तुलसी पीठ के संस्थापक और धर्मगुरु रामभद्राचार्य के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. उनका कहना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में पहुंचकर उन्हें मिनी पाकिस्तानी जैसा लगता है. रामभद्राचार्य ने ये भी कहा है कि भारत में हिंदुओं पर बहुत संकट है. उनके बयान पर समाजवादी पार्टी (SP) के नेता और पूर्व सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने सवाल खड़े किए हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के यूपी प्रमुख भूपेंद्र सिंह की भी प्रतिक्रिया आई है.
'पश्चिमी यूपी आकर मिनी पाकिस्तान जैसा लगता है'... राम कथा के दौरान रामभद्राचार्य का विवादित बयान
Rambhadracharya ने ये दावा भी कर दिया कि हिन्दुओं पर बहुत संकट है. उन्होंने कहा कि हम अपने ही देश में हिंदू धर्म को न्याय नहीं दे पा रहे हैं.


आजतक के इनपुट के मुताबिक, मेरठ के भामाशाह पार्क में जगद्गुरु रामभद्राचार्य की कथा चल रही है. इसी कथा के दौरान गुरुवार, 11 सितंबर को उन्होंने कहा,
आज हिन्दुओं पर बहुत संकट है. हम अपने ही देश में हिंदू धर्म को उतना न्याय नहीं दे पा रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आकर लगता है, मानो ये मिनी पाकिस्तान है. तो अब हमें मुखर होना है. हम ऐसा नहीं होने देंगे, चाहे कुछ भी हो जाए. इसलिए अब हर घर में हिंदू धर्म की पाठशाला बनानी ही पड़ेगी. हर माता पिता को अपने बच्चों को हिंदू धर्म की शिक्षा देनी ही पड़ेगी.
रामभद्राचार्य के विवादित बयान का जो हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल है, उसमें उन्होंने कहा,
एक और बात बताऊं, हिंदू धर्म (सनातन धर्म) ही एक ऐसा धर्म है, जहां वसुधैव कुटुम्बकम कहा जाता है. हम पूरी वसुधा को अपना कुटुंब मानते हैं. हमारा किसी से कोई द्वेष नहीं है. लेकिन एक बात है. भूल कर भी किसी को ना छेड़ेंगे हम. लेकिन छेड़ने पर किसी को ना छोड़ेंगे हम. बहुत सहन कर लिया. हमारे देश को नपुंसक बना दिया गया था.
SP नेता एसटी हसन ने रामभद्राचार्य के बयान पर सवाल खड़ा करते हुए कहा,
वो पाकिस्तान बताकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अपमान कर रहे हैं. पाकिस्तान ने जो कुछ किया है और जिस तरह से वो बना है, सबको मालूम है कि वो देश क्या है. हम सारे मुसलमान क्या आतंकवादी हैं, जो वो पाकिस्तान बता रहे हैं. कहना क्या चाहते हैं, कम से कम उन्हें बोलने से पहले सोचना चाहिए.
वहीं, यूपी BJP के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह से भी आध्यात्मिक गुरु रामभद्राचार्य के बयान पर सवाल पूछा गया. जवाब में उन्होंने कहा,
ये उनका (रामभद्राचार्य) निजी विचार है. निश्चित रूप से (पश्चिमी यूपी) देश का हिस्सा है. देश और प्रदेश के विकास के लिए हम सभी उत्तर प्रदेश के लोग योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काम कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य शिक्षक और संस्कृत भाषा के विद्वान बताए जाते हैं. जन्म के कुछ महीने बाद ही उनके आंखों की रोशनी चली गई थी. बताया जाता है कि रामभद्राचार्य ने 100 से ज्यादा किताबें लिखी हैं. वो 22 भाषाओं के जानकार बताए जाते हैं. भारत सरकार ने साल 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. उन्हें हाल ही में साल 2023 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से भी नवाजा गया था.
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