर से सिर्फ कांग्रेस नेता शशि थरूर को बुलाया गया. वह गए भी. लेकिन उनकी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बुलावा नहीं भेजा गया. अब इस बात पर थरूर अपनी पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं.
पुतिन के डिनर में राहुल-खरगे को नहीं बुलाया, थरूर पहुंच गए, अब कांग्रेस बोली- 'उन्हें ये खेल... '
यह पहली बार नहीं है जब Shashi Tharoor अपनी ही पार्टी के सदस्यों की आलोचना का शिकार हुए हैं.


कांग्रेस सांसद शशि थरूर के डिनर में जाने के फैसले पर हैरानी जताते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सवाल किया कि क्या थरूर को इस ‘खेल’ के बारे में पता नहीं था. उन्होंने कहा,
“जब मेरे नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जाता है. लेकिन मुझे किया जाता है तो हमें समझना चाहिए कि यह खेल क्यों खेला जा रहा है, कौन यह खेल खेल रहा है और हमें इसका हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए…”
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि यह काफी हैरानी की बात है कि न्योता भेजा गया और न्योता स्वीकार भी कर लिया गया. हर किसी की अंतरात्मा की एक आवाज होती है.
शशि थरूर क्या बोले?डिनर में शामिल होने से पहले थरूर का बयान भी सामने आया. उनका कहना था कि वह निश्चित रूप से डिनर में शामिल होंगे. थरूर ने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं को न बुलाना सही नहीं है. उन्होंने कहा,
“मुझे नहीं पता कि किस आधार पर न्योता भेजा जा रहा है. लेकिन मैं निश्चित रूप से जाऊंगा. यह सही नहीं है कि विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया है.”
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में डिनर से पहले लिखा गया था कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे दोनों को 5 दिसंबर की रात राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए आयोजित डिनर में आमंत्रित नहीं किया गया. बाद में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने X पर इसकी पुष्टि भी की.
राहुल गांधी ने लगाया था आरोपइससे पहले 4 दिसंबर को राहुल गांधी ने भी ऐसा ही कहा था. उन्होंने मोदी सरकार पर विदेश से आने वाले डेलिगेशन से मिलने के लिए विपक्षी नेताओं को आमंत्रित करने की परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाया था. लेकिन सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया.
सरकार ने नकारासरकार का कहना है कि जब से राहुल गांधी 9 जून 2024 को लोकसभा में विपक्ष के नेता बने हैं, तब से वह कम से कम चार आने वाले राष्ट्राध्यक्षों से मिल चुके हैं. इनमें तत्कालीन बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना भी शामिल हैं.
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पहले भी घिर चुके हैं शशि थरूरबताते चलें कि यह पहली बार नहीं है जब शशि थरूर अपनी ही पार्टी के सदस्यों की आलोचना का शिकार हुए हैं. इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश में इंडियन डेलिगेशन को रिप्रेजेंट करने को लेकर उनकी काफी आलोचना हुई थी. हाल ही में लॉर्ड मैकाले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्पीच में उनकी मौजूदगी और उसके बाद उनकी तारीफ पर भी उनकी पार्टी के साथियों ने नाराजगी जताई थी.
वीडियो: राहुल गांधी ने डॉनल्ड ट्रंप की बात का समर्थन किया तो क्या बोल गए शशि थरूर?











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