पुणे के पिंपरी-चिंचवड में बोर्ड परीक्षा के दौरान विवाद खड़ा हो गया. 10वीं की छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे परीक्षा में बैठने के लिए बुर्का उतारने के लिए कहा गया. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद छात्रा को चेहरे पर नकाब पहनकर परीक्षा देने की इजाज़त दी गई. हालांकि, स्कूल प्रशासन ने इस दावे को खारिज कर दिया है. यह घटना शनिवार, 1 मार्च, 2025 को निगडी प्राधिकरण के CMS स्कूल में हुई.
'बुर्का पहनकर मुझे एग्जाम में जाने से रोका... ' छात्रा ने लगाए आरोप, तो अधिकारियों ने क्या बताया?
Pune के पिंपरी-चिंचवड में बुर्का पहनी छात्रा ने स्कूल प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है. छात्रा ने दावा किया है कि स्कूल प्रशासन ने उसे बुर्का पहनने की वजह से 10वीं की परीक्षा में बैठने से रोक दिया. हालांकि, स्कूल प्रशासन ने इस दावे को खारिज किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा ने बताया कि वो सुबह 10:15 बजे अपने पिता के साथ परीक्षा केंद्र पहुंची थी. आरोप है कि 10:30 बजे जब वो क्लासरूम में जाने लगी, तो गेट पर मौजूद टीचर्स ने उसे बुर्का हटाने के लिए कहा. छात्रा ने इनकार कर दिया, जिसके बाद उसे अंदर नहीं जाने दिया गया.
छात्रा पास के बीना स्कूल में पढ़ती है. छात्रा ने आरोप लगाया कि इस विवाद की वजह से उसके 20-25 मिनट बर्बाद हो गए, जिसे वह रिवीजन के लिए इस्तेमाल कर सकती थी.
छात्रा के पिता महबूब शेख ने आरोप लगाया कि शुरुआत में उनकी बेटी को परीक्षा हॉल के बाहर बुर्का छोड़ने के लिए कहा गया. उन्होंने सफाई दी कि उनकी बेटी ने टीचर्स को जांच करने के लिए नहीं रोका. आरोप है कि टीचर्स ने उसे बुर्का बाहर रखने के लिए कहा. मेरी बेटी ने इनकार कर दिया.
छात्रा के पिता ने कहा कि मैंने स्कूल प्रशासन से इस मामले में सरकारी गाइडलाइंस दिखाने के लिए कहा, लेकिन वो ऐसा कुछ नहीं दिखा सके. जब मैंने पुलिस बुलाई, तब जाकर मेरी बेटी को बुर्के के साथ परीक्षा में बैठने दिया गया. शेख ने दावा कि अथॉरिटीज ने उनकी बेटी को सोमवार, 03 मार्च को होने वाली परीक्षा में बैठने से रोकने की धमकी दी है.
अधिकारी क्या बोले?छात्रा और उसके पिता के दावे को CMS स्कूल के चेयरमैन टीपी विजयन ने खारिज कर दिया. विजयन ने कहा कि टीचर्स ने छात्रा से केवल नकाब उतारने के लिए कहा था ताकि उसका चेहरा देखा जा सके और एडमिट कार्ड से मिलान किया जा सके. यह सब तय गाइडलाइंस के तहत किया जा रहा था.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे टीचर्स ने छात्रा को बुर्का उतारने के लिए कभी नहीं कहा. ये एक गैरजरूरी विवाद पैदा किया गया है. सोमवार और बाकी दिनों की परीक्षा में भी छात्रा बुर्का पहनकर परीक्षा दे सकती है.
इस मामले में निगडी पुलिस इंस्पेक्टर शत्रुघ्न माली ने कहा कि हमारे पास छात्रा के पिता का कॉल आया, और हम तुरंत मौके पर पहुंचे. हमने टीचर्स और पैरेंट्स से बात की. छात्रा को एग्जाम में बैठने दिया गया. यह मामला शिक्षा विभाग और स्कूल के बीच का था. पुलिस का इसमें कोई रोल नहीं था.
पिंपरी-चिंचवड म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (PCMC) एजुकेशन ऑफिसर संगीता बांगड़ ने कहा कि अथॉरिटीज को छात्रा के बुर्का पहनकर परीक्षा देने से कोई दिक्कत नहीं थी. वे केवल एडमिट कार्ड पर मौजूद फोटो से छात्रा के चेहरे का मिलान करना चाहते थे. बांगड़ ने बताया कि छात्रा को 10:40 बजे परीक्षा हॉल में बैठने दिया गया. टीचर्स केवल राज्य बोर्ड के नकल-मुक्त परीक्षा अभियान के तहत अपनी ड्यूटी निभा रहे थे.
बांगड़ ने कहा कि टीचर्स तय प्रक्रिया का पालन कर रहे थे. छात्रा का चेहरा आइडेंटिटी कार्ड से मैच करना जरूरी था. छात्रा उन्हें ऐसा करने से मना कर रही थी. उसने नकाब उतारने से मना कर दिया. बांगड़ ने बताया कि पहली परीक्षा मराठी की थी, जिसमें छात्रा बिना बुर्का या हिजाब पहनकर आई थी. लेकिन शनिवार, 01 मार्च को दूसरी परीक्षा में वो बुर्का पहनकर आई. छात्रा की फ्रेंड्स को कोई दिक्कत नहीं थी, उन्होंने कोई समस्या पैदा नहीं की.
वीडियो: "बाल पकड़कर पटका, लाठी से मारा..." पुलिसवाले ने छात्रों को बेरहमी से पीटा, सस्पेंड कर दिए गए