The Lallantop

अगर वीजा में दिक्कत हुई तो... अमेरिकी विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, हर मुद्दे पर की सीधी बात

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने मीटिंग में वीज़ा में देरी के मामले को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) के सामने द्विपक्षीय बैठक में उठाया. वीज़ा व्यवस्था का मुद्दा इस समय अमेरिका में काफी संवेदनशील बना हुआ है.

post-main-image
क्वॉड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो. (फोटो- पीटीआई)

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश कहे जाने वाले United States of America (USA) में नई सरकार बन चुकी है. Donald Trump राष्ट्रपति चुने गए हैं. वह कई बार कह चुके हैं कि वीज़ा (Visa) के नियमों को लेकर सख्ती करेंगे. इस बीच 22 जनवरी को नए ट्रंप प्रशासन पहली बड़ी बैठक हुई. आधिकारिक तौर पर यह बैठक क्वाड देशों की थी. इसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री शामिल हुए. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने मीटिंग में वीज़ा में देरी के मामले को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) के सामने द्विपक्षीय बैठक में उठाया. 

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जयशंकर ने मीटिंग में कहा,

जब कई नियमों और प्रक्रियाओं की बात आई तो मैंने वीज़ा में देरी के बारे में कुछ चिंताएं मीटिंग में रखीं. अमेरिकी वीज़ा को लेकर भारत में काफी दिक्कत हो रही है. अगर लोगों को वीज़ा मिलने में इतने दिन लगेंगे तो अच्छे रिश्ते कायम रहना मुश्किल हो सकता है. वीज़ा में देरी की वजह से कारोबार और टूरिज़्म पर प्रतिकूल असर पड़ता है. 

गौरतलब है कि वीज़ा व्यवस्था का मुद्दा इस समय अमेरिका में काफी संवेदनशील बना हुआ है. ट्रंप की ही पार्टी के कुछ लोगों का मानना है कि बाहर से आने वाले लोगों को दिए जाने वाले H-1B वीज़ा को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा रोज़गार अमेरिकियों को ही मिले सके. इसे लेकर बीते दिनों ट्रंप ने कहा था कि दुनियाभर के टैलेंटेड लोगों को अमेरिका आने से रोकना नहीं चाहिए. अब विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मुद्दे को उठाया है. साल 2023 में अमेरिका ने 3,86,000 H-1B वीज़ा दिए थे. इनमें से तीन-चौथाई वीज़ा भारतीयों को मिले थे.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री की तरफ से "अवैध प्रवासियों" का मुद्दा भी उठाया गया. बैठक के बाद अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से कहा गया कि रुबियो ने भारत के साथ आर्थिक रिश्ते बढ़ाने और अवैध प्रवासियों से जुड़ी चिंता को दूर करने के लिए अमेरिकी सरकार की इच्छा पर ज़ोर दिया है. 

इस पर जयशंकर ने कहा, 

हमारा हमेशा से यह मानना ​​रहा है कि अगर हमारे नागरिक यहां कानूनी तौर पर नहीं हैं तो हम हमेशा उनके वैध तरीके से भारत लौटने के लिए तैयार हैं. हम लगातार इस बारे में दृढ़ रहे हैं. हम इस बारे में बहुत-ही सैद्धांतिक रहे हैं. मैंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को इस बारे में साफ तौर से बता दिया है. 

relationship well served if eam jaishankar flags visa delays with marco rubio
18 हजार ऐसे भारतीय हैं जिनके पास अमेरिका में रहने के लिए पर्याप्त वैध दस्तावेज नहीं हैं. (फोटो- इंडिया टुडे)

इससे इतर जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत चाहता है कि भारतीय लोगों के टैलेंट को ग्लोबल लेवल पर मौके मिलें. हम अवैध प्रवासियों का विरोध करते हैं क्योंकि यह सैद्धांतिक तौर पर सही नहीं है. इससे कई तरह के गैर-कानूनी काम होते हैं. अमेरिकी प्रशासन के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 18 हज़ार ऐसे भारतीय हैं जिनके पास वहां रहने के लिए वैध डॉक्युमेंट नहीं हैं. अमेरिका की नई सरकार इन्हें वापस भारत भेजने की तैयारी कर रही है. 

वीडियो: दुनियादारी: बांग्लादेश, शेख हसीना का प्रत्यर्पण क्यों चाहता है? क्या भारत वापस भेजेगा?