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ED ने नगर निगम अधिकारी के घर रेड की, इतना माल मिला कि अधिकारी भी दंग रह गए!

Mumbai के Vasai Virar क्षेत्र में अवैध बिल्डिंग बनाई थीं. इस मामले में एक VVMC अधिकारी की साठगांठ के संकेत मिले थे. ED ने सरकारी अधिकारी के ठिकाने पर रेड की तो करोड़ो रुपये की ज्वेलरी और कैश बरामद हुआ.

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ED ने छापेमारी में बरामद किया करोड़ों का सोना और डायमंड. (India Today)
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दिव्येश सिंह

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 और 15 मई को मुंबई के वसई-विरार के अवैध निर्माण मामले में बड़ी छापेमारी की. ED की मुंबई जोनल ऑफिस-II की टीम ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत मुंबई और हैदराबाद में कुल 13 ठिकानों पर रेड मारी. छापेमारी में एक सरकारी अधिकारी के घर से भारी मात्रा में नकद, सोने-चांदी के आभूषण और दस्तावेज बरामद किए गए, जिनकी कुल कीमत करीब 33 करोड़ रुपये है.

इंडिया टुडे से जुड़े दिव्येश सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, ED ने वसई-विरार नगर निगम में टाउन प्लानिंग के डिप्टी डायरेक्टर वाईएस रेड्डी के घर पर छापेमारी की. यहां से 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये की डायमंड ज्वेलरी और बुलियन (कीमती धातु) बरामद किए गए. इसके अलावा कुछ दस्तावेज भी पाए गए, जो इस बड़े घोटाले के कई राज खोल सकते हैं.

मामला वसई-विरार नगर निगम (VVMC) क्षेत्र में अवैध निर्माण से जुड़ा है. यहां सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध इमारतों का निर्माण हुआ था. इनमें से 41 इमारतें ऐसी जमीनों पर बनाई गईं, जो पहले से 'सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट' और 'डंपिंग ग्राउंड' के लिए रिजर्व थीं.

आरोपियों ने लोगों को ये इमारतें बेच दी. आरोप है कि इन्हें पहले से पता था कि इमारतें गैरकानूनी हैं, और उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसके बावजूद इमारतों की बिक्री की गई. हाई कोर्ट ने पहले ही इन अवैध इमारतों के ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया था. फरवरी 2025 में सभी 41 इमारतों को गिरा दिया गया था.

ED ने मीरा भयंदर पुलिस कमिश्नरेट में दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि इन अवैध इमारतों के निर्माण में वसई-विरार नगर निगम के कुछ अधिकारियों की भी मिलीभगत थी. इस मामले में प्रमुख आरोपी सीताराम गुप्ता, अरुण गुप्ता और अन्य हैं.

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