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राजस्थान के स्कूलों में 'गौ माता' के बारे में पढ़ाया जाएगा, उपचुनाव से पहले मिल सकता है राज्यमाता का दर्जा

Rajasthan में कुछ दिन पहले गोवंश को आवारा कहने पर प्रतिबंध लगाया गया. और अब उनको स्कूल के सिलेबस में शामिल करने की तैयारी है. राज्य सरकार प्राइमरी स्कूल के किताबों में गाय पर आधारित एक चैप्टर शामिल कर सकती है.

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राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसकी सूचना दी है. (एक्स)
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शरत कुमार

राजस्थान (Rajasthan By election) में उपचुनाव होने हैं. जिससे पहले राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हैं. इस बीच राज्य में सत्ताधारी दल बीजेपी गाय पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रही है. कुछ दिन पहले गौवंश को आवारा कहने पर प्रतिबंध लगाया गया था. और अब गाय को सरकारी स्कूलों के सिलेबस का भी हिस्सा बनाने की तैयारी है. राज्य सरकार प्राइमरी स्कूल के किताबों में गाय पर आधारित एक चैप्टर शामिल कर सकती है. राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसकी सूचना दी है.

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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, 

 हम विद्वानों और एक्सपर्ट्स से बात करेंगे. और संभव हुआ तो प्राइमरी स्कूल की किताबों में गौ माता के संबंध में जानकारी देने की कोशिश करेंगे. साथ ही हम गौ माता पर अच्छी फिल्में भी दिखाने का प्रयास करेंगे. हालांकि इस विषय पर पहले विशेषज्ञों और विद्वानों से चर्चा की जाएगी.

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गाय को आवारा कहने पर प्रतिबंध

हाल ही में राजस्थान के पशुपालन विभाग ने गोवंश के आवारा कहने पर प्रतिबंध लगा दिया था. विभाग ने आवारा के बदले 'निराश्रित' शब्द का प्रयोग करने के लिए कहा था. पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने गाय को सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा बताया. और सार्वजनिक स्थानों पर असहाय अवस्था में घूमने वाली गायों के लिए आवारा के बजाय 'बेसहारा' या 'निराश्रित' कहकर संबोधित करने का फैसला किया.

गाय को राज्यमाता का दर्जा दिलाने की मांग

महाराष्ट्र सरकार ने देशी गाय को राज्य माता का दर्जा दिया है. जिसके बाद से राजस्थान में भी गाय को राज्य माता बनाने की मांग की जा रही है. राजस्थान में बीजेपी और निर्दलीय विधायकों ने गाय को राज्यमाता का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ एक कैंपेन शुरू किया है. उनकी मांग है कि गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया जाना चाहिए. राजस्थान सरकार ने भी इस मामले में सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि वो जल्द से जल्द इस पर फैसला करेंगे. अभी तक बीजेपी और निर्दलीय मिलाकर कुल 31 विधायकों ने इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को चिट्ठी लिखी है.

राजस्थान में सात विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इनमें दौसा, देवली-उनियारा, झुंझनुं, रामगढ़, चौरासी, सलूंबर और खींवसर सीट शामिल है.  25 अक्टूबर तक इन सीटों के लिए कुल 118 नॉमिनेशन फाइल हुए थे. जिनमें 11 रद्द हो चुके हैं. नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है.

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