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बंगाल में SIR की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, 58 लाख नाम कटे, अब आगे क्या?

Bengal SIR Draft List: चुनाव आयोग ने वोटर की ड्राफ्ट लिस्ट CEO, पश्चिम बंगाल की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी है. जिन लोगों का नाम लिस्ट से हटाया गया है, वे फॉर्म 6 में बताए गए डॉक्यूमेंट्स के साथ अपना नाम जुड़वाने का दावा कर सकते हैं.

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बंगाल में 14 फरवरी को फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी. (Photo: ITG/File)

बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण, SIR की प्रक्रिया के बीच चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 58 लाख से ज्यादा वोटरों के नाम हटाए गए हैं. इनमें से अधिकतर या तो मृत थे या उनका पता बदल गया है या फिर उनका पता नहीं चल पाया है यानी लापता हैं. हालांकि, जिन वोटरों के नाम हटाए गए हैं, उनके पास अभी भी उस पर आपत्ति करने और अपना दावा करने का मौका है.

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चुनाव आयोग ने वोटर की ड्राफ्ट लिस्ट CEO, पश्चिम बंगाल की ऑफिशियल वेबसाइट ceowestbengal.wb.gov.in/Electors पर उपलब्ध करा दी है. साथ ही चुनाव आयोग के वोटर पोर्टल voters.eci.gov.in और ECINET एप्लीकेशन पर भी लिस्ट उपलब्ध है. इसके अलावा हटाए गए वोटरों की लिस्ट अभी कमीशन के पोर्टल लिंक ceowestbengal.wb.gov.in/asd_sir पर देखी जा सकती है.

किन कारणों से कटे नाम?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ड्राफ्ट लिस्ट में कुल 58,20,898 वोटरों के नाम हटाने की पहचान की गई है. इसमें लगभग 24,16,852 ऐसे वोटर हैं, जिन्हें मृत घोषित किया गया है. इसके अलावा 19,88,076 ऐसे वोटर हैं, जो या तो स्थायी रूप से दूसरी जगह चले गए हैं या माइग्रेट कर गए हैं. वहीं 12,20,038 वोटर्स लापता घोषित किए गए हैं. यानी दिए गए पते पर वह मिले ही नहीं. वहीं 1,38,328 नामों को डुप्लीकेट, गलत या फर्जी एंट्री के तौर पर पहचाना गया है. इसके अलावा "अन्य कारणों" से 57,604 और नामों को हटाने का प्रस्ताव दिया गया है.

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बहरहाल, जिन लोगों का नाम लिस्ट से हटाया गया है, वे फॉर्म 6 में बताए गए डॉक्यूमेंट्स के साथ अपना नाम जुड़वाने का दावा कर सकते हैं. मालूम हो कि बंगाल समेत 12 राज्यों में 4 दिसंबर को SIR की प्रक्रिया शुरू हुई थी. यह फरवरी 2026 तक चलेगी. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले 14 फरवरी, 2026 को फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी.

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विवादों में रहा SIR

हालांकि, बंगाल में SIR प्रक्रिया काफी विवादों में रही. इस दौरान BLOs की मौत और खुदकुशी, अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए समेत कई मुद्दे उठे. इसे लेकर बंगाल की सत्तारूढ़ दल टीएमसी चुनाव आयोग और भाजपा पर हमलावर रही. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत पूरी टीएमसी लगातार इसका विरोध करती आई है.

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वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: SIR की डेडलाइन चुनाव आयोग क्यों बढ़ा रहा?

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