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आर्टिकल 370 पर मुहर, केजरीवाल को बेल... अगले CJI संजीव खन्ना ने बहुत बड़े फैसले सुनाए हैं

संजीव खन्ना देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है.

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संजीव खन्ना की अनुशंसा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने की थी | फोटो: आजतक

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस संजीव खन्ना भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) होंगे. जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर को नए CJI पद की शपथ लेंगे. वो देश के 51वें चीफ जस्टिस होंगे. उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का रहेगा. संजीव खन्ना 13 मई 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे. इसी तारीख को वो रिटायर भी हो रहे हैं. 

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वर्तमान CJI डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए, कानून मंत्रालय निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश से अनुशंसा मांगता है. 12 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने CJI चंद्रचूड़ को एक लेटर भेजा था. इसमें उनसे अपने उत्तराधिकारी का नाम देने की गुजारिश की गई थी. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस संजीव खन्ना का नाम सुझाया था. गुरुवार, 24 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CJI के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना के नाम पर मुहर लगा दी.

Sanjiv Khanna की बड़े फैसलों में भूमिका

पिछले कुछ सालों के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं. इनमें VVPAT का सत्यापन, इलेक्टोरल बॉन्ड, आर्टिकल 142 के तहत तलाक जैसे मामले शामिल हैं. इन सभी में संजीव खन्ना की अहम भूमिका रही. जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगाने वाली पीठ में भी जस्टिस संजीव खन्ना मौजूद थे. जस्टिस संजीव खन्ना उन दो न्यायाधीशों की पीठ के भी अगुआ रहे जिसने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी.

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14 मई, 1960 को पैदा हुए खन्ना ने 1983 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को एक एडवोकेट के तौर पर जॉइन किया. शुरुआत में उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की.

2004 में उनको राजधानी दिल्ली का स्टैंडिंग काउंसिल (सिविल) बनाया गया. एक साल बीता तो उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट में एडिशनल जज बनाया गया. 2006 में उन्हें यहां परमानेंट जज बना दिया गया. दिल्ली हाई कोर्ट में काम करते हुए जस्टिस खन्ना, दिल्ली ज्यूडिशियल एकेडमी के चेयरमैन या जज-इन-चार्ज के पद पर भी रहे. उन्होंने दिल्ली इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर और डिस्ट्रिक्ट मेडिएशन सेंटर्स की जिम्मेदारी भी संभाली.

इसके बाद 18 जनवरी, 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया. यहां काम करते हुए 17 जून, 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक वो सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे. वर्तमान में वो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं.

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वीडियो: ऐसा क्या हुआ कि CJI चंद्रचूड़ को वकीलों से एक नहीं दो-दो बार मांगनी पड़ी माफ़ी?

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